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Das Sumit Malhotra Sheetal
शीर्षक:- आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि। जब भी आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि जब होती, गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को परेशानी होती। कभी रसोई गैस सिलेंडर के दाम सरकार बढ़ाती, कभी पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार बढ़ाती। लोगों के लिए दो वक़्त की रोजीरोटी कमाना मुश्किल, किराने का सबसे ज़रूरी सामान भी खरीदना मुश्किल। आजीविका की वस्तुओं पर तो हम सभी निर्भर करते, आटा, दालें व खाद्य तेल पर तो हम सभी निर्भर करते। आजीविका की वस्तुओं के बिना जीना सबसे मुश्किल है, कभी प्याज़ तो कभी टमाटर भी महंगा सरकार करती है। सरकार देश का बजट नियत्रंण में करने का प्रयास करती, भरसक प्रयासों के बावजूद मंहगाई बढ़ती सदा ही जाती। ©Das Sumit Malhotra Sheetal शीर्षक:- आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि। जब भी आजीविका की वस्तुओं में वृद्धि जब होती, गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों को परेशानी होती। कभी रस
Kabita Singh
Read the caption. ये कहानी झुमकी की ये कहानी है झुमकी की एक समय की बात है एक गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार रहता था, उस परिवार में चार लोग रहते थे,एक झुमकी और उसके माता पिता औ
atrisheartfeelings
कुछ महत्वपूर्ण बातें .... Please read in caption.... बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻 1) + = जोड़
jagruti vagh
परीक्षा का ड़र (read in caption) रिया एक मेधावी छात्र थी | वो दसवीं कक्षा में पूरे राज्य में अव्वल आई थी | उसे उसका बड़ा भाई श्याम पढ़ाता था जो कुछ दिनों पहले ही शिक्षक बना
अशेष_शून्य
~©Anjali Rai प्रेम ने हमेशा मुझे प्राथमिकता के क्रम में पहले रखा पर मैंने उसको आखिर में मैं नकारती रही उस पात्र की मिट्टी के अस्तित्व को जिसमें रखक
Funny Singh🐼
Middel class family हम 'मिडिल क्लास फैमिली' वाले भी ना ऑलराउंडर होते हैं। यह जो 'जुगाड़' नामक शब्द है ना! उसे बस हम ही समझ पाते हैं। बात सुई से लेकर मोबाइल या
i am Voiceofdehati
मध्यम वर्गीय किसानों के जीवन को तुम क्या समझ सकोगे वो धान के मौसम में चावल ही खाता है और गेहूं के मौसम में आटा। ऐसा बहुत कम होता है कि गेहूं या धान के मौसम में दोनों साथ खा सके... मध्यम वर्गीय किसानों के जीवन को तुम क्या समझ सकोगे वो धान के मौसम में चावल ही खाता है और गेहूं के मौसम में आटा। ऐसा बहुत कम होता है कि गेहू
Das Sumit Malhotra Sheetal
जल्दी ये दुनिया चाँद पर बसने वाली, बहुत अमीर दुनिया वहां बसने वाली। ग़रीब और मध्यम वर्गीय दुनिया यहीं, शायद प्रेम की दुनिया ही बसने वाली। ©Das Sumit Malhotra Sheetal जल्दी ये दुनिया चाँद पर बसने वाली, बहुत अमीर दुनिया वहां बसने वाली। ग़रीब और मध्यम वर्गीय दुनिया यहीं, शायद प्रेम की दुनिया ही बसने वाली।
Dr Jayanti Pandey
"मध्यमवर्गीय" चादर भले ही छोटी है पर अरमान बड़ा है हर दिन संघर्षों का कोई आयाम खड़ा है। (पूरी रचना अनुशीर्षक में पढ़ें) चादर भले ही छोटी है पर अरमान बड़ा है हर दिन संघर्षों का कोई आयाम खड़ा है। संघर्षों से वर्जिश हमको ताज़ा दम बनाते छोटे मोटे झटके तो आकर ही
Shravan Goud
जिम्मेदारी के साथ एक अंजाना भय समाया रहता है। मध्यम वर्गीय परिवार के लड़के सबकी परवाह करते हैं पर ख़ुद के लिए सोचने का समय नहीं है। बहन-भाई की हर ज़रूरत का ख़्याल रखते है, घर की हर छ