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शब्दिता
White जैसे नदी अपनी तरलता का त्याग किए बिना अपनी सरलता को प्रबलता में बदलकर जटिल चट्टानों को भी फाड़ देती है उसी प्रकार सरल मानव को भी जटिल परिस्थितियों से निकलने के लिए सरलता को प्रबलता में परिवर्तित करना चाहिए। ©शब्दिता #sad_shayari #नदी
Ajay Tanwar Mehrana
══════◄••❀••►══════ आधिपत्य बहुत करने वाले खुद बन ऊंचा रहने वाले सत्ता घोषित करने वाले अधिकार नहीं दे पाए सब विस्तार नहीं दे पाए सब । हे सब अधिकार फक्त कर्ता दलितों की दुःख व्याधि हर्ता तुमसे आज भारत चलता , कल तो खड़े रहे सब के सब आज नहीं दे पाए सब । बिना गणतंत्र रहें कब तक ? परतंत्र रहा भारत जब तक सहस्त्र बलिदान हुए तब तक कलम से युद्ध विराम हुआ जहां ध्यान नहीं दे पाए सब । ✒️✍️⚔️ ©Ajay Tanwar Mehrana जय भीम नमो बुद्धाय # सब के सब # कविता
जय भीम नमो बुद्धाय # सब के सब # कविता
read moreकवि अर्जून सिंह बंजारा
दिनांक 12/06/2024 ©कवि अर्जून सिंह बंजारा कवि अर्जुन सिंह बंजारा कविता कलम के सिपाही
कवि अर्जुन सिंह बंजारा कविता कलम के सिपाही #Poetry
read moreAnuj shakya
White घर में चाहे कितने भी लोग नहो अगर माॅं न दिखे तो घर सुना सुना सा लगता हैं किस किस ने महसूस किया है कमेंट जरूर बताएं और अपने दोस्तों को शेयर करें ©Anuj shakya #mothers_day माॅं के बगैर सारांश सुना सुना सा लगता है
#mothers_day माॅं के बगैर सारांश सुना सुना सा लगता है #मोटिवेशनल
read moreroshan lal
White याद रहे तारीफों के पुल के नीचे अक्सर मतलब की नदी बहती है! ©roshan lal #Moon तारीफ और नदी
#Moon तारीफ और नदी
read moreSantosh Jangam
#dharm कविता "चैत्र नववर्ष: उत्सव का प्रारंभ" कविता का संदेश है कि नए साल के आगमन के साथ हमें नई उम्मीदों के साथ नए संकल्प और लक्ष्यों के लि
read moreAnand Ji Mayura Ji
मन में लपेटे हो शांति दुशाल । उठा लो अब हाथ में क्रांति मशाल। दुश्मन भी सारे कांप उठे, अटल अविचल रहै ये गौरव भाल। दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये। ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
कविता के रंग आनंद के संग
read moreAnand Ji Mayura Ji
Village Life केसर की क्यारी में फूलो की मुस्कान हो । रण-भूमि में दिखता जौहर की आन हो। तुम ही हो दुर्गा -श्री - शारदा, ज्ञान शील ममता की पहचान हो । दामन को अपने दाग से बचाईये । ये देश संवर जाएगा खुद को संवारिये । ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के संग
कविता के रंग आनंद के संग
read moreAnand Ji Mayura Ji
हाथों में तुम्हारे ही वतन की लाज है । कर्णधार हो तुम ये तुम्हारा ही राज है । जो चढा दे अपने सरो की भेट , ऐसे वीरों की जरुरत आज हैं । अपने प्राणो से इसकी आरती उताराये ©Anand Ji Mayura Ji कविता के रंग आनंद के रंग
कविता के रंग आनंद के रंग
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