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SURAJ आफताबी
राख हो गया..मगर, इक शरर अब भी बाकी है मोहब्बत से तो हाथ छोड़ा दिल पर ज़रर अब भी बाकी है !! जरर-अघात, चोट #love #lovequotes #shayari #heart #life #mohabbat #yqdidi #surajaaftabi
Sagar vm Jangid
जेहि पर कृपा करहि जनु जानी! कवि उर अजिर नचावहि बानी!! मोरि सुधारिहि सो सब भांति! जासु कृपा नहि कृपा अघाति!! आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहते हैं तो आपके लिए है यह चौपाई जेहि पर कृपा करहि जनु
Pawan Ojha
Love Yourself and think about your family. #NoSmoking #NoTobaccoDay किसी किराने की दुकान से, तम्बाकू के पाउच ले आते। गली-गली में बच्चे दिखते, खुल्ल्म-खुल्ला गुटखा खाते। बाली उमर और ये गुट्खा, कैसे-कैसे रोग ब
Yogita Sahu
आओ आज हम सब मिलकर ,एक नई शुरुआत करें। जितने पाप भरे हममें उसका हम अघात करें। आओ एक शुरुआत करें..... भूखे को हम भोजन देंगे पानी देंगे प्यासे को । हम सब के रहते नही रहेगा गरीब परिवार बिना कपड़े को। आओ अपना सोच बदलें एक नई शुरुआत करे... ना जाति में भेद करेंगे ना साँवरा गोरा देखेंगे। क्या अमीरी क्या गरीबी भाई चारा भावना रखेंगे। आओ नई नियम बनाएँ एक नई सुरुआत करे.… मंदिर मस्जिद क्या देखना क्या गिरजाघर क्या चर्च है दिल में ये बात बसालो तुम सबका मालिक एक है दिल में है विश्वास बनाएँ एक नई शुरुआत करे..... नए साल का दौर है खुद में नई नियम बनाए। क्या दूसरों को शिक्षा देंगे जब खुद में है सब पाप भराए। खुद में नई बनाए पहचान एक नई शुरुआत बनाएँ... रचनाकार _योगिता साहू ग्राम _ चोरभट्ठी, पोस्ट _बगोद जिला _धमतरी, छत्तीसगढ़ ©Yogita Sahu #HappyNewYear आओ आज हम सब मिलकर ,एक नई शुरुआत करें। जितने पाप भरे हममें उसका हम अघात करें। आओ एक शुरुआत करें..... भूखे को हम भोजन दें
Poetry with Avdhesh Kanojia
वर्षा का महत्व - - - - - - - - - - वे बौछारें बारिश की आईं रिमझिम शीतलता हैं लाईं। प्यासी धरा की प्यास मिटाने बन अमृत की बून्दे आईं।। कृष्ण मेघ छाए नभ ऐसे माँ प्रकृति के केश हों जैसे। शंखनाद सम मेघ का गर्जन स्वागत हरियाली का जैसे।। प्रसन्न दिख रहे हैं सब प्राणी बोल रहे हैं कर्णप्रिय वाणी। मोर का नृत्य देख कर नभ भी लिख रहा है मधुर कहानी।। मेंढक मिल सब गीत हैं गाते गाते ही रहते नहीं अघाते। छिपे हुए थे अब तक वे जो निकल सभी बाहर आ जाते।। मुदित हो रहे कृषक सभी हैं सखद भविष्य सोचते अभी हैं। होती उपज है जब भरपूर पोषित होते मानव भी तभी हैं।। भूमिगत जल स्तर है बढ़ता हरियाली का क्षेत्र है बढ़ता। अनल सूर्य की शांत हो जाती उत्साह अधिक ऊँचाई चढ़ता।। यह ईश्वर का अमूल्य उपहार है वर्षा उनका हम पर उपकार है। उष्णताप की व्यकुलता पर यह कठोर उनका प्रहार है।। वर्षा से पर्यावरण है खिलता मन में हर्ष अपार है घुलता। करते रहते प्रतीक्षा जिसकी प्रकृति को नवप्राण वो मिलता।। ✍️अवधेश कनौजिया© #वर्षा #rain #rainingtoday #clouds #बादल #poetry #poem वर्षा का महत्व - - - - - - - - - - वे बौछारें बारिश की आईं रिमझिम शीतलता हैं लाईं
Gopal Lal Bunker
विषपान करना जरा नर को भी सिखला दो ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ विष उगलने वाले शैतान हो गए हैं विष निगलने वाले शिव हो गए हैं, मगर देखते हैं लोगों को तो पाते हैं जैसे सब शैतान हो गए हैं, क्यों हो गए लोग शैतान शिव के देश में क्यों नाम लेकर शिव का शैतान से अघाते हैं, विष का जिम्मा केवल उस शिव पर छोड़ दिया है जो नीलकंठ है, भोला है, आदि है; शक्ति है, पीकर अमृत क्यों लोग विष वमन करते हैं आगे बार बार क्यों फिर शिव को करते हैं, लगता है लोगों ने खुद के जिम्मे अमृत लिया है औरों के जिम्मे तो विष ही विष दिया है, बना व्यापार लिया है लोगों ने विष को विष घोल-घोल कर किसी न किसी बहाने से, जय जयकार करते हैं नीलकंठ की और भर उन्माद फिर बात करते हैं विष वमन की, हे शिव मेरे, हे नीलकंठ मेरे विषपान करना जरा नर को भी सिखला दो, शिव कैसे होता है 'सत्यं शिवं सुंदरम्' जरा सिखला दो, मनमंथन के विष को पीना भी सिखला दो अमृत को बांँटना भी सिखला दो। ✍️ गोपाल 'सौम्य सरल' Pinterest wallpaper #शिव #सत्यंशिवंसुंदरम् #glal #restzone #yqdidi #rztask456 #rzलेखकसमूह विषपान करना जरा नर को भी सिखला दो ~~~~~~~~~~~~
SUNNY SAGAR
SUNNY SAGAR
अक्सर कह जाते हैं लोग जो न कहने की बात है जो देश मेरे को घूर के देखे उसकी क्या औकात है देश के लिए मर मिट जाना बच्चे-बच्चे के जज़्बात हैं तू
Kulbhushan Arora
Diary of Bloody Man My second &third Blood donation in 1975 And annual function of Blood Bank Society Chandigarh सबक:: अति उत्साह से बचें☺️ #paidstory पहली बार रक्तदान का अनुभव अपने आप में एक खुमार जैसा था,सच कहूं तो थोड़ा गर्व भी अनुभव हो रहा ये सोच कर की मेरा रक्त किसी के vei
Vedantika
अभिव्यक्ति-27 वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। ‘दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! “रामधारी सिंह दिनकर” वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या