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Stories related to शैलेंद्र के गाने

Shailendra Anand

#newyearresolutions भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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New Year Resolutions ्भावचित्र ्
        ्निज विचार ्
तुलसा संग ब्याव्ह में,
एक हरि भज भयो।
गज मन मेरो उदास हे,
कै मन करौ उपहास मेरौ।
जगत पिता ने,
झूठौ रचयौ माया जाल।
जण में फासयौ मणक जींवणा,
भणक ना लागी पाप पुण्यौ काकाज,।
 मती हरी गति हरी ,
घट में रहया प्राण कैणा वास्ते,
 रमन करै जींव म्हारो खौटौ।
जग में ढिंढोरा पीटे में,
 होऊं लागै तण मण सारौ,।
जगत में एक नार एक सार,
 सबमें एक घट सा प्राण है।
मणक बावरा पैला इणमै,,
 हैरा फैरा कर दीजै।
फिर बणी जावा गा,,
 कणी भी धरमणा,।।
जात,धरमणा,उरगा,मुरगा,,
 पूरखा कूण गपलाये म्हारे देस में,।
आज भरौसौणी म्हारे ,,
कुण म्हारे मारे काटै बालै दफणावै  ।।
जौं झूठौ रचयौ माया जाल,,
 खैलयौ सब धर्मोंणा णे।
 तथा कथा उपाख्यानों में,,
 णी रैणौ झूठौ ख्यालौ में।।
       ्कवि््शैलेन्द़ आनंद

©Shailendra Anand #newyearresolutions  भक्ति सागर
कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचनादिनांक,,7,, नवम्बर,,2024
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ््
््निज विचार ््
्शीर्षक ्
््छाया चित्र में सृष्टि सृजन में एक नज़र में समभाव निष्ठ विचार
 ऐकत्व एकमेव नियती संसार जगत है,,
जींव जंन्तु जीवन में एक सूर्य चंद्र दर्शन सपनो में प्यार प्रेम और विश्वास जगत पिता त्वमेव विद्या बालकं ज्ञानबोध गुरुकुलंन्यायपीठ ब़म्हकर्म मंत्रधर्म बम्हसृष्टि कर्मनिष्ठभाव ब़म्हाण्ड स्वरध्वनि अखण्ड दिव्य ज्योति प्रकट हो प्यारा हिंदुस्तान हमारा है ््
््््
नज़र ही नजर में एक बार की जिंदगी को,  
हमेशा के लिए सम्पूर्ण भारत प्रजातांत्रिक देश की व्यवस्था बेहतर बनाने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है।।
 यही नजारा देखता हूं जो नज़र और नजरिया समझ कर खैला ही सुन्दर पल अनमोल घड़ी विलक्षण प्रतिभा को निखारना स्वयं को परखना तन मन को शांति प्रदान करे,,
 खोटा सिक्का चलता नहीं है,राम नाम सुखदाई है,
 रावण उसका सबसे बड़ा कारण मजमा लगाकर भोलेनाथ को प्रसन्न कर मदारी बनाकर अयोध्या में जन्म दिवस मंगलमय हो ऐसा खैला रावण ही कर सकता है।।
, जो हर कोई ओर कर भी नहीं सकता था,, 
जो सेतुबंधेश्वररामेश्वरं में जो पंण्डित आचार्य दशानन रावण ही यजमान से दक्षिणा में वो सब लेता है।।
 जो धरती पर साकार लोक में अपना और अपने वंश का कल्याण ही जग में जगदीश्वरी मां जानकी भुमिपुत्री से सजाया गया,,
 जिसे हम अच्छे ख्यालात से राम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हैं ।।
तो दुनिया में रावण का भी इन्सानी मानस में शास्त्र में,,
 प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है।।
             ्कवि शैलेंद्र आनंद 
7,, दिसंबर,,2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
              कवि शैलेंद्र आनंद

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Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,,
वार   बुधवार 
समय सुबह  पांच  बजे
्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, 
यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में,
 एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ्््
््निज विचार ््
्भावचित्र ्
भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर
ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ्
वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए
ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है,
देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा
और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,,
्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल 
सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,,
यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ्
मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में,
रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।।
।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,,
थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में,
 सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।।
चौरासी लख जणम जोणि में,,
पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।।
माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे ,
माखण मिश्री की मटकी फोड़ी,
ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से ,
माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।।
तण मण जोगण बरसाणा में,,
लागी लगण राधिका श्याम में।।5।।
मण धण में जींव म्हारो घट में,,
लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।।
मण आंन्दणो जाणो माणो,,
गौरक्षधामणो में पंछी बणके,
रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।।
प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,,
चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।।

््कवि शैलेंद्र आनंद ्
4, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand  भक्ति सागर
                  कवि शैलेंद्र आनंद
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