Nojoto: Largest Storytelling Platform

New नामांकित Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about नामांकित from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नामांकित.

    PopularLatestVideo

Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"

निम्नलिखित मेरे आदरणीय बड़ों एवं प्रिय छोटों द्वारा मुझें नामांकित किया गया है:- Sudha Tripathi दीदी - र अक्षर Raj Yaduvanshi भईया - त अक्षर #Rekhasharma #PoeticAntakshri

read more
mute video

Pyare ji

*गांधीजी को 4 बार नही 5 बार नामांकित किया गया,और 5बि बार नामांकन से पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। #nojotonews #nojotohindi #Trending Gan #Gandhigiri #GandhiJayanti2021

read more
mute video

Ravendra

डीएम ने विद्यालय की की जांच बहराइच के प्राथमिक स्कूल सिदरखी सहित विधायलयो की गुणवक्त की जिला अधिकारी ने जांच की प्रभारी प्रधानाध्यापिका गुल #न्यूज़

read more
mute video

Sangeeta Patidar

नमस्ते लेखकों🌸 हम अपने हिंदी लेखक/ लेखिकाओं के लिए लाए हैं RzHiWriMo (Rest Zone Hindi Writing Month) जहाँ यह पूरा अक्टूबर माह ख़ास हिंदी को #yqdidi #YourQuoteAndMine #sangeetapatidar #yqrestzone #collabwithrestzone #RzHiWriMo2

read more
जाने क्या सोचकर, दोस्त ने नाम 'धुन' दिया,
सुनहरा कोई ख़्वाब आँखों में जैसे बुन दिया।

'संगीत' समझना आसाँ भी, तो मुश्क़िल भी,
रास्ता सुकून का बेचैनियों में जैसे चुन दिया।

किसी की राहत,किसी की चाहत का ज़रिया, 
जीवन शैली सीख-समझने में जैसे गुन दिया।

हर हालात में ढल, खुल कर जीना जानती है,
सारे ग़मों को मन की तरंग में जैसे धुन दिया।  नमस्ते लेखकों🌸

हम अपने हिंदी लेखक/ लेखिकाओं के लिए लाए हैं RzHiWriMo (Rest Zone Hindi Writing Month) जहाँ यह पूरा अक्टूबर माह ख़ास हिंदी को

Insprational Qoute

तिमिर का दामन ओढ़े, जुगुनूओ से नाता जोड़े, चाँद की हृदयमल्लिका, सितारों से रिश्ता जोड़े। जन मन निंद्रा का साज, मिटे पीड़ हृदयी सरताज, होता मिलन #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #RzHiWriMo #RzHiWriMo2

read more
तिमिर का दामन ओढ़े,
जुगुनूओ से नाता जोड़े,
चाँद की हृदयमल्लिका,
सितारों से रिश्ता जोड़े।

जन मन निंद्रा का साज,
मिटे पीड़ हृदयी सरताज,
होता मिलन निशाम्बर का,
याद आये पिया की हमराज़।

निशा निर्मल निथर सी गई,
भ्रमित भोर से चली वो आई,
जगतकालक्रम का तुम देखो,
पुनर्वास में भास्कर को लाई।

प्रातःप्रिय का हुआ मिलन,
सम्पूर्ण निशा ने किया जतन,
रश्मिरथी बिखर गई चहुँओर,
नवउम्मीद का हुआ  आगमन।
 तिमिर का दामन ओढ़े,
जुगुनूओ से नाता जोड़े,
चाँद की हृदयमल्लिका,
सितारों से रिश्ता जोड़े।

जन मन निंद्रा का साज,
मिटे पीड़ हृदयी सरताज,
होता मिलन

Aarchi Advani Saini

1. आज यह बहस का विषय है कि लड़कियों को शिक्षा का समान अवसर न देकर उनके साथ अन्याय किया जाता है। 19 अप्रैल 1864 में पंजाब के होशियारपुर जिले #पौराणिककथा #हंसराज

read more
महात्मा हंसराज जी

©Aarchi Advani Saini 1. 
आज यह बहस का विषय है कि लड़कियों को शिक्षा का समान अवसर न देकर उनके साथ अन्याय किया जाता है। 19 अप्रैल 1864 में पंजाब के होशियारपुर जिले

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏सुंदरकांड🙏 दोहा – 12 प्रभु श्री राम की मुद्रिका (अंगूठी) हनुमानजी श्री राम की अंगूठी सीताजी के सामने डाल देते है कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि #समाज

read more
🙏सुंदरकांड🙏
दोहा – 12
प्रभु श्री राम की मुद्रिका (अंगूठी)
हनुमानजी श्री राम की अंगूठी सीताजी के सामने डाल देते है
कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब।
जनु असोक अंगार दीन्ह हरषि उठि कर गहेउ ॥12॥
उस समय हनुमान जी ने अपने मन मे विचार करके अपने हाथ में से मुद्रिका (अँगूठी) डाल दी-सो सीताजी को वह मुद्रिका उस समय कैसी दिख पड़ी की मानो अशोक के अंगार ने प्रगट हो कर हमको आनंद दिया है (मानो अशोक ने अंगारा दे दिया।)।सो सीताजी ने तुरंत उठकर वह अँगूठी अपने हाथमें ले ली ॥12॥
श्री राम, जय राम, जय जय राम

माता सीता अंगूठी को देखती है
तब देखी मुद्रिका मनोहर।
राम नाम अंकित अति सुंदर॥
चकित चितव मुदरी पहिचानी।
हरष बिषाद हृदयँ अकुलानी॥
फिर सीताजी ने उस मुद्रिकाको (अँगूठी को) देखा तो वह सुन्दर मुद्रिका रामचन्द्रजी के मनोहर नाम से अंकित हो रही थी,अर्थात उस पर श्री राम का नाम खुदा हुआ था॥उस अँगूठी को सीताजी चकित होकर देखने लगी।आखिर उस मुद्रिकाको पहचान कर हृदय में अत्यंत हर्ष और
विषादको प्राप्त हुई और बहुत अकुलाई॥

सीताजी अंगूठी कहाँ से आयी यह सोचती है
जीति को सकइ अजय रघुराई।
माया तें असि रचि नहिं जाई॥
सीता मन बिचार कर नाना।
मधुर बचन बोलेउ हनुमाना॥
यह क्या हुआ? यह रामचन्द्रजी की नामांकित मुद्रिका यहाँ कैसे आयी?
या तो उन्हें जितने से यह मुद्रिका यहाँ आ सकती है,किंतु उन अजेय रामचन्द्रजी को जीत सके ऐसा तो जगत मे कौन है?अर्थात उनको जीतने वाला जगत मे है ही नहीं।और जो कहे की यह राक्षसो ने माया से बनाई है सो यह भी नहीं हो सकता।क्योंकि माया से ऐसी बन नहीं सकती॥इस प्रकार सीताजी अपने मनमे अनेक प्रकार से विचार कर रही थी।इतने में ऊपर से हनुमानजी ने मधुर वचन कहे॥

हनुमानजी पेड़ पर से ही श्री राम की कथा सुनाते है
रामचंद्र गुन बरनैं लागा।
सुनतहिं सीता कर दुख भागा॥
लागीं सुनैं श्रवन मन लाई।
आदिहु तें सब कथा सुनाई॥
हनुमानजी रामचन्द्रजी के गुनो का वर्णन करने लगे।उनको सुनते ही सीताजी का सब दुःख दूर हो गया॥और वह मन और कान लगा कर सुनने लगी।हनुमानजी ने भी आरंभ से लेकर अब तक की कथा सीताजी को सुनाई॥

माता सीता और हनुमानजी का संवाद
सीताजी हनुमान को सामने आने के लिए कहती है
श्रवनामृत जेहिं कथा सुहाई।
कही सो प्रगट होति किन भाई॥
तब हनुमंत निकट चलि गयऊ।
फिरि बैठीं मन बिसमय भयऊ॥

हनुमानजी के मुख से रामचन्द्रजी का चरितामृत सुनकर सीताजी ने कहा कि
जिसने मुझको यह कानों को अमृत सी मधुर लगनेवाली कथा सुनाई है,वह मेरे सामने आकर प्रकट क्यों नहीं होता?
सीताजी के ये वचन सुनकर हनुमानजी चलकर उनके समीप गए तो हनुमान जी का वानर रूप देख कर सीताजी के मनमे बड़ा विस्मय हुआ (आश्र्चर्य हुआ) की यह क्या!सो कपट समझ कर सीता जी मुख फेरकर बैठ गई
(हनुमानजी को पीठ देकर बैठ गयी)॥

हनुमानजी, माता सीता को अपने बारें में और अंगूठी के बारें में बताते है
राम दूत मैं मातु जानकी।
सत्य सपथ करुनानिधान की॥
यह मुद्रिका मातु मैं आनी।
दीन्हि राम तुम्ह कहँ सहिदानी॥
तब हनुमानजी ने सीताजी से कहा की हे माता!मै रामचन्द्रजी का दूत हूँ।मै रामचन्द्रजी की शपथ खाकर कहता हूँ की इसमें फर्क नहीं है॥और रामचन्द्र जी ने आपके लिए जो निशानी दी थी,
वह यह मुद्रिका (अँगूठी) मैंने लाकर आपको दी है॥

सीताजी हनुमानजी से पूछती है की श्री राम उनसे कैसे मिले
नर बानरहि संग कहु कैसें।
कही कथा भइ संगति जैसें॥
सीताजी ने पूछा की हे हनुमान! नर और वानर का संग कहो कैसे हुआ?
तब हनुमान जी ने जैसे संग हुआ था,
वह सब कथा कही॥(तब उनके परस्परमे जैसे प्रीति हुई थी,वे सब समाचार हनुमानजी ने सीताजी से कहे)॥
आगे शनिवार को .... 

 
विष्णु सहस्रनाम (एक हजार नाम) आज 502 से 513 नाम

502 भूरिदक्षिणः जिनकी बहुत सी दक्षिणाएँ रहती हैं
503 सोमपः जो समस्त यज्ञों में देवतारूप से सोमपान करते हैं
504 अमृतपः आत्मारूप अमृतरस का पान करने वाले
505 सोमः चन्द्रमा (सोम) रूप से औषधियों का पोषण करने वाले
506 पुरुजित् पुरु अर्थात बहुतों को जीतने वाले
507 पुरुसत्तमः विश्वरूप अर्थात पुरु और उत्कृष्ट अर्थात सत्तम हैं
508 विनयः दुष्ट प्रजा को विनय अर्थात दंड देने वाले हैं
509 जयः सब भूतों को जीतने वाले हैं
510 सत्यसन्धः जिनकी संधा अर्थात संकल्प सत्य हैं
511 दाशार्हः जो दशार्ह कुल में उत्पन्न हुए
512 सात्त्वतां पतिः सात्वतों (वैष्णवों) के स्वामी
513 जीवः क्षेत्रज्ञरूप से प्राण धारण करने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏सुंदरकांड🙏
दोहा – 12
प्रभु श्री राम की मुद्रिका (अंगूठी)
हनुमानजी श्री राम की अंगूठी सीताजी के सामने डाल देते है
कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि

ranjan

अब नेताओ की खैर नही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है, इसे आपके आकलन के लिए भेज रहे है .. प्रिय / सम्मानित भारत के नागरिकों... आ

read more
देश के महान जनता मालिक अब नेताओ की खैर नही सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई है, इसे आपके आकलन के लिए भेज रहे है .. प्रिय / सम्मानित भारत के नागरिकों... आ

Diversity channel

आज अभिनव के लिए बड़ा दिन था।चिकित्सा के क्षेत्र में उसके द्वारा की गई एक बड़ी खोज के लिए उसे नावेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।इसलिए #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqstory #yqkanmani #yqmyquote

read more
एक असफल छात्र के सफल होने की कहानी
   (See caption) आज अभिनव के लिए बड़ा दिन था।चिकित्सा के क्षेत्र में उसके द्वारा की गई एक बड़ी खोज के लिए उसे नावेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।इसलिए

Dilip Jain

------- अनोखे गेट टुगेदर --------- लेखक--- C.R. . दिलीप जैन मो नं 9923101041 ***************************************** आज रविश एलीफेंटा ल

read more
------- अनोखे गेट टुगेदर ---------

लेखक--- C.R. . दिलीप जैन 
मो नं 9923101041

*****************************************
आज रविश एलीफेंटा ल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile