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Kasim Ali Latif
Ek Hi Wade Par Kayam Ho Jaye 🙌💯🫠 Aisi Shaksiyat Hai Hamari , Ham Chah Kar Bhi Bhul Nahi Sakte Woh Ulfat Hai Tumhari 🫶✨👀 ©Kasim Ali Latif Ulfat Ka Asar 🗯️✨👀🙌 #DastEKalam #kasimalilatif #KasimAliLatifKeAlfaz
Ulfat Ka Asar 🗯️✨👀🙌 #DastEKalam #kasimalilatif #KasimAliLatifKeAlfaz
read moreMd Javed Ansari
White टैक्स के माध्यम से मिडिल क्लास को लूटा जा रहा है मध्यम वर्ग, जो किसी भी समाज की रीढ़ माना जाता है, आज अपनी मेहनत की कमाई पर लगातार बढ़ते टैक्स के बोझ तले दबा जा रहा है। भारत में मध्यम वर्ग की स्थिति ऐसी बन गई है कि वे न तो सरकारी लाभ योजनाओं का हिस्सा बन पाते हैं और न ही अमीर तबके की तरह टैक्स से बचने के लिए कानूनी रास्ते खोज पाते हैं। मध्यम वर्ग पर टैक्स का दबाव मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा असर अप्रत्यक्ष कर (Indirect Taxes) का पड़ता है। जब रोजमर्रा की चीज़ों जैसे पेट्रोल, डीजल, खाना-पीना और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी (GST) लगाया जाता है, तो इसका सीधा बोझ मध्यम वर्ग पर आता है। उदाहरण के लिए, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें न केवल उनकी दैनिक परिवहन लागत बढ़ाती हैं, बल्कि बाकी वस्तुओं की कीमतों में भी इज़ाफा करती हैं। सीधे करों (Direct Taxes) की मार सीधे करों के मामले में, मध्यम वर्ग को आयकर (Income Tax) के सबसे बड़े हिस्से का योगदान देना पड़ता है। जबकि गरीब वर्ग को टैक्स से छूट मिलती है और अमीर वर्ग अक्सर कर से बचने के लिए अलग-अलग निवेश और कानूनी उपाय अपनाता है, मध्यम वर्ग पूरी ईमानदारी से टैक्स चुकाता है। सरकार की टैक्स स्लैब नीतियां भी अक्सर मिडिल क्लास के लिए संतोषजनक नहीं होतीं। सरकारी योजनाओं से बाहर मध्यम वर्ग को यह भी शिकायत है कि उन्हें न तो गरीब वर्ग के लिए बनाई गई सब्सिडी योजनाओं का लाभ मिलता है और न ही वे खुद को उच्च वर्ग की विलासिता के करीब पाते हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसी आवश्यकताओं पर भारी खर्च करना उनके लिए मजबूरी बन गया है। मध्यम वर्ग की उम्मीदें मध्यम वर्ग चाहता है कि सरकार टैक्स नीति में सुधार करे और ऐसी योजनाएं लागू करे, जिनसे उनकी बचत और जीवन स्तर में सुधार हो सके। टैक्स स्लैब का पुनर्निर्धारण: आयकर की सीमा बढ़ाई जाए ताकि मध्यम वर्ग को राहत मिल सके। अप्रत्यक्ष करों में कटौती: रोजमर्रा की चीज़ों पर जीएसटी दरें कम की जाएं। सामाजिक सुरक्षा: स्वास्थ्य और शिक्षा पर सब्सिडी दी जाए ताकि मध्यम वर्ग की बचत बढ़ सके। निष्कर्ष मध्यम वर्ग को टैक्स के माध्यम से लूटने की भावना उनके जीवन में असंतोष और असुरक्षा का कारण बन रही है। यह तबका, जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देता है, अगर उपेक्षित महसूस करेगा, तो इसका प्रभाव देश के विकास पर भी पड़ेगा। इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि टैक्स प्रणाली मिडिल क्लास के लिए समानुपातिक और न्यायसंगत हो। ©Md Javed Ansari middle class par Tex ka dabaw Aaj Ka Panchang
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