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Sarfraj Alam Shayri

#love_shayari रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है, "रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !! Islam

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White रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है,

"रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !!

©Sarfraj Alam Shayri #love_shayari रूपये मे खून से ज्यादा पॉवर होती है,

"रिश्तो को निचोड कर खा जाता है !! Islam

sk chodhry

वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

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White वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. 








चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

©sk chodhry वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

Anukaran

#quaotes इंसानियत बहुत बड़ी चीज़ है ज़नाब, जो अक्सर सच्चे दिल वालों में पाया जाता है।

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White इंसानियत बहुत बड़ी चीज़ है ज़नाब,
जो अक्सर सच्चे दिल वालों में पाया जाता है।

©Anukaran #quaotes 
इंसानियत बहुत बड़ी चीज़ है ज़नाब,
जो अक्सर सच्चे दिल वालों में पाया जाता है।

Sikender Shakya

#Sad_Status दिल छू जाता है

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White अक्सर सच्चा प्यार करने वाला हमेशा अकेला ही रहता है 
क्योंकि उसे जैसा वह चाहता है उसे कभी प्यार नहीं मिलता

©Sikender Shakya #Sad_Status दिल छू जाता है

Shailendra Anand

भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है कवि शैलेंद्र आनंद

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https://nojoto.page.link/JJsczरचना दिनांक 14  जनवरी 2025
वार मंगलवार
 समय सुबह ग्यारह बजे
्भावचित्र ्
्निज विचार ्
्शीर्षक ्
छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में ,
अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,,
 जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।।
््
समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों ,
में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से,
 मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है ।
जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में ,
मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे,
 मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर  मनाया जा रहा है।।
           
हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई 
अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,,
विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे,
 स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13।
1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से 
सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को 
 अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।।
माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।््
रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।।
््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,,
यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।।
,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
 इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।।
  देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,,
विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।।
यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,,
यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है
कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 14  जनवरी 2025
वार मंगलवार
 समय सुबह ग्यारह बजे
्भावचित्र ्
्निज विचार ्
्शीर्षक ्
छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में ,
अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,,
 जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।।
््
समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों ,
में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से,
 मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है ।
जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में ,
मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे,
 मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर  मनाया जा रहा है।।
           
हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई 
अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,,
विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे,
 स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13।
1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से 
सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को 
 अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।।
माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।््
रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।।
््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,,
यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।।
,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
 इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।।
  देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,,
विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।।
यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,,
यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand   मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है।
कवि शैलेंद्र आनंद

ranjit Kumar rathour

छोड़ जाता हूँ

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ये कैसा मज़ाक है 
की वों मेरा होना चाहता है 
लेकिन ऐसा होगा नहीं 
ये बात हमको खूब पता है 
फासला है मेरे दरम्यान 
और फिर उसे जाना भी है 
ये उसने ही कहा है 
 फिर भी मेरा होना चाहता है 
साथ चाहता है 
बचे वक्त संग मेरे जीना चाहता है 
कही ऐसा न हो कि 
उसे छोड़ना मुश्किल हो जाए 
डरता हूँ मेरी ख्वाइश मे 
उसके सपने बिखर  न जाये
अपनी नहीं उसकी सोच घबराता हूँ 
और इसी सोच के साथ तुम्हे 
तुम्हारे हाल पर छोड़ जाता हूँ 
हा छोड़ जाता हूँ

©ranjit Kumar rathour छोड़ जाता हूँ

theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है, फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है। ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती, थोड़ा वक़्त भी एक पल

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White तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।
ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती,
थोड़ा वक़्त भी एक पल में गुजर जाता है।

कहता हूँ कितना कुछ ख़ुद से हर रोज़,
सोचते-सोचते कितना वक्त निकल जाता है।
सोचा था कभी तो आएगी याद उन्हें भी,
बस याद करते-करते हर वक़्त गुजर जाता है।

वक़्त के सामने सब ठहर सा जाता है,
जितना चाहूं, फिर भी निकल जाता है।
हमेशा यादें रहें, मगर कमज़ोरी सी,
गुज़रा हुआ वक्त सब कुछ बदल जाता है।

याद के साथ आंसू पलकों पर ठहर जाते हैं,
वक़्त को शायद सब कुछ बदलना होता है,
कोशिशें खत्म नहीं होती उसे पाने की,
वक़्त को बेवक्त होने से भी प्यार मर जाता है।

तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।

©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night 
तमाम कोशिशों पर पानी फिर जाता है,
फिरता है जब मन, सब कुछ ठहर जाता है।
ये वक़्त को जाने क्या ही जल्दी रहती,
थोड़ा वक़्त भी एक पल

vksrivastav

छूट जाता है यहीं सब #Life #SAD Shayari #viral #vksrivastav

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SANIR SINGNORI

पहले, एक बात पर दिल लग जाता है, सानिर फ़िर एक बात, दिल पर लग जाती है

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पहले, एक बात पर दिल लग जाता है,
फ़िर एक बात, दिल पर लग जाती है 'सानिर'
🥀💗












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©SANIR SINGNORI पहले, एक बात पर दिल लग जाता है, सानिर 
फ़िर एक बात, दिल पर लग जाती है
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