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Divyanshu Pathak
"Sweet sixteen" षोडषी अथवा स्वीट सिक्सटीन की अवधारणा इसलिए महत्वपूर्ण है कि जन्म के बाद प्रतिवर्ष एक-एक कला का पूर्ण विकास होता है। सोलह वर्ष में सभी सोलह कलाएं पूर्ण विकास को प्राप्त कर लेती हैं। एक और तथ्य महत्वपूर्ण है कि इस षोडषी पुरूष में तीन पुरूष रहते हैं- अव्यय, अक्षर और क्षर। इसमें अव्यय आलम्बन है, किसी कार्य-कारण भाव में नहीं आता। अक्षर निमित्त कारण है। अक्षर पुरूष स्वयं समष्टि रू प है। उसमें से व्यष्टि भाव में जीव और जड प्रादुर्भूत होते हैं। अत: अक्षर पुरूष ईश्वर कहलाता है। स्वयं अव्यक्त है, अदृश्य रहता है। ये अतिसूक्ष्म तत्व जब घनभाव में आता है तब यही व्यक्त होकर क्षर पुरूष कहलाता है। विश्व क्षर रू प है। इसको ये अक्षर गतिमान रखता है। क्षर पदार्थ के स्वरूप से जुडा हुआ समवायी कारण है। 🕉😁🔯🌷🤗😀😀💮💐💠🌻🏵🌺🚺🏵🌹🏵😃😊😊🕉💮 आधुनिक पश्चिमी वैज्ञानिक भी मानते हैं कि शरीर में भी प्रमुखत: सोलह तत्व हैं- आक्सीजन हाइड्रोजन (यद्रुजन यानी बहती हु
Kautilya
ऐंठन क्यों होती है? ऐंठन विशेष रूप से पैर, उंगलियों और पिंडलियों की मांसपेशियों में आम है। शारीरिक रूप से, ऐंठन परिसंचरण संबंधी विकारों या शारीरिक परिश्रम के कारण होने वाली मांसपेशियों का अचानक संकुचन और ऐंठन है। ऐंठन का बार-बार होने वाला कारण गर्भपात करने वाली हरकत या नीरस दोहराव वाली हरकत हो सकता है। ऐसी ऐंठन उन लोगों में विकसित होती है जो पीसी पर बहुत अधिक टाइप करते हैं या कंप्यूटर माउस के साथ खेलते हैं, अपने पैरों पर काम करते हैं, या गहन व्यायाम करते हैं। पैरों में ऐंठन अक्सर शरीर में कैल्शियम और पोटेशियम लवण की कमी के कारण होती है। यह अक्सर गहन व्यायाम, मूत्रवर्धक लेने और निर्जलीकरण के साथ होता है। हमारा एनएफटी चैनल ©Kautilya #happykarwachauth ऐंठन क्यों होती है? ऐंठन विशेष रूप से पैर, उंगलियों और पिंडलियों की मांसपेशियों में आम है। शारीरिक रूप से, ऐंठन परिसंच
Rakesh Dwivedi
गर्मियों के मौसम में ठंडा मीठा और रसीला ऋतुफल "शहतूत".. शहतूत सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह स्वादिष्ट और शीतल फल है. आयुर्वेद में शहतूत के कई फायदों के बारे में बताया गया है. शहतूत में मौजूद गुण शरीर में पानी की कमी को दूर करके प्यास को बुझाते हैं. साथ ही साथ यह पेट की जलन और पेट के कीड़ों कों खत्म करता है. शहतूत में मौजूद पोटेशियम, विटामिन ए और फास्फोरस शरीर के कई रोगों जैसे जोड़ों के दर्द, गले की बीमारी और आमवात को ठीक करते हैं. शहतूत के स्वास्थ्यवर्धक फायदे: * शहतूत खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है. और जुकाम भी ठीक होता है. * कब्ज और पेशाब संबंधी रोग शहतूत खाने से ठीक होते हैं. * शहतूत खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और इसमें मौजूद गुण इंसान की त्वचा को हमेशा जवां और चमकदार बनाए रखते हैं. * गर्मियों में शहतूत आपको लू से बचाता है. लू से बचने के लिए हमेशा शहतूत खाएं. * शहतूत सेवन करने से लीवर की बीमारी, पेशाब में जलन और गुर्दों की बीमारी भी ठीक होती है. अब पके हुए शेतुर यानी शहतूत को ऐसे ही कोरा ठंडा करके खाएं या इसका जूस बनाकर पियें या इसका जैम बनाकर खाएं या इसकी चटपटी लौंजी बनाकर खायें... गर्मियों में आनेवाले इन फलों का सेवन कर सेहतमंद रहिए... राजस्थान में शहतूत हरे या हल्का पीलापन लिये हुए रंग में आती है... कई अन्य प्रदेश में काली या गहरे भूरे रंग में आती है.. ©Rakesh Dwivedi गर्मियों के मौसम में ठंडा मीठा और रसीला ऋतुफल "शहतूत".. शहतूत सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह स्वादिष्ट और शीतल फल है. आयुर्वेद में शह
Mukesh Poonia
official manoj Nautiyal
किशमिश एक तरह का ड्राई फ्रूट है. इसे अंगूर को सुखाकर बनाया जाता है. इसमें वो सभी गुण पाए जाते हैं जो अंगूर में होते हैं. किशमिश सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है. खासतौर पर सर्दियों में इसके सेवन से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है. क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फाइबर पाया जाता है. किशमिश का इस्तेमाल मुख्य रूप से मिठाई, खीर और दूसरी मीठी चीजों को सजाने या स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है. लेकिन एक बेहतरीन स्वाद के अलावा ये सेहत का भी खजाना है. आइए जानते हैं किशमिश खाने से सेहत को क्या लाभ होते हैं: 1. किशमिश के सेवन से कब्ज में फायदा होता है. अगर आपको कब्ज की समस्या है तो इसके सेवन से आपकी यह समस्या खत्म हो जाएगी. हालांकि गर्म दूध के साथ इसको खाने से ज्यादा फायदा होता है. 2. अगर आपका वजन बहुत कम है और आप वजन बढ़ाने को लेकर फिक्रमंद हैं, तो किशमिश का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा. इसमें पर्याप्त मात्रा में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है जिससे ताकत तो मिलती है ही साथ ही इसमें मौजूद तत्व वजन बढ़ाने में सहायक होते हैं. 3. किशमिश में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है. खून के निर्माण के लिए आवश्यक विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की आवश्यकता होती है. किशमिश में पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है. ऐसे में खून की कमी होने पर किशमिश का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. 4. किशमिश में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूती देने का काम करते हैं. अगर आपको घुटने में दर्द की शिकायत है तो किशमिश का सेवन फायदेमंद होगा. 5. किशमिश में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. official manoj Nautiyal किशमिश एक तरह का ड्राई फ्रूट है. इसे अंगूर को सुखाकर बनाया जाता है. इसमें वो सभी गुण पाए जाते हैं जो अंगूर में होते हैं. किशमिश सेहत के लिए
N S Yadav GoldMine
अगर मधुमेह रोगी इसका सेवन करते हैं तो ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है विस्तार से जाने !! 🍓🍓 {Bolo Ji Radhey Radhey} काली किशमिश :-🍊 काली किशमिश में निम्न से मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पाया जाता है, जिसके कारण इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर मधुमेह रोगी काली किशमिश का सेवन करते हैं तो इससे टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है। 🍊 काली किशमिश को अगर पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह वास्तव में सूखे अंगूरों की ही एक किस्म है। इन किशमिशों में आम तौर पर बीज नहीं होते हैं और वे स्वाद में मीठी होती हैं। इनकी प्राकृतिक मिठास के कारण ही इन्हें अमूमन कुकीज, केक, और पाई जैसी डिशेज में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे इनका प्रयोग कई बीमारियों खांसी और श्वसन तंत्र में सूजन आदि के लिए दवा बनाने में भी किया जाता है। वैसे इनमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, सोडियम, विटामिन सी और फोलेट आदि पाया जाता है। तो चलिए जानते हैं काले किशमिश से सेहत को होने वाले कुछ जबरदस्त फायदों के बारे में 🍊 काली किशमिश ओरल हेल्थ के लिए काफी अच्छे माने गए हैं। एक शोध के अुनसार, किशमिश में एंटीमाइक्रोबियल यौगिक जैसे ओलीनोलिक एसिड, ओलीनोलिक एल्डिहाइड, लिनोलिक एसिड और लिनोलेनिक एसिड होते हैं। जो आपकी ओरल हेल्थ का ख्याल रखते हैं और आपको कैविटी व मसूड़ों की बीमारी से बचाते हैं। डायबिटीज रोगियों के लिए लाभदायक :-🍊 काली किशमिश में निम्न से मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पाया जाता है, जिसके कारण इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट रक्त शर्करा के स्तर को बहुत अधिक प्रभावित नहीं करता। इतना ही नहीं, कुछ अध्ययनों के अनुसार, अगर मधुमेह रोगी काले किशमिश का सेवन करते हैं तो इससे टाइप 2 मधुमेह रोगियों में ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है। याददाश्त में सुधार :-🍊 अगर आप लंबे समय तक अपनी याददाश्त को बेहतर बनाए रखना चाहते हैं तो काली किशमिश का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। इसमें पाए जाने वाले एंटी−ऑक्सीडेंट्स आपकी मेमोरी को बूस्टअप करने का काम करते हैं। कैंसर को रोकने में मददगार :-🍊 आपको शायद जानकर हैरानी हो लेकिन काले किशमिश कैंसर को रोकने में भी सहायक है। इन सूखे अंगूरों में फेनोलिक यौगिक पाया जाता है, जो कोलन कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करती हैं। पाचन में सहायक :-🍊 काली किशमिश पाचन तंत्र के लिए भी बेहद लाभदायक है। यह आपके बाउल मूवमेंट को बेहतर बनाती हैं। खासतौर से, काले किशमिश में फाइबर प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह कब्ज होने की संभावना को भी काफी हद तक कम कर देती है। ©N S Yadav GoldMine अगर मधुमेह रोगी इसका सेवन करते हैं तो ग्लूकोज के स्तर में सुधार किया जा सकता है विस्तार से जाने !! 🍓🍓 {Bolo Ji Radhey Radhey} काली किशमिश :-
N S Yadav GoldMine
गुड़ के फायदे ही नहीं होते हैं कुछ नुकसान भी हैं इसका सेवन किसे और कब नहीं करना चाहिए जरुर जानें !! 🍭🍭 {Bolo Ji Radhey Radhey} गुड़ :- 🍫 गुड़ के फायदे ही नहीं होते हैं कुछ नुकसान भी, जानें किसे और कब नहीं करना चाहिए इसका सेवन 🍫 पहले के समय में चीनी का कम इस्तेमाल किया जाता है। मीठे में केवल गुड़ ही पसंद किया जाता था। आपने भी देखा होगा कि बड़े-बुजुर्ग भी गुड़ खाया करते थे। इसका कारण इसमें पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्व हैं। गुण प्रोटीन, वसा, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैगनीज का अच्छा स्त्रोत है। यह सभी तत्व शरीर के लिए जरूरी होते हैं। 🍫 गुड़ को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इसके फायदों के बारे में भी जानते होंगे? गुड़ गर्म होता है, इसलिए ज्यादातर सर्दियों के दौरान ही इसका सेवन किया जाता है। गुड़ तभी लाभ पहुंचाएगा, जब आप इसकी मात्रा पर ध्यान देंगे। आज इस आर्टिकल में हम आपको गुड़ के नुकसान से लेकर समय और कितनी मात्रा में खाना चाहिए, जैसे कई सवालों के जवाब देंगे। चलिए जानते इस बारे में। इस समय न खाएं गुड़ :- 🍫 अक्सर लोग यह गलती करते हैं कि वह सही समय पर सही चीज नहीं खाते हैं। कहते हैं न हर चीज का वक्त होता है, उसी तरह किसी भी चीज को खाने का भी समय होता है। ऐसे में अगर आप गुड़ खा रही हैं तो सही समय जान लें। कई लोग रात को सोने से पहले गुड़ खाते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो ऐसा करना बंद कर दें। इससे आपको कई तरह की समस्या हो सकती हैं, जैसे दस्त, सूजन और दांत खराब होना आदि। कितनी मात्रा में खाना चाहिए गुड़? 🍫 किसी भी चीज की अधिकता और कमी शरीर के लिए नुकसानदेह होती है। इसी तरह आप जिस भी चीज का सेवन कर रही हैं, आपको पता होना चाहिए कि इसकी कितनी मात्रा शरीर को लाभ पहुंचाएगी? गुड़ की तासीर गर्म रहती है। इसलिए दिन में 10 ग्राम गुड़ काफी होता है। हालांकि, यह मात्रा उम्र पर भी निर्भर करती है। गुड़ से जुड़ी जरूरी बातें :- 🍫 अगर आपके शरीर में हीमोग्लोबिन कम है तो गुड़ आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। 2-3 महीने गुड़ खाने से खून की कमी नहीं होगी। अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए गुड़ नुकसानदेह माना जाता है। ऐसे लोगों को गुड़ खाने की सलाह नहीं दी जाती है। 🍫 आपने भी यह सुना होगा कि मोटे लोगों को गुड़ खाना चाहिए, इससे वजन कम होता है। यह गुड़ से जुड़ा मिथ है। लेकिन ज्यादा गुड़ खाने से वजन कम होने के बजाय बढ़ने की संभावना रहती है। अगर आप जरूरत से ज्यादा गुड़ खाएंगी तो इससे आपकी नींद पर असर पड़ सकता है। मौसम का भी ध्यान रखें। गर्मियों में अधिक गुड़ खाने से पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इससे शरीर में शुगर लेवल बढ़ सकता है। ©N S Yadav GoldMine गुड़ के फायदे ही नहीं होते हैं कुछ नुकसान भी हैं इसका सेवन किसे और कब नहीं करना चाहिए जरुर जानें !! 🍭🍭 {Bolo Ji Radhey Radhey} गुड़ :- 🍫 गुड
atrisheartfeelings
कुछ महत्वपूर्ण बातें .... Please read in caption.... बहुत मेहनत के बाद यह चिन्ह तैयार किया हैं अतः आप से निवेदन हैं कि आप इसे हर students से सहभागिता करें...*✍🏻✍🏻✍🏻 1) + = जोड़