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Stories related to कहलो ना जाता सालाना जाता

Urmeela Raikwar (parihar)

ना बनाओ

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Lotus Mali

"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं लेकिन ना जानें क्यों....? ये हिमालाय किसका दर्द अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!" https://lotusshayari.blogspot.

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"बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"
https://lotusshayari.blogspot.com/

©Lotus Mali "बर्फ तो पानी बन बह जाता हैं
लेकिन ना जानें क्यों....?
ये हिमालाय किसका दर्द
अपने सीने मैं संभाले खड़ा हैं!"

https://lotusshayari.blogspot.

Urmeela Raikwar (parihar)

ना कल सुकून था ना आज

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Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_qoute देखो ना?

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White देखों ना तुम्हारे प्रेम ने मुझे कहा ला दिया,
ना आगे जा सकती,  ना वापस आ सकती.

wrote by
Urmee ki Diary

©Urmeela Raikwar (parihar) #sad_qoute देखो ना?

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#है ना साहिब

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White हर दिल में छुपा कोई राज़ है न साहिब 
सबके जीने का अपना अंदाज है न साहिब..!

हुकूमतें आई हैं तो जायेंगी भी एक दिन 
किसके सर रहा हर वक़्त ताज है न साहिब..!

अच्छा बुरा वक़्त नहीं इंसान हुआ करते हैं 
वही तो कल था वही तो आज है न साहिब..!

बदल जाना कोई बुरी बात भी तो नहीं 
सुबह आफ़ताब रात में महताब है न साहिब..!

एक की ख़ुशी दूसरे का ग़म ही तो कहा जाये 
एक को माने तो दूजा नाराज है न साहिब..!

इतनी बड़ी ज़िंदगी कहीं तो फिसला होगा 
इंसानी दामन में कहीं तो दाग़ है न साहिब..!

बदलेगी दुनिया और भी जाने क्या होगा 
किसे फ़िक्र कि अभी तो आगाज है न साहिब..!

ग़ुमाँ किस किस का किया जाये हैरत बड़ी है 
जब ज़िंदगी ही अपनी दगाबाज है न साहिब..!

©अज्ञात #है ना साहिब

Shashi Bhushan Mishra

#रह जाता अवशेष#

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कैसे  चढ़  पायेगी  सफलता की सीढ़ी,
जब अवसाद ग्रस्त है आज युवा पीढ़ी,

मन की उलझन से बच पाने का साधन,
बना आज व्यवसाय  है बिकती पंजीरी,

पथ को कंटक पूर्ण देख मत घबराना,
जीवन  पथ  की  राह बहुत टेढ़ी-मेढ़ी,

छद्म मान्यताओं ने  जकड़े  पांव यहां,
दौड़   नहीं  पायेगा   काटे   बिन बेड़ी,

क्या लेकर आए क्या लेकर जाओगे,
नाहक  करते  फिरते  हो  तेरी   मेरी,

मजदूरों ने सिखलाया पथ पर चलना,
धुएं की कश में फूंक जला देता बीड़ी,

मिट्टी में मिल जाता है सबकुछ 'गुंजन',
रह जाता  अवशेष  राख  बनकर ढ़ेरी,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
               प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #रह जाता अवशेष#

Uttam Bajpai

शायरी हिंदी मेंघर बदल जाता है ।

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Satish Kumar Meena

ना थके ना रुके

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Urmeela Raikwar (parihar)

देखा ना जाएगा

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Urmeela Raikwar (parihar)

दे दो ना

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