Find the Latest Status about 73 वा संविधान संशोधन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 73 वा संविधान संशोधन.
writer_Suraj Pandit
Unsplash संग तेरे जीना सिखा है जीवन की हर रीत का अंदाज सीखा है पता न था प्रीत की इस रीत का तुझसे मिलकर ही प्रीत करना सीखा है ।। ©writer_Suraj Pandit #library प्रीत shayari in hindi Sandeep kumar Sakhawar sartaj Anupriya gaTTubaba VED PRAKASH 73
#library प्रीत shayari in hindi Sandeep kumar Sakhawar sartaj Anupriya gaTTubaba VED PRAKASH 73
read moreFaizan Rangrezz
Faizan rangrezz ©Faizan Rangrezz jammu 💝❤️ Anupriya Anshu writer VED PRAKASH 73 Mansh Bora Sarfraz Ahmad
jammu 💝❤️ Anupriya Anshu writer VED PRAKASH 73 Mansh Bora Sarfraz Ahmad
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 30,, नवम्बर,,2024 वार शनिवार समय। सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ््् ्््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् ््््देश धर्म राष्ट्र कर्म ही पूजा और संविधान है,, जो जाति धर्म संप्रदाय वर्णाश्रम से सबको बांधकर रखें , वो हम में सबमें अनूठा प्रभावी रुतबा कायम दीप प्रज्जवलित करके, शहीदों की कूरबानियों का आयना नज़रिया सहज महज़ एक जीवंत, देशभक्ति गीत संविधान धर्म कर्म है ््् ््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् माना कि मेरे मित्र कलम दवात कागज पर लिखकर दे सकता हूं कि आप अपने विचार रखे ताकि सही रूप से जीवन पद्धति में आचार विचार व्यक्तित्व में निखार आता रहे,, व्यक्ति मैं जिंदगी में व्यवहार में सहजता सरलता विनम़ता में कहीं ना कहीं परम्परागत रूप से अनुवांशिकी गुणात्मक परिवर्तन हर समाज में सभ्यता संस्कृति और इतिहास पुराण में तदसमयाअनुसार तदकालीनराज्य के राजवंश में एक मानसिकता से सजाया गया सत्ता पर काबिज लोगों में समसामयिक घटनाचक्र से और लेखक और कथाकार सजीव चित्रण में राजाओं और उनके परिवार या फिर सिपाहसालारों का इतिहास जरुर उदघृत किया गया हो सकता है।।1।। तब जो भी व्यक्ति अपनी अजब गजब अनौखा सवाल उठाने वाले प्रश्न प्रतिप्रश्न में जान की जोखिम में डालकर मृत्युदण्ड तक दे दिया जाता था,, पहले इन्सान को बोलने की आजादी नहीं रहती थी।।2।। हर युग में आम से खास मुलाकात प्रतिभा को निखारना स्वयं को अग्नि परीक्षा देते हुए की महापूरुष ने समाज सभ्यता संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में नजर आ रही बदलाव कुरीतियों पर सदैव तत्पर रहते हुए अंकूश लगाना का प्रबल प्रभाव से सजाया गया है,, ,,यह एक ऐसा सवाल पूछा गयाहैजाति,धर्म,कर्म आधारित मापदण्ड से व्यक्ति अपनी दिशा आत्मप्रेम आत्मसात कर कुछ लगन से अलग से जीवन व्यतीत करते हुए समाज सभ्यता संस्कृति को दिशा देने वाला सदैव महापुरुष जाति बंधन मुक्त रहा है ।।3।। सकल मानव समाज सभ्यता के लिए सम्पूर्ण जीवन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य सम्मान किया गया है,, यह माना कि कुछ लोग अवश्य शासन में शामिल लोगों ने जातियों पर आधारित अत्याचार से यातना पीड़ित रहे होंगे किन्तु परन्तु करने वाले अच्छे लगते नहीं है सच तो सच्चाई है।। तो देश दुनिया सुनती हैं।।4।। पहले इन्सान बनाया मानव जीवन में ,, नरऔर नारी हैतो यह दुनिया में एक निशानी है,, तो जाति धर्म भाषा की बात बईमानी है।।5।। आज विश्व में सबसे विश्वसनीय और मुमकिन है,, जो धरती पर साकार लोक में पहुंच गई है।।6।। जन जन में जनमत सर्वेक्षण ज्ञान, दर्शन, विचार, विज्ञान, प्रेम और तकनीकी धमाल ने विश्व में तहलका मचाने वाली अग्नि परीक्षा हौड कुटनीतिज्ञ में मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता करो,कार्रवाई दण्ड प्रक्रिया संहिता में कहा है,, काल से लेकर आज तक जनजीवन प्रभावित हुआ है सिर्फ भाग्य में लिखा गया जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है।।7।। आज हम दिलों से ही इस दुनिया में सबसे विश्वसनीय है तो देश में अवाम में खुशहाली आती है संविधान से सजाया गया है,, वह हिन्दूस्तान सर्व धर्म समभाव निष्ठ विचार से ही पंथनिरपेक्ष धर्मनिरपेक्ष देश भारत प्रजातांत्रिक देश है जहां चाह वहां राह दिखाने वाले इस पैगाम लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।।8।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 30,, नवम्बर,,2024,,रचना दिनांक 30,, नवम्बर,,2024 वार शनिवार समय। सुबह पांच बजे ्््भावचित्र ््् ्््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् ््््देश धर्म राष्ट्र कर्म ही पूजा और संविधान है,, जो जाति धर्म संप्रदाय वर्णाश्रम से सबको बांधकर रखें , वो हम में सबमें अनूठा प्रभावी रुतबा कायम दीप प्रज्जवलित करके, शहीदों की कूरबानियों का आयना नज़रिया सहज महज़ एक जीवंत, देशभक्ति गीत संविधान धर्म कर्म है ््् ््भावचित्र ्् ््निज विचार ्् माना कि मेरे मित्र कलम दवात कागज पर लिखकर दे सकता हूं कि आप अपने विचार रखे ताकि सही रूप से जीवन पद्धति में आचार विचार व्यक्तित्व में निखार आता रहे,, व्यक्ति मैं जिंदगी में व्यवहार में सहजता सरलता विनम़ता में कहीं ना कहीं परम्परागत रूप से अनुवांशिकी गुणात्मक परिवर्तन हर समाज में सभ्यता संस्कृति और इतिहास पुराण में तदसमयाअनुसार तदकालीनराज्य के राजवंश में एक मानसिकता से सजाया गया सत्ता पर काबिज लोगों में समसामयिक घटनाचक्र से और लेखक और कथाकार सजीव चित्रण में राजाओं और उनके परिवार या फिर सिपाहसालारों का इतिहास जरुर उदघृत किया गया हो सकता है।।1।। तब जो भी व्यक्ति अपनी अजब गजब अनौखा सवाल उठाने वाले प्रश्न प्रतिप्रश्न में जान की जोखिम में डालकर मृत्युदण्ड तक दे दिया जाता था,, पहले इन्सान को बोलने की आजादी नहीं रहती थी।।2।। हर युग में आम से खास मुलाकात प्रतिभा को निखारना स्वयं को अग्नि परीक्षा देते हुए की महापूरुष ने समाज सभ्यता संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में नजर आ रही बदलाव कुरीतियों पर सदैव तत्पर रहते हुए अंकूश लगाना का प्रबल प्रभाव से सजाया गया है,, ,,यह एक ऐसा सवाल पूछा गयाहैजाति,धर्म,कर्म आधारित मापदण्ड से व्यक्ति अपनी दिशा आत्मप्रेम आत्मसात कर कुछ लगन से अलग से जीवन व्यतीत करते हुए समाज सभ्यता संस्कृति को दिशा देने वाला सदैव महापुरुष जाति बंधन मुक्त रहा है ।।3।। सकल मानव समाज सभ्यता के लिए सम्पूर्ण जीवन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम से अन्तर्मन केपरिद़ष्य सम्मान किया गया है,, यह माना कि कुछ लोग अवश्य शासन में शामिल लोगों ने जातियों पर आधारित अत्याचार से यातना पीड़ित रहे होंगे किन्तु परन्तु करने वाले अच्छे लगते नहीं है सच तो सच्चाई है।। तो देश दुनिया सुनती हैं।।4।। पहले इन्सान बनाया मानव जीवन में ,, नरऔर नारी हैतो यह दुनिया में एक निशानी है,, तो जाति धर्म भाषा की बात बईमानी है।।5।। आज विश्व में सबसे विश्वसनीय और मुमकिन है,, जो धरती पर साकार लोक में पहुंच गई है।।6।। जन जन में जनमत सर्वेक्षण ज्ञान, दर्शन, विचार, विज्ञान, प्रेम और तकनीकी धमाल ने विश्व में तहलका मचाने वाली अग्नि परीक्षा हौड कुटनीतिज्ञ में मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता करो,कार्रवाई दण्ड प्रक्रिया संहिता में कहा है,, काल से लेकर आज तक जनजीवन प्रभावित हुआ है सिर्फ भाग्य में लिखा गया जिसे हम अनुसरण करें जनसेवा ही मानव सेवा है।।7।। आज हम दिलों से ही इस दुनिया में सबसे विश्वसनीय है तो देश में अवाम में खुशहाली आती है संविधान से सजाया गया है,, वह हिन्दूस्तान सर्व धर्म समभाव निष्ठ विचार से ही पंथनिरपेक्ष धर्मनिरपेक्ष देश भारत प्रजातांत्रिक देश है जहां चाह वहां राह दिखाने वाले इस पैगाम लेकर चलते रहो जमाने में क्या रखा है।।8।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 30,, नवम्बर,,2024,, ©Shailendra Anand Hinduism््देशभक्तिऔर संविधान में न्याय निष्ठा ही मानव धर्म कर्म है ्् कवि शैलेंद्र आनंद
Hinduism््देशभक्तिऔर संविधान में न्याय निष्ठा ही मानव धर्म कर्म है ्् कवि शैलेंद्र आनंद
read morekomal borkar
White संविधान अंधारच होता नशिबी आमच्या संविधान देऊन परिवर्तित केलं भीमानं, जेव्हा माणूस माणसांचा गुलाम होता, तेव्हा समानतेचा हक्क देऊन, गुलामी दुर केली संविधानानं. चुल आणि मुलंच आमचं अस्तित्व म्हणत 50टक्के आरक्षण देऊन साक्षर केलं स्त्रीयांना, पतिच्या संपत्तीत समान वाटा देऊन सन्मानाने जगण्याचा अधिकार दिला संविधानानं. आरक्षन देऊन अठरा पगळ जातिला बळकट बनवलं इथल्या बहुजनांना, स्वातंत्र्य देऊन इथल्या भारतीयांना सुट-बुटात आणलं संविधानानं. प्रसुती रजा देऊन मातेला गर्भातल्या बाळाची काळजी घेतलं संविधानानं, जन्मताच हक्क प्रदान करून भारतीय होण्याचा सन्मान मिळाला संविधानानं. ©komal borkar #sad_quotes संविधान दिवस
#sad_quotes संविधान दिवस
read moreParasram Arora
White संविधान दिवस इंसानियत का भाव ही संवेधानिक मूल्यों का सन्देश है ©Parasram Arora संविधान बदिवस
संविधान बदिवस
read moreMohan raj
न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः। मोह नहीं यहां किसी वस्तु या व्यक्ति का सब यहां कुछ समय के लिए आज है कल नहीं There is no attachment to any thing or person, everything is here for some time, today and not tomorrow धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।
#Life Lessons न कस्मिंश्चित् वस्तुनि वा व्यक्तिषु वा आसक्तिः अस्ति, सर्वं किञ्चित्कालं यावत् अत्र अस्ति, अद्य न श्वः।
read more