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Shreyashi Mishra
जो निकलो तुम सत्य की खोज में यहां ,तुम ही झूठे बन जाओगे ,, अपनी बेबुनियादी बातो से कुचलेंगे तुमको ,तुम जीते जी मर जाओगें।। #सत्य की खोज
Parasram Arora
ये ईश्वर आखिर है क्या? और अगर है तो है कहाँ? अगर नहीं है तो तुम किसके पीछे भाग रहे हो? ये प्रश्न तुम्हारे भीतर से जिसने पुछवाया है और जो तुम्हारे भीतर से मुझे देख रहा है उसी को पहचान लो तो शायद किसी दिन तुम्हारी पहचान उससे हो भी जाए अपने चैतन्य केसाथ थोड़ी मित्रता तो साधो कदाचित "उसका " ठिकाना भी तुम्हे दिख जाये क्योंक़ि ये होश की किरण ही उसके निकट पहुंचाने मे सक्षम है y ©Parasram Arora # ईश्वर की खोज.........
deewana ajeet ke alfaj
दीवाने!दिल ए कस्ती ले चल, सागरों की गहराइयों में। मोहब्बत- ए- यार का नक्स ढूढ़ चल , सागरों की गहराइयों में।। अब और बसर नही होगी, जिन्दगी तन्हा साहिलों पर,, प्यार का मोती ढूढ चल, सागरों की गहराइयों में।। deewana ajeet मोहब्बत की खोज
पूर्वार्थ
कभी कभी शून्य हो, जाना भी अच्छा होता है, वातावरण में क्या हो रहा हे, उसे भूल अंतर्मन में जाना अच्छा होता है । कभी कभी आलोचनाओं और , प्रशंसाओं से दूर होना अच्छा होता है , आस पास के वातावरण से, उदासीन होना अच्छा होता है । कभी कभी सबसे रूठकर , स्वयं को मनाना अच्छा होता है , कभी कभी दूसरों को जानने से अच्छा, स्वयं को पहचानना होता है । ©purvarth #शून्य की खोज
priya sharma
अंतर्मन के शोर को हमेशा दबाया ना करो.. हद से ज्यादा अपने जज्बातों को छिपाया ना करो.. कंहा जाओगे दिल पर इतना बोझ लेकर.. बस हर बात में खुद को इतना समझाया ना करो.. इंसान हो तुम ये अब जान लो.. समय रहते खुद के अस्तित्व को पहचान लो. --प्रिया शर्मा ©priya sharma #अस्तित्व की खोज...
Yajuvendra Singh Bundela
न जाने कितनी बार खोया हूँ मैं खुद की ही खोज में, खुद को खोजता रहा मैं कभी शहर में,कभी गाँव में, पक्षियों के कलरव में,नदी की खामोशी में,आकाश के विस्तार में।हर बार खोज अधूरी रही मेरी,मैं हर बार वापिस लौटा हूँ खुद के ही एकांत में। खुद की खोज
Aman rastogi
इश्क की खोज में दिल हैरान है मंजिल है,कि मिलती नही दिल परेशान है नादान है हम, और भोले भी बहुत कोई तो होगा,मेरे दिल का खास तलाश है तुम्हारी,आ जाओ मेरे पास ले लो मेरा मोबाइल नंबर, और कर लो मुझसे बात "अमन रस्तोगी इश्क की खोज;
Parasram Arora
ये आनंद भी कभी कभार जीवन मे मेहमान की तरह ही आता हैँ आनंद वैसे कोई आध्यात्मिक लक्ष नहीं हैँ पर जीवन का कोई भी पहलू क्यों न हो उसे शानदार तरीके से अभिव्यक्त करने क़े लिए आनंद का वातावरण होना बेहद जरूरी भी तो हैँ अगर आनंद हमारे जीवन मे नहीं हैँ तो समझो जीवन की सुखदायी गतिविधियां बोझिल बनने वाली हैँ........ वैसे तो हम अपने इर्द गिर्द जीवन की समस्याओ को अपनी काबलियत से संभाल पाने मे सक्षम हैँ लेकिन एक बार जब आनंद हमारा स्थाई साथी बन जाय तो हम खुद कभी समस्या नहीं रहते आनंद की खोज.......