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Dinesh Yadav
FAUJII SHIVA GANESH
ashish gupta
AwadheshPSRathore_7773
Rupam Jha
आदम ही आदम का रक्तपान कर रहा है यहां, क्या राजनीति में नरसंहार जरूरी है? जीत हार की सियासी जंग में एक इंसान ज़िन्दगी हार गया। अभी प्रमाणित तो नहीं हुआ कि हत्या का क्या कारण था पर प्रथम दृष्टया लगता है कि सियासी जं
writer girl
संसद भवन एक स्कूल Full piece in caption ©writer girl संसद भवन भी एक स्कूल है, जहा राहुल गांधी जैसा बेक बेंचर होता, जहा संजय राउत जैसे नॉटी बच्चा, स्मृति ईरानी जैसी एक होनहार छात्रा, मोदी जैसा च
परवाज़ हाज़िर ........
पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के 10 आतंकवादियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। यह भारतीय इतिहास का वो काला दिन है जिसे कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता। आतंकियों के हमले में 160 से ज्यादा लोग मारे गए और 300 ज्यादा लोग घायल हुए थे। ©G0V!ND DHAkAD #26/11 26 नवंबर की रात में ही आतंकियों ने अपना रुख पूरी तरह से ताज होटल की तरफ कर दिया था . यहां आतंकियों ने कई मेहमानों को बंधक बना लिया
Deepak Hindustani
।। अखण्ड।। मेरा रहा जब राष्ट्र अखंड विश्व में था छाया इसका प्रचंड ईरानी आक्रांता सर्वप्रथम यहां आए अपनो को समझा, अपने बनाए फिर जाकर यहां लूट मचाएं ।। मां भारती का श्रृंगार भी नावों में विदेशों की ओर बहता रहा यहां का हर नागरिक हर वाशी "पधारो म्हारे देश" कहता रहा ।। रोजगार अपना छीन लिया कर हम पर अनेक लगाए गए हो सके उनका व्यापार, इसके खातिर उन से अंगूठे भी अपने कटवाए गए ।। अब हम अपने उस चरखे की कला पुरानी वो भूल गए उन से अपना देश बचाने हेतु क्रांतिकारी फांसी से झूला झूल गए ।। लगभग हर नागरिक यहां का गोरों से बार - बार दंडित हुआ लड़ते - लड़ते गोरों से अब मेरा अंखड़ राष्ट्र खंडित हुआ ।। ©Deepak Hindustani ।। अखण्ड।। मेरा रहा जब राष्ट्र अखंड विश्व में था छाया इसका प्रचंड ईरानी आक्रांता सर्वप्रथम यहां आए अपनो को समझा, अपने बनाए फिर जाकर यहां लू
Mili Saha
अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास सफ़विद राजवंश के महानतम शासकों में एक था वो कहता है ये बात ईरानी इतिहास। शाह मोहम्मद खोदबंदा का था वो तीसरा पुत्र और माता थी उसकी खैर अल-निसा बेगम मिला था ये अब्बास नाम उसे अपने दादा से नाम था जिनका तहमासप प्रथम। मात्र अठारह महीने की उम्र में ही अब्बास अपने परिवार से हो गया अलग पन्द्रह वर्षों के पश्चात मिलना हुआ फिर पिता से किंतु माता को कभी न देखा हुआ जो विलग। क़िजिलबाश जो अभिभावक बने अब्बास के उन्हीं से सीखे सैनिक के आवश्यक कौशल शिकार करना पोलो खेलना एक जुनून की तरह कठिन होते थे बड़े प्रशिक्षण के वो पल। किया जाता था अब्बास को प्रशिक्षित अक्सर वहांँ पर घरेलू गुलामों के साथ ही उनके साथ अधिक समय बिताने के कारण बन गए थे वहीं बचपन के कई साथी खास। सफ़वी साम्राज्य के लिए अब्बास बड़े कठिन समय में सिंहासन पर आया अपने राज्य की राजधानी एक महान निर्माता बन वो कज़्वीन से लेकर इस्फ़हान तक ले गया। अपने शासनकाल की उपलब्धियों के लिए प्रशंसित एक मजबूत और निर्णायक शासक था अब्बास किंतु एक अत्याचारी के तौर पर भी है उसकी पहचान बेटे और कई रिश्तेदारों का हत्यारा बना था अब्बास। आश्चर्यजनक सांस्कृतिक विरासत का अधिकांश अंश आधुनिक ईरान में मौजूद दिखाई देता जो आज भी अपने युग के सबसे महान शासकों में से एक यह सांस्कृतिक विरासत थी अब्बास द ग्रेट की। ©Mili Saha अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास सफ़विद राजवंश के महानतम शासकों में