Find the Latest Status about दर्मियान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दर्मियान.
officiallyharsh
Farhan Raza Khan
कभी दोबारा दिल लगा तो तुमसे ही लगेगा, तेरे मेरे दर्मियान मजबूरियां थीं नफरतें नहीं।। KABHI DOBARA DIL LAGA TO TUMSE HI LAGEGA, TERE MERE DARMIYAN MAJBOORIYAN THIN NAFRATE NAHI... #NojotoQuote कभी दोबारा दिल लगा तो तुमसे ही लगेगा, तेरे मेरे दर्मियान मजबूरियां थीं नफरतें नहीं।। KABHI DOBARA DIL LAGA TO TUMSE HI LAGEGA, TERE MERE DA
Ananya ThaKur
आज फिर वो बरसात तेरी याद ले आई दिल में लाखों सवालात ले आई ज़िन्दगी ने कैसा ये मंज़र दिखा दिया हमारे दर्मियान दूरियों का समंदर बिछा दिया आज फिर वो बरसात तेरी याद ले आई दिल में लाखों सवालात ले आई ज़िन्दगी ने कैसा ये मंज़र दिखा दिया हमारे दर्मियान दूरियों का समंदर बिछा दिया आज
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# ये कैसा राबता रखा तुमने।। ना करीब आने दिया।। ना दूर जाने दिया।। दूर इतने थे कि पास होने का एहसास इस कदर दिल को कचोट रहा था।। पास इतने थे कि दूर जाने का ये सैलाब दिल को दहला रहा है।। कुछ तो अभी भी बाक़ी है तेरे मेरे दर्मियान।। जज्ज़बातो के समुंदर में यूं बहने न देना ।।। मेंने देखी है वहीं अरमानों से लिखी वो चिट्ठी जो बोतल में बंद करके तेर रही थी समुंदर की लहरों में।। यूं ढुपकियो में ना सिमट कर रह जाए हमारी मोहब्बत के कुछ पन्नों ।। जिसमें कितनी हक़ीक़त भरे अफसाने, अपने दिल की स्याही को बेपनाह मुहब्बत के कतरो को बटोर कर कलम से यूंही पन्नों पर उतार दिया था।।। कदर कर ज़ालिम कदर कर।।। यूं ही नहीं मिल जाती है ।। सच्ची मोहब्बत ।। #bottle #dil #emotions #love #yqdidi #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# ये कैसा राबता रखा तुमने।। ना करीब आने दिया।। ना दूर जाने
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ताउम्र परवाजे परिंद जो आसमान में थे ,अपने इसी जोशे मार्फत ही वो उड़ान में थे//१ तेरे*मंसूबों के*पैकर जो मेरे ध्यान में थे, तमाम *जीस्त के मंज़र भी मेरे ही मकान में थे//२ * जुगनू_ए_लम्स सजे थे मेरे दामन में,तेरे वजूदे तसव्वूरात भी मेरे ही*गुमान में थे//३ किसी की*गर्विदा_उल्फत थी मुझपे मेहरबान,और *सरकशे*लश्कर भी मेरे ही *दर्मियान में थे//४ पढ़ रही हूं,मैं सरकशो की *चश्मे*तहरीर,कि ये सोजे दर्द भी शुमार मेरे ही बयान में थे//५ सभी बेवफ़ा यहाँ उनको वफ़ाशियार लगे ,ये साजिशे *ऊंवा भी उल्फत के ही *इम्तिहान में थे//६ तेरी *कुर्बत भी वो पाता तो कैसे शमा, तेरा*बेबाक होना भी तेरी ही ज़ुबान में थे//७ ShamawritesBeba ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #बादल#चांद ताउम्र परवाजे परिंद जो आसमान में थे,अपने इसी जोशे मार्फत ही वो उड़ान में थे//१ तेरे*मंसूबों के*पैकर जो मेरे ध्यान में थे,तमाम *जी
JALAJ KUMAR RATHOUR
यार कॉमरेड, पता नहीं क्यूं आज तुम्हारी याद आ गई।शायद भूलना याद रखने से ज्यादा कठिन होता है।मैंने तुम्हारी तस्वीरों और तुम्हारे दिए खतों को बहा दिया है गंगा में। शायद हम जैसे दो विपरीत ध्रुवों को मिलाने के ,उनके द्वारा किए गए पाप धूल जाए।लेकिन सच कहूं यार हम विपरीत ध्रुवों से जरूर थे लेकिन एक आकर्षण बल जरूर था हमारे दर्मियान, जो हमें एक दूसरे से करीब लाता था।अंग्रेजी के ट्यूशन की पहली मुलाकात से लेकर चौराहे पर हमारी नज़रों का एक दूसरे से मिलकर बंट जाने तक, मैंने तुम्हारे संग मेरे जीवन के बेहतरीन पलो को जिया था।हमारे बीच ये अच्छा था कि हमने कभी कोई वादे नहीं किए।हां कुछ सपने जरूर देखे थे।वो सपने जिनका सच होना मेरे लिए सपनों की तरह होगा।सपने तो तुम्हारे भी थे ना।बहुत दूर जाने के।खुद का नाम बनाने के और एक सेल्फ डिपेंडेंट लड़की बनने के।तुम्हारे इंन सपनों के बीच में खड़ा था मैं अपने सपनों की कुर्बानी देने के लिए।क्युकी तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान मेरा पहला और आखिरी सपना था और तुम्हे भूलना आज भी मेरी आखिरी ख्वाहिश।....#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, पता नहीं क्यूं आज तुम्हारी याद आ गई।शायद भूलना याद रखने से ज्यादा कठिन होता है।मैंने तुम्हारी तस्वीरों और तुम्हारे दिए खतों को ब
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
ग़ज़ल--- ताउम्र परवाजे परिंद जो आसमान में थे, अपने इसी जोशे मार्फत ही वो उड़ान में थे//१ तेरे*मंसूबों के*पैकर जो मेरे ध्यान में थे, तमाम *जीस्त के मंज़र भी मेरे ही मकान में थे//२ *योजना*इकठ्ठा*जिंदगी *लम्स के जुगनू सजे थे मेरे दामन में तेरे वजूदे तसव्वूर भी मेरे ही*गुमान में थे//३ *स्पर्श*अस्तित्व की कल्पना*सोच किसी की*गर्विदा*उल्फत थी मुझपे मेहरबान, और *सरकशे*लश्कर भी मेरे ही *दर्मियान में थे//४ *गर्वित होना*प्रेम**जल्लाद* भा री भीड़ * बीच में पढ़ रही थी मैं सरकशो की *चश्मे*तहरीर,कि शुमार ये सोजे दर्द भी मेरे ही बयान में थे//५ *आंख**सुलेख*सम्मिलित सब बेवफ़ा यहाँ सबको वफ़ाशियार लगे,ये साजिशे *ऊंवा भी मेरी उल्फत के ही *इम्तिहान में थे//६ *शीर्षक*परीक्षा तेरी *कुर्बत भी वो पाते तो कैसे शमा, तेरी*बेबाक तीरंदाजी के तीर भी तेरे ही कमान में थे//७ *करीबी*निडर*मूंह पे बोलनेवाला ShamawritesBebaak ✍️ ©shama writes Bebaak ग़ज़ल--- *ताउम्र*परवाजे परिंद जो आसमान में थे,अपने इसी जोशे मार्फत ही वो उड़ान में थे//१*पूर्ण जीवन*उड़ान तेरे*मंसूबों के*पैकर जो मेरे ध्यान
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर