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कलम की दुनिया

हस्तियाँ अस्थियाँ में बदलते देर नही लगती जनाब
फिर ये गुमान किस बात पर करते हो

©कलम की दुनिया #अस्थियाँ

Rana

#जला अस्थियाँ बारी-बारी चिटकाई #FriendshipDay #समाज

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जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई जिनमें चिंगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम, आज उनकी जय बोल।

©Rana #जला अस्थियाँ बारी-बारी
चिटकाई

#FriendshipDay

Prem Nirala

अस्थियाँ अभी ठीक से ठंडी भी नहीं हुई थी, कि, हिस्से के लिए बहूएँ आपस में झगड़ पड़ी! #prem_nirala_

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अस्थियाँ अभी ठीक से ठंडी भी नहीं हुई थी,
कि, हिस्से के लिए बहूएँ आपस में झगड़ पड़ी!

prem_nirala_ अस्थियाँ अभी ठीक से ठंडी भी नहीं हुई थी,
कि, हिस्से के लिए बहूएँ आपस में झगड़ पड़ी!

#prem_nirala_

सुसि ग़ाफ़िल

भावनाएं .... जब उफान पर हो तो कई मात्राएं बह जाती है उनके आवेग से ..... जो बह गया असल में

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भावनाएं .... 

जब उफान पर हो तो 
कई मात्राएं बह जाती है 

उनके आवेग से ..... 

जो बह गया असल में 
वही तो हमारा था 

जो रह गया वो अस्थियाँ है ....  भावनाएं .... 

जब उफान पर हो तो 
कई मात्राएं बह जाती है 

उनके आवेग से ..... 

जो बह गया असल में

Saarthak Dulgaj

मोहब्बत कि चिता जलाये सदियाँ बीत गई मगर घर के किसी कोने में अस्थियाँ रखे बेठे है आज भी इंतिज़ार है उनका वो बाहों में भर कहेंगे कि मना नहीं स #Poetry #dpf

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मोहब्बत कि चिता जलाये सदियाँ बीत गई
मगर घर के किसी कोने में अस्थियाँ रखे बेठे है
आज भी इंतिज़ार है उनका
वो बाहों में भर कहेंगे कि मना नहीं स

Nisheeth pandey

यादें तेरी रख दी है सँभालकर, दूर कही इस दिल से निकालकर, सब कुछ तो वापस ले लिया है आपने दूर जाकर, इन यादों को भी ले जाना किसी रोज़ आकर, दिल #girl #lovequotes #कविता #lonely #dilkibaat #couples #Likho #streak #निशीथ #humaurtum #NojotoStreak

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आज अर्थी नई सजानी है । मौत अपनी सुना दिवानी है ।।१ ज़िन्दगी हो गई यहाँ बोझिल । बात मिलकर उसे बतानी है ।।२ हो गया गर्द जिस्म यह अपना । यार क #शायरी

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आज अर्थी नई सजानी है ।
मौत अपनी सुना दिवानी है ।।१

ज़िन्दगी हो गई यहाँ बोझिल ।
बात मिलकर उसे बतानी है ।।२

हो गया गर्द जिस्म यह अपना ।
यार को अस्थियाँ उठानी है ।।३

कौन मेरा यहाँ हुआ अपना ।
आसुओं ने लिखी कहानी है ।।४

राख के बाद कह रहे सब ही ।
ईट आंगन में इक लगानी है ।।५

किसलिए कर रही बता शिकवा ।
तू इन्हीं की रही दिवानी है ।।६

जर जमीं तो कभी न चाहे हम ।
हसरते आज आसमानी है ।।७

भूल जाना नही कभी कसमें ।
प्यार से माँग यह सजानी है ।।८

तू प्रखर पर यकी कभी तो कर ।
कह रहे लोग खान दानी है ।।९

२९/०५/२०२३  - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आज अर्थी नई सजानी है ।
मौत अपनी सुना दिवानी है ।।१

ज़िन्दगी हो गई यहाँ बोझिल ।
बात मिलकर उसे बतानी है ।।२

हो गया गर्द जिस्म यह अपना ।
यार क

Vandna Sood Topa

जब भी गंगा घाट जाती हूँ इक अजीब सी बेचैनी घर कर लेती है कितनी यादों का जमघट लग जाता है चारों ओर कितनी दफ़ा पानी हाथ में ले प्रार्थनाये की थीं

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जब भी गंगा घाट जाती हूँ
इक अजीब सी बेचैनी घर कर लेती है
कितनी यादों का जमघट लग जाता है चारों ओर
कितनी दफ़ा पानी हाथ में ले
प्रार्थनाये की थीं याद आती हैं
वो जो किनारे आकर फ़िर से खामोश मझधार में बह गये
उनका अनकहा अनसुना सा कुछ सुनाई देने लगता है
वो जो अस्थियाँ बह गयीं पानी में,.. कितनी अधूरी इच्छाएँ लिये
न जाने बह गए कितनों के सपने बिना कोई शोर किये
अद्भुत सा नाता है गंगा का मुझसे
प्यार,प्रार्थना,पुकार और विसर्जन का
धाराओं के ख़िलाफ़ बहती ज़िन्दगी और अनसुने से दिल के शोर का
संध्या की आरती और जीवन मृत्यु के बीच बहते दीयों सा
इसी शोर में इक दिन खो जाना है
गंगा में बह कर फिर मुझको शिव चरणों में मिल जाना है जब भी गंगा घाट जाती हूँ
इक अजीब सी बेचैनी घर कर लेती है
कितनी यादों का जमघट लग जाता है चारों ओर
कितनी दफ़ा पानी हाथ में ले
प्रार्थनाये की थीं

Jeevan Nidhi Tiwari

पैर छूने में तो मैं भी बहुत आगे रहता हूँ, बचपन से अब तक कई बार रोका भी गया कभी जाति के आधार पर, कभी रिश्तों के आधार पर(जैसे गांव में कई बड़ी

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पैर छूने में तो मैं भी बहुत आगे रहता हूँ, बचपन से अब तक कई बार रोका भी गया कभी जाति के आधार पर, कभी रिश्तों के आधार पर(जैसे गांव में कई बड़ी

Jossan Guri

तुम्हारा हर बात पर हसाना याद आता है, बोलते-बोलते चुप हो जाना याद आता है, तू था, मैं था, चारो तरफ खुशियां थी बहुत, कमबख्त वो गुज़रा ज़माना या

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insta/aakhiri_khat

©Jossan Guri तुम्हारा हर बात पर हसाना याद आता है, 
बोलते-बोलते चुप हो जाना याद आता है,

तू था, मैं था, चारो तरफ खुशियां थी बहुत,
कमबख्त वो गुज़रा ज़माना या
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