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Ashish Singh
Himanshu Prajapati
अपनी चुपडी-चपटी बातों से कईयों को हंसा रखा है, कईयों के साथ सपनों का घर बसा रखा है, यह उसका प्यारे पैसा व्यापार है, वह एक बाज है जिसने कई कबूतर फंसा रखें हैं..! ©Himanshu Prajapati #oddone अपनी चुपडी-चपटी बातों से कईयों को हंसा रखा है, कईयों के साथ सपनों का घर बसा रखा है, यह उसका प्यारे पैसा व्यापार है, वह एक बाज है
Sangeeta Kalbhor
नकोच काही चिंता अन् नकोच काही गुंता नको नकोच रे देवा माणसाची अशी कुंठा दिलेस ह्रदय कोमल भावही कोमल असू दे नयनातील रम्य दृष्टी तुझ्या नजरेने दिसू दे देऊ दे हाक अंतःर्आत्म्याला ओ मात्र तू दे आलेच काही अशुद्ध मनात दूर वाहून तू ने दे चपराक अशी झापड उघडावी आळसाची बहरावी अशी मती नवीनवेली पाने पळसाची आचमन करुन भावनांचे भाव मनी झिरपू दे जे जे चांगले ,उदात्त खिरापत तयांची वरपू दे आज आत्ता आणि आत्ताच जगणे ध्यानी घेऊ दे ओंजळ भरभरून सुखाची दुःखालाही कवटाळू दे नकोच रे काही काही चिंता नकोच कसला गुंता भिडायला येऊ दे माणसाला माणुसकी न सोडता..... मी माझी..... ©Sangeeta Kalbhor #fisherman नकोच काही चिंता अन् नकोच काही गुंता नको नकोच रे देवा माणसाची अशी कुंठा दिलेस ह्रदय कोमल भावही कोमल असू दे नयनातील रम्य दृष्टी त
Bharat Bhushan pathak
छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है। मापनी- लगागागा लगागागा १२२२ १२२२ चमकती जब,यहाँ चपला। करे हे यह,बहुत घपला। सदा यह प्राण लेती है। कभी ना त्राण देती है।।१ रहम भी खूब ये करती। इसी से है, हरी धरती।। चमकना शान्त हो ऐसे। चमकता चाँद हो जैसे।।२ ©Bharat Bhushan pathak #Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार
RADHA CHARAN DASS
Arora PR
मेघ तो भरे हुए बैठे हैँ न जाने किस संकोच मे अपने को रोक कर बैठे हैँ कदाचित उन्हें आंकलन करना हैँ बरसने से पहले कि उन्हें धरती के उन निर्जन क्षेत्रो का जो दारारो क़ी चपेट मे आये हुए हैँ ©Arora PR दरारो क़ी चपेट मे
अंकुरनामा
उसको लगता है मुझे उसकी ही नजर लग जाती है इसलिए अक्सर वो मेरी नजर उतारा करती है। घुमा कर लौ सात बार मेरे ऊपर से फिर उसे अपनी चप्पल से मारा करती है लगा कर फिर काला टीका मेरे माथे पर फिर से छुप छुप कर मुझे निहारा करती है। ©अंकुरनामा #happypromiseday उसको लगता है मुझे उसकी ही नजर लग जाती है इसलिए अक्सर वो मेरी नजर उतारा करती है। घुमा कर लौ सात बार मेरे ऊपर से फिर उसे अपन
Bharat Bhushan pathak
चतुर चपल चंचल नयन,विकल- विकल उन्मन उन्मन। विचार रहा बस है यही,तृप्त हो ये जीवन सघन।। नीरद नीरद हो कर अश्रु ,धार बने बहना चाहे। सुख की गगरी,संघर्षों के आँधी से सब फूट रहे। व्यथा करुण क्या कहता ये मन,भाव बताना न संभव । ©Bharat Bhushan pathak #beautifulhouse चतुर चपल चंचल नयन,विकल- विकल उन्मन उन्मन। विचार रहा बस है यही,तृप्त हो ये जीवन सघन।। नीरद नीरद हो कर अश्रु ,धार बने बहना च
प्रेम कुमार रावत
Jai shree ram चप्पा चप्पा गूंज उठा श्री राम नाम जयकारें से सज गया अयोध्या देखो सुंदर चाँद सितारों से आ रहे प्रभु हमारे मंगल गीत सब गाएंगे हर घर दीप जलाके दिवाली सुन्दर मनाएंगे ©cg_poet_ prem _kumar #JaiShreeRam चप्पा चप्पा गूंज उठा श्री राम नाम जयकारें से सज गया अयोध्या देखो सुंदर चाँद सितारों से आ रहे प्रभु हमारे मंगल गीत सब गाएंगे
MR janu Rohit
ram lalla श्री राम ही मेरी भक्ति श्रीराम मेरी पूजा श्री राम आप जैसा संसार में कोई न दूजा! ... भगवान के घर का उद्घाटन है, आशीर्वादों की बौछार हो, ... सजा दो घर को गुलशन सा अवध में श्री राम आ रहे हैं!! ... सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे भगवान आए हैं ... अयोध्या धाम खूब सज गया, ... रामजी की निकली सवारी, ... हर घर में बस एक ही नाम ... चप्पा चप्पा भर जायेगा ©WHO Koo #ramlalla श्री राम ही मेरी भक्ति श्रीराम मेरी पूजा श्री राम आप जैसा संसार में कोई न दूजा! ... भगवान के घर का उद्घाटन है, आशीर्वादों की बौछार