Find the Latest Status about पाने के लिए उपाय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पाने के लिए उपाय.
N S Yadav GoldMine
माता सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, आइये विस्तार से जानिए !!🍀🍀 {Bolo Ji Radhey Radhey} सीता नवमी :- 🌹जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे हैं तो उस समय धरती से एक बच्ची प्राकट्य हुई। जिन्हें सीता नाम से जाना जाता है। इसी कारण हर साल सीता माता के जन्मोत्सव के रूप में इस दिन को सीता नवमी या फिर जानकी जयंती के नाम से जाना जाता है। इस दिन का महत्व काफी अधिक है। माना जाता है कि सीता नवमी के दिन पूजा पाठ और दान पुण्य करने स हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. सीता नवमी पूजा विधि :- 🌹सीता नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ कपड़े धारण कर लें। अब पूजा घर या फिर साफ जगह पर एक लकड़ी की चौकी रखकर लाल या फिर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें। इसके बाद इसमें माता सीता-रात की मूर्ति या फिर राम दरबार की तस्वीर विराजित कर दें। इसके बाद पूजन शुरू करें। सबसे पहले फूल के माध्यम से जल अर्पित करें। 🌹इसके बाद लाल या पीले रंग के फूल और माला चढ़ाएं। माता सीता को सिंदूर और भगवान राम को पीला चंदन लगा दें। इसके बाद अपने अनुसार भोग लगाकर घी का दीपक और धूप जलाएं। अब मां सीता का स्मरण करते हुए श्री सीतायै नमः और श्री सीता-रामाय नम: मंत्र का जाप करें। अंत में विधिवत तरीके से आरती करते हुए भूल-चूक के लिए माफी मांग लें। सीता नवमी का महत्व :- 🌹माता सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है. इसलिए माता सीता की पूजा करने से मां लक्ष्मी खुद-ब-खुद प्रसन्न हो जाती हैं, जिन्हें धन की देवी भी कहा जाता है. सीता नवमी पर सच्चे मन से मां सीता की उपासना करने वालों के घर में कभी धन की कमी नहीं रहती है. ऐसी भी मान्यताएं हैं कि माता सीता की पूजा-पाठ से रोग और पारिवारिक कलह से मुक्ति मिल सकती है। सीता नवमी कथा :- 🌹भगवान राम को विष्णुजी का अवतार माना जाता है। इसी तरह मां सीता को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। वाल्मीकि रामायण में मां सीता के धरती पर प्रकट होने का जिक्र मिलता है। कहते हैं कि एक बार मिथिला देश में भयंकर अकाल पड़ा। उस समय देश के राजा जनक हुआ करते थे। अकाल से मिथिला की प्रजा भूखी मरने लगी। राजा जनक इससे व्यथित हो गए। 🌹वे एक महान ऋषि के पास गए। उन्होंने अकाल से छुटकारा पाने के लिए उपाय बताने को कहा। ऋषि ने राजा जनक से कहा कि वे यज्ञ कराएं और यज्ञ भूमि पर हल जोतें। उनकी समस्या का निवारण हो जाएगा। ऋषि के कहे अनुसार राजा जनक ने यज्ञ भूमि पर हल चलाया। 🌹जैसे ही हल की नोक जमीन में गई, तो कुछ बजने की आवाज आई। राजा जनक ने मिट्टी हटाई तो जमीन से आकर्षक संदूक निकली। राजा ने जब संदूक खोली तो उसमें एक छोटी बच्ची नजर आई। राजा जनक के कोई संतान नहीं थी। वह लंबे समय से संतान प्राप्ति के लिए कई बार देवों की पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने संदूक से निकली बच्ची को अपनी पुत्री के रूप में अपना लिया। 🌹हल से जोती हुई जमीन को सीता कहते हैं, इसलिए राजा जनक ने बच्ची का नाम सीता रखा। वही सीता आगे चलकर श्रीराम की पत्नी बनीं। जिस दिन सीता का प्राकट्य हुआ था, उसे सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है। इसे जानकी नवमी भी कहते हैं। ©N S Yadav GoldMine #You&Me माता सीता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, आइये विस्तार से जानिए !!🍀🍀 {Bolo Ji Radhey Radhey} सीता नवमी :- 🌹जब महाराजा जनक
Mukesh Poonia
शराब से छूटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय
Jyoti(Rubby ru...
कमल को पाने के लिए कीचड़ में जाना पड़ता है, उसी तरह सफलता पाने के लिए कभी कभी दूसरे के सामने झुकना पड़ता है।... ©Rubby ru.. #सफलता पाने के लिए
रोकिन्श लोधी
InternationalDayOfPeace अपनी माँ से बात करता हूँ #शांति पाने के लिए