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Ravindra Singh
साड़ी में लिपटी हुई स्त्री… वो साड़ी में लिपटी हुई स्त्री, मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी , मुझसे रह न गया , मैंने कह ही दिया… तुम्हारा रूप, तुम्हारा रंग , तुम लिपटी हुई साड़ी में, कर देती हो मेरी शराफ़त को भंग । तुम्हारी पायलों की छनछनाहट , तुम्हारी चूड़ियों की खनखनाहट , मुझे मजबूर करती है लिखने पर , तुम्हारी ये नटखट सी मुस्कराहट । तुम्हारे गजरे की महक , मुझे खींच लाती तुम्हारी ओर , तुम नहीं बोलती हो बेशक, निगाहें तुम्हारी दिल में मचातीं है शोर । मैं नहीं जानता तुम्हें, तुम अजनबी हो , न होकर भी , तुम हो मेरी कल्पनाओं के संग । तुम्हारा रूप... ©Ravindra Singh #lalishq साड़ी में लिपटी हुई स्त्री… वो साड़ी में लिपटी हुई स्त्री, मुझे बहुत आकर्षित कर रही थी , मुझसे रह न गया , मैंने कह ही दिया… तुम्ह
Shivkumar
White मैं खुदा से मांगू वो ख्वाइश हो तुम मैं जिसे दिन-रात देखू वो अजमाइश हो तुम ! मै कैसे बताऊं कि तुम मेरे लिए क्या हो जिसे मैं हर रोज़ सोचू तुम वो ख्याल हो ! मेरे दिल के हर सवालों का तुम जवाब हो मेरे ज़ुबां की तुम सबसे खूबसूरत अल्फाज़ हो ! जिसे मैं अपने उस शब्दों में कहना चाहूं बस वैसे ही तुम मेरे इन लफ्ज़ों का अंदाज़ हो ! यूं कहूं तो सच में तुम मेरे लिए बहुत ख़ास हो मिसालों में भी तुम बेमिसाल हो ! और जिसे अपनी हर शेरों-शायरी में लिखना चाहूं तुम वो प्यारी सी बात हो ! तुम मेरे बहुत कि खास हो , माना कि तुम मुझसे दूर हो मगर मेरे दिल के बहुत पास हो ©Shivkumar #Sad_Status #SAD #sad_feeling मैं खुदा से मांगू वो #ख्वाइश हो तुम मैं जिसे दिन-रात देखू वो अजमाइश हो तुम ! मै कैसे बताऊं कि तुम मेरे
Jerry
मेरे मन में तुम हो, मेरा दिल भी तुम हो , हर जगह तुम, मेरी शायरी में तुम ! एक चाय हों, तुम हो और साथ कुछ बाते , प्यार हो, सपने हो और सपनो में तुम हो ! फूल हो, खुसबू हो और खुसबू में तुम हो , दर्द हों, मलहम हों और मलहम मे तुम हों ! वायु हो साँस हो और साँसों में तुम हो , खेत हो फ़सल हो हर दाने में तुम हो ! मेरे खाने में तुम हो, मेरे खिलाने में तुम हो , जहां में देखू वहां तुम, जहान तुम हो ! मेरे मन में तुम हो मेरा दिल भी तुम हो , हर जगह तुम, मेरी शायरी में तुम ! ©Jerry #GingerTea मेरे मन में तुम हो, मेरा दिल भी तुम हो , हर जगह तुम, मेरी शायरी में तुम ! एक चाय हों, तुम हो और साथ कुछ बाते ,
Devesh Dixit
देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। जाना कहाँ अभी तुझको सबने, झूठी माया से सब लिपट रहे। प्रेम का देकर झाँसा सभी को, सच्चाई से मुख को मोड़ रहे। दिल धड़क रहा ये देखो तुझसे, रची बहुत है रचना ईश्वर ने। छीने कब तुझसे वो ही जाने, वही मौत से सबको मिला रहे। अटल सत्य है ये कहते वो ही, इससे सभी तुम जो घबरा रहे। मोह उससे अब छुड़ा के सबको, वही पास में अपने बुला रहे। देकर जिंदगी फिर से सभी को, धरती पर उसको है भेज दिया। जीवन देखो फिर उसको प्यारा, जी भर कर ही तुमको प्यार दिया। देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया है। दर्द दिये हों कितने भी तुमने, तुमसे ही तो प्यार जताया है। .................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #देख_जिन्दगी_तू_प्यारी_सबको #nojotohindi #nojotohindipoetry देख जिन्दगी तू प्यारी सबको देख जिन्दगी तू प्यारी सबको, गले से यूँ तुझको लगाया
Shivkumar
White // मेरे दिल की चाहत // मेरे दिल की चाहत, कल भी तुम थे और आज भी तुम हो मेरी ज़रुरत, कल भी तुम थे और आज भी तुम हो तुमने तो मुझे कबाला दिया मेरी आदतें, कल भी तुम भुम थे और आज भी तुम हो न जाना कितना, तुमको प्यार किया मेरी इबादत, कल भी तुम थे और आज भी तुम हो बेख़बर बनते हो, ख़बर हो के भी मेरी इबादत, कल भी तुम थे और आज भी तुम हो ©Shivkumar #Couple #Nojoto #दिलकीबातशायरी143 #Love #nojotohindi // मेरे दिल की #चाहत // मेरे दिल की चाहत, कल भी #तुम थे और आज भी तुम हो
Poet Kuldeep Singh Ruhela
आज हमसे यारो बाते चार कर लो अपने दुख को कहके अपना मन हल्का कर लो न जाने हम कल मिले या न मिले आप हमसे मिलने की यारो फरियाद कर लो हो सके तो मुझको अपनी दुवाओं में याद कर लेना ये माना है मेने मरने के बाद सब भूल जाते है लोगो को में जाने के बाद भी तुम सभी को याद जरूर आऊंगा ये पक्का वादा मेरे से कर लो! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #retro आज हमसे यारो बाते चार कर लो अपने दुख को कहके अपना मन हल्का कर लो न जाने हम कल मिले या न मिले आप हमसे मिलने की यारो फरियाद कर लो
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके , उपजे हृदय विकार ।। प्रभु का चिंतन जो करे , सुखी रखे परिवार । आपस में सदभाव हो , सदा बढ़े मनुहार ।। प्रभु चिंतन में व्याधि जो , बनते सदा कपूत । त्याग उसे आगे बढ़े , वह है रावण दूत ।। प्रभु की महिमा देखिए , हर जीव विद्यमान् । मानव की मति है मरी , चखता उसे जुबान ।। पारण करना छोडिए , विषमय मान पदार्थ । उससे बस उत्पन्न हो , मन में अनुचित अर्थ ।। २९/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा जब भी तुम आहार लो , ले लो राधा नाम । रोम-रोम फिर धन्य हो , पाकर राधेश्याम ।। कभी रसोई में नहीं ,करना गलत विचार । भोजन दूषित बन पके ,
Rahi
जब भी तुम मेरी निगाहों, से दूर होते हो मैं तेरा नाम लेता हूँ और तुम मेरे पास होती हो💞 ©Rahi #snowpark जब भी तुम मेरी निगाहों, से दूर होते हो मैं तेरा नाम लेती हूँ और तुम मेरे पास होते हो💞
BROKENBOY
छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे, दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है, जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे, मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो, अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे, इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा, फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे. ©BROKENBOY #mountainsnearme छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे, ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे, दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है, जख़्म से टीस उठ