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SarkaR

White आसमान से इतना 
दिल ना लगाना दोस्त!

अभी अभी एक तारा
टूटते देखा है हमने!

©SarkaR #तारा

ADITYA GAURAW

वो तारा नहीं, वो सूरज था। #SushantSinghRajput #Poetry

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Devanand Jadhav

#MahavirJayanti अहिंसा परमो धर्म: ...जगाला शांती, अहिंसा व सत्य यांचा मार्ग दाखविणारे भगवान महावीर हे जैन धर्माचे 24 वे तिर्थकार आहेत...त्य #मराठीपौराणिक

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©Devanand Jadhav #MahavirJayanti 
अहिंसा परमो धर्म: ...जगाला शांती, अहिंसा व सत्य यांचा मार्ग दाखविणारे भगवान महावीर हे जैन धर्माचे 24 वे तिर्थकार आहेत...त्य

Devesh Dixit

#टूटा_हुआ_तारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi टूटा हुआ तारा (दोहे) टूट रहा तारा कहे, कैसी मुझसे आस। मैं गिरा खुद ऊपर से, कौन रहा ह #Poetry #sandiprohila

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Internet Jockey

जो तुम्हारे दिल का चाँद है न वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है moon quotes In Hindi #Quotes

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जो तुम्हारे दिल का चाँद है न
वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है

©Internet Jockey जो तुम्हारे दिल का चाँद है न
वो अपनी माँ की आँख का तारा भी है
moon quotes In Hindi

Internet Jockey

तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता #Quotes

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तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

©Internet Jockey तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

Devesh Dixit

#चूमकर_अपने_वतन_की_मिट्टी #nojotohindi #nojotohindipoetry चूमकर अपने वतन की मिट्टी चूमकर अपने वतन की मिट्टी, हिंद की रक्षा को वह चला। धू #Poetry #sandiprohila

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल वो सभी तो धनी से मिलते हैं । वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१ #शायरी

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ग़ज़ल

वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।
वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१
रात दिन की बेकसी से मिलते हैं ।
फिर नहीं वो किसी से मिलते हैं ।।२
यार सागर समझ ले तू उनको ।
आजकल वो सभी से मिलते हैं ।।३
क्या उन्हें हम समझ ले अब कान्हा ।
इस तरह जो बासुरी से मिलते है ।।४
जाने क्या हो गया सनम को अब ।
आजकल बेरुखी से मिलते हैं ।।५
वो दिखाकर गये हमें तारा ।
लौटकर हम तुम्ही से मिलते हैं ।।६
ख़्व़ाब आकर चले गये सारे ।
अब गले हम ख़ुदी से मिलते हैं ।।७
अब कहीं और जी नहीं लगता ।
चल उसी जलपरी से मिलते हैं ।।८
यूँ तो घड़ियां गुजार दूँ तुम बिन ।
डर है की ज़िन्दगी से मिलते हैं ।।९
बीवियाँ अब नहीं सँवरती घर ।
चल खिली फिर कली से मिलते हैं ।।१०
प्यार में इस तरह प्रखर पागल ।
छोड़ जग गृहिणी से मिलते हैं ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल


वो सभी तो धनी से मिलते हैं ।

वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१

priyanka yadav

Heart # वेद # तमाशा# तारा # जिंदगी

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Krishna Singhaniya

चलते रहेंगे काफ़िले, मेरे बगैर भी यहाँ...!!! एक तारा टूटने से, कभी आसमान सूना नहीं होता...! #Poetry

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