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Lotus Mali
अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali 🪷
अल्फांजो की ज़ुबानी जहाँपे ख़त्म हो वह मकाम ही रुहोंका जगत हैं। ©Lotus Mali 🪷
read moreSaket Ranjan Shukla
Unsplash पहचाने जा रहे हो अब और किन-किनको मेरी गलतियाँ गिनाने जा रहे हो, कितनों की नज़र में, मुझे मुज़रिम बनाने जा रहे हों, नकाब तेरी शराफ़त का जो उतर गया है सरेआम यूँ, मासूम सी शक्लें न बनाओ, साफ़ पहचाने जा रहे हो.! IG:– @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla पहचाने जा रहे हो अब.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
पहचाने जा रहे हो अब.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreSaket Ranjan Shukla
White दर्द का इश्तिहार ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते, न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते, बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से, पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
दर्द का इश्तिहार.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreSaket Ranjan Shukla
White अच्छा लगा मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा, दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा, मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम, ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा, ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे, सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा, मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे, अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा, खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
अच्छा लगा.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreVD GK STUDY
Unsplash 👉 FOLLOW FOR LEARNING ©VD GK STUDY Synonyms OF light #vdgkstudy
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read moreix_arjun_kumar143
#viral #Trending #Reels 🇬🇧🏍️ Get IP! The 2024off, and this year is shaping up to beexceptional! 🎉More races, a new track, and#MICHELINPower
read morePratibha Dwivedi urf muskan
White *आखिर क्यों??* अपने देश को छोड़कर गैर देश में रहना क्यों?? इंसानियत की धज्जियां उड़ें.. ऐसे मजहब का बनना क्यों?? पहले अपने ही देश के टुकड़े करो फिर टुकड़े के भी टुकड़े करो .. ये कैसी देशभक्ति है??? और कैसा है?? धर्म प्रेम... बांग्लादेश हो या हो भारत नरसंहार करना ही क्यों?? साँसें दीं ऊपर वाले ने मरण लिखा ऊपर वाले ने किसको कहाँ पैदा करना है ये भी तय किया ऊपर वाले ने सब कुछ तो उसके वश में है औकात पाई है कठपुतली की फिर ,,नाहक में अकड़ना क्यों? बन पाये तो कुछ अच्छा करो जब तक उसने सांसें दीं .. खैराती जीवन पाकर उसकी सुंदर रचना को तहस-नहस करना ही क्यों?? तहस-नहस करना ही क्यों?? तहस-नहस करना ही क्यों?? *पूरे विश्व में इतनी शक्ति किसी ने भी नहीं पाईं जो किसी को भी बिना ईश्वर की मर्जी के जान से मार सके।* *मौत अटल है और विधाता के द्वारा ही निर्धारित है हाँ मरण कैसे होगा ये निज कर्म निर्धारित करते हैं। तो जो जैसे मर रहा है अपने ही इस जन्म या पिछले जन्मों के कर्म फल भोग रहा है।* ✍️प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश भारत ( 06 दिसंबर 2024 ) ©Pratibha Dwivedi urf muskan #sad_quotes #आखिर_क्यों #देशभक्ति # कोट्स इन हिंदी#प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे #नोजोटो Hin
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read moreSam k
©rack NEET in 1st attempt & achieve your goals 👍🏼 wmotivational thoughts for students Entrance examination
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