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Sandeep kumar Sakhawar
जो मेहनत के काम करने से डर जाते हैं कहते हैं आराम का काम करेगे वो हमें क्या समझाएंगे जो सिर्फ आराम करेगे हम तो वो मेहनती व्यक्ति हैं जो सूकी मिट्टी को पसीने से भिगो कर कोई भी आकर देदे ©sandeep kumar7533 मेहनती #Ocean
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
karna ram dhandhal s.k.talla
अगर मरने के बाद भी जीना है,तो एक काम जरूर करना पढ़ने लायक कुछ लिख जाना या फिर लिखने लायक कुछ कर जाना शुभेच्छु:- करण धांधल ©karnaram dhandhal मेहनती अपनी पहचान
Manpreet Gurjar
एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। वह बहुत ही ईमानदार और मेहनती आदमी था। वह अपने छोटे से खेत में काम करता और बहुत ही खुश रहता था। पूरे गांव में किसान की ईमानदारी के बहुत ही चर्चा थे। उसका एक दोस्त था। जो उस गांव के राजा के यहाँ सिपाहीं का काम करता था। वह किसान से उसके घर रोज मिलने जाता था। एक बार राजा ने अपने दरबार में एक एलान किया कि उसके बगीचे में काम करने वाला एक अच्छा सा कारीगर चाहिए जो उसके बगीचें के पेड़ पौधों और फूलों का ध्यान रख सके। राजा का यह ऐलान सुनकर किसान के दोस्त सिपाही ने सोचा कि यही मौका है की किसान से मित्रता निभाने की मैं उसे यहां बगीचें में काम पर लगवा दूँगा, उसका व मेरा साथ भी रहेगा एवं किसान का भला भी हो जाएगा। यह सोचकर उसने राजा से कहा कि महाराज मैं आपके लिए एक ऐसे आदमी को लेकर आउंँगा जो यह काम अच्छे से कर लेगा। सभी राजा ने उस सिपाही को आदेश दिया कि जाओ कल से ही बगीचे में काम करने के लिए कह दो। उसी वक्त वह सिपाही अपने दोस्त किसान के पास पहुंच गया और उसने किसान को बगीचें के काम की सारी बात बता दी और किसान ने भी काम करने के लिए खुशी-खुशी हां कर दिया। अगले ही दिन अपने दोस्त के साथ राजमहल पहुंच गया। सिपाही उसे राजा के सामने लेकर गया और राजा ने उस किसान को बगीचे की पूरी देखभाल का काम सौंप दिया राजा ने कहा तुम अगर पूरी ईमानदारी के साथ काम करोगे तो तुम्हें 50 सोने की मुद्राएं हर महीने दूँगा। किसान खुशी-खुशी बगीचे में काम करने के लिए हां कर देता है और वह उसी वक्त बगीचे में काम करने लगा। किसान बगीचे में बहुत दिल लगाकर काम करता था। कुछ दिन बीच गए किसान ने बगीचे को बहुत सुंदर व हरा भरा बना दिया। राजा को उसका काम बहुत पसंद आया। एक दिन किसान बगीचे में कुछ खुदाई कर रहा था। तो उसने जमीन के नीचे कुछ महसूस किया तो उसने खुदाई की तो देखा वहां नीचे एक बड़ी सी संदूक थी। किसान ने वह संदूक बाहर निकाला और खोला तो क्या देखा वह सोने और चांदी से भरी हुई थी। यह देखकर किसान बहुत खुश हुआ और अपनी ईमानदारी दिखाते हुए राजा के पास पहुंचा। राजा किसान की ईमानदारी देखकर बहुत खुश हुआ और उसके साथ वहां गया जहां किसान ने खजाना निकाला था। राजा ने देखा तो कहा यह खजाना तो हमारे पुरखों का है। हम कई वर्षों से इसे खोज रहें थे। खजाना देख राजा बहुत ही खुश हो जाता है। राजा अगले दिन किसान को पूछता है तुम्हें क्या ईनाम चाहिए। किसान बोला मालिक मुझें कुछ नहीं चाहिए मेरे पास जो भी है मैं उसी में खुश हूं। राजा उसकी इतनी अच्छी बात सुनकर ओर खुश हो गया और उसने किसान को अपना मंत्री बनाने का फैसला किया। किसान ने राजा की बात मान ली और मंत्री बन गया ©Manpreet Gurjar #chandrayaan3 मेहनती किसान स्टोरी