Find the Latest Status about राजनीति शास्त्र क्या है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, राजनीति शास्त्र क्या है.
HP
शास्त्र कहता है ‘सत्यं सुखं संजयति’ सत् से सुख उपजता है। यदि आप अपने को सुखी बनाना चाहते हैं तो अपने अन्दर दृष्टि डालिये, अपनी बुराइयों का सुधार कीजिए, अपने में सद्गुण उत्पन्न कीजिये। ‘स्व’ को सँभालते ही ‘पर’ सँभल जाता है। दुनिया दर्पण है, इसमें अपनी ही शकल दिखाई पड़ती है। पक्के मकान में आवाज गूँजकर प्रतिध्वनि उत्पन्न होती है इसी प्रकार अपने गुण कर्म, स्वभावों के अनुरूप प्रत्युत्तर संसार से मिलता है। हम जिधर चलेंगे छाया भी पीछे-पीछे उधर ही चलेगी। इसलिए उचित है कि सुख प्राप्त करने का अपने को अधिकारी बनावें अपने आचरण और विचारों में समुचित संशोधन करें यही सफलता का मार्ग है। शास्त्र कहता है।
Dinesh Yadav
एक राजनीति है जो कभी संकट में नही पड़ती। वजह है यह धर्म, मनुष्य, प्रकृति सबका इस्तेमाल करती है। ©Dinesh Yadav अमर है राजनीति
prakhar saxena
नेता मुझे जरा भी नहीं भाते हैं न जाने कब किस पार्टी में आ जाते हैं कभी तो एक दूसरे को खरी खोटी सुनाते हैं तो कभी जिगरी दोस्त बन जाते हैं आज के नेता सत्ता से प्रेम करते हैं देश पे नहीं संपत्ति पे मरते हैं आज महाराष्ट्र के नेताओं में सत्ता का नशा छाया है लगता है की राजनीति में ही जीवन समाया है। - नमन जहर है राजनीति
Dhananjay Raj Kumar
राजनीति गुलजार है जलती बस्तियां पानी है मरते लोग खाद है वो जो चाहते हैं वही हो रहा है हमारे ऊपर थोपे गये विचार औजार हैं जब ये सब है तब राजनीति गुलजार है #NojotoQuote राजनीति गुलजार है
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
#राजनीति का चरित्र# सामने कुछ हैं और पीठ के पीछे कुछ और धोखा हर कदम पर नया है, यह क्या राजनीति है तुम्हारी और इसका चरित्र क्या है? ना जुबान की कोई कीमत है और ना ही दीन-ईमान की भरोसा इंसानियत से उठ गया है, यह क्या राजनीति है तुम्हारी और इसका चरित्र क्या है? जीत का मतलब क्या है और हार के हैं मायने क्या आदमी जब नजरों से ही गिर गया है, यह क्या राजनीति है तुम्हारी और इसका चरित्र क्या है? विकास से किसी को लेना क्या और तरक्की की किसे चाह जाति-धर्म के कुचक्र में इंसान घिर गया है, यह क्या राजनीति है तुम्हारी और इसका चरित्र क्या है? ©Ankur Mishra राजनीति का चरित्र सामने कुछ हैं और पीठ के पीछे कुछ और धोखा हर कदम पर नया है, यह क्या राजनीति है तुम्हारी और इसका चरित्र क्या है?