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Akele Khwab
Hum jo Sapne bun rhe the Pta chla h ki Unki to kabhi Doriya hi ni thi Hmare pass .. "Manu" Doriya डोरियाँ #solotraveller
कपिल की कविताएं।
मेरी सब दौलतो की तिजोरियाँ तेरे नियंत्रण में है मेरी सब खुबियाँ और कमजोरियाँ तेरे नियंत्रण में हैं जरा शिद्दत से संभालो और खींचो मुहब्बत से मेरे मन की सब डोरिया तेरे नियंत्रण में हैंं। कवि कपिल मेरे मन की डोरिया।
Alok Tiwari ( KABIR)
"हो सके तो अच्छे रिश्ते बनाये रखिये, क्योंकि; बड़ी कीमती होती हैं, रिश्तों की ये डोरियां। 👬👭 विश्वास 👨👩👧👦 😍 प्यार 😍 और 🤗🤞उम्मीदों संग 🙏✌️ पक्के धागों से बुनकर बनती है ये डोरियां।" 🖋️~आलोक (KaBiR) #डोरियां.. diksha campus_poetry Dr Ashish Vats Ritika Gupta
सुसि ग़ाफ़िल
मेला ... कोई नहीं लगता हमारे जाने के बाद शमशान की गलियों में रस्मों की डोरियां बांधती है यहां तक राख और रात होने से पहले ही लौट आते हैं सब अपने - अपने घर //— % & मेला कोई नहीं लगता हमारे जाने के बाद शमशान की गलियों में रस्मों की डोरियां बांधती है यहां तक
Diya Singhal
Ranju Singh
जान न सके दूरियां क्यों थी न कभी जान सके दूरियां क्यों थी ज़ुबान पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यों थी दिलों की बातें अगर हक़ीक़त होती है हमारे दरमियाँ वो खामोशियाँ न होती बुने थे हमने भी कुछ रेशमी धागों से ख्वाब मगर हमारे हाथों में काली डोरियां क्यों थी....R@s जान न सके दूरियां क्यों थी न कभी जान सके दूरियां क्यों थी ज़ुबान पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यों थी दिलों की बातें अगर हक़ीक़त होती है हमारे
Ranju Singh
जान न सके दूरियां क्यों थी न कभी जान सके दूरियां क्यों थी ज़ुबान पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यों थी दिलों की बातें अगर हक़ीक़त होती है हमारे दरमियाँ वो खामोशियाँ न होती बुने थे हमने भी कुछ रेशमी धागों से ख्वाब मगर हमारे हाथों में काली डोरियां क्यों थी...R@s जान न सके दूरियां क्यों थी न कभी जान सके दूरियां क्यों थी ज़ुबान पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यों थी दिलों की बातें अगर हक़ीक़त होती है हमारे
Suchita Pandey
दूर लें जाएंगी हमको ज़िद ये हमारी, न कभी जान सके दूरियां क्यों थी , ज़ुबान पर थे लफ्ज़ फिर मजबूरियाँ क्यों थी। दिलों की बातें अगर हक़ीक़त होती हैं तो , हमारे दरमियाँ वो खामोशियाँ क्यों थी। बुने थे हमने भी कुछ रेशमी धागों से ख्वाब , मगर हमारे हाथों में काली डोरियां क्यों थी। #सुचिता दूर ले जाएगी हमको ज़िद हमारी...#सुचिता #दूरलेजाएगी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #suchitapandey दूर
Akbar azad
दे के हमरा के जान असरा प्यार हम निभाईं ब हो कई के बेवफाई जान जियरा के दिय रा देहलू बुझा ई हो टोहरा प्यार में जान देहनी दुनिया भुलाई हो