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Parasram Arora
White विरह क़ी रात तों जैसे तैसे किसी तरह गुज़र ही जायेगी पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि मै रात भर सोया नहीं था ©Parasram Arora विरह क़ी रात
विरह क़ी रात
read moreShreya Tiwari
Unsplash इंसानों की फितरत ही ऐसी हैं कि जिसके पास जो है उसको उसकी कदर नहीं जो नहीं है वो ही चाहते है ।।। ©Shreya Tiwari #कदर
RAMLALIT NIRALA
White किस्मत से मीलते हैं वो लोग आपना और अपने बीबी के साथ साथ मम्मी पापा भाई बहन दोस्तो का भी ख्याल रखते है खुद मुसीबतों मे रह कर दुसरो का हाल पुछते है तुम कैसे हो विदेश मे यार गम को छुपाना पडता है लबो को मुस्कुराना पडता है ©RAMLALIT NIRALA जो है उसका कदर करना सिखो
जो है उसका कदर करना सिखो
read moreAvinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Avinash Jha
White नीली चादर ओढ़े है आसमान, डूबा है अंधियारे में जहान। लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा, ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा। सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में, घर की खिड़की से झांकते उजालों में। पीली रोशनी की परछाई कहती है, हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है। बिजली के तारों का वो उलझा जाल, सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल। इस रात की गोद में छुपे कई राज़, जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़। एकांत में बसी ये अनकही बातें, चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें। न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा, और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा। ©Avinash Jha #Sad_Status #रात
Tej Pratap
ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश, कैसा लगता है। हमें तो बादलों से झांकता चांद , अच्छा लगता हैं।। ©Tej Pratap #रात #चांद #Quote
नवनीत ठाकुर
उसकी रौनक से रोशन हो गई सारी फिज़ा, खुदा का भेजा हुआ कोई जवाब हो जैसे। चमक उसकी ऐसी कि रात भी शरमा गई, सितारों के बीच वो माहताब हो जैसे। वो आया तो अंधेरों में उजाला बिखर गया, रात की तन्हाई में आफताब हो जैसे। उसकी बातों में जैसे कोई जादू सा घुला, हर अल्फ़ाज़ उसका इश्क़ का हिसाब हो जैसे। नज़रों में बसाए एक गहरी सी दुनिया, हर राज़ से भरी एक किताब हो जैसे। वो करीब हो तो वक्त थम सा जाता है, धड़कनों में बसी कोई ख़्वाहिश नायाब हो जैसे। उसकी मुस्कान से बहारें खिल उठीं हर ओर, फूलों की खुशबू का एक गुलाब हो जैसे। ©नवनीत ठाकुर #रात में महताब
#रात में महताब
read moreImran Shekhani (Yours Buddy)
अपनों की कदर #Original #ownvoice #thought #lifequotes #philosophical #fundaoflife #YoursBuddy #YoursImran
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