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sachin rathore

भोपाल #विचार

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Manoj Kumar Dubey

# भोपाल #nojotophoto

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 # भोपाल

Uttam Mishra

भोपाल

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नदी पर्वत से उतरे तो मैं तेरी चाल लिखता हूँ,
तेरे होंठो की लर्जीश पर मैं हर सुर ताल लिखता हूँ।
तेरी आँखों के झीलों में है मेरे इश्क़ के आंसू,
तो जानेमन मैं तेरे नाम ये भोपाल लिखता हूँ। भोपाल

Mamta Singh Suryvanshi (Bihari Kudi)

जैसे को तैसा #umeedein

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जरुरत पर मैंने हर किसी का साथ दिया,जब मुझे जरूरत पड़ी तब हर किसी ने दुत्कार दिया, बिना मतलब मैंने  सबको सवार दिया, जब मेरा वक़्त आया तो मुझको नकार दिया,हर किसी ने जब चाहा मुझको निचोड़ लिया, इस मतलब की दुनिया ने अब मेरा दिल तोड़ दिया, अब खुद मैंने भी खुद को बदल लिया, टिट फॉर टैट की कहावत को अमल किया 🙏🙏

©Mamta Singh Suryvanshi (Bihari Kudi) जैसे को तैसा 

#umeedein

Icharaj kanwar

#जैसा का तैसा #نظم

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दूसरों को दुखी करके
 खुश कौन रह पाया है?
इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा पड़ा है,
जो दूसरों को दुखी करते है वो खुद दुखी होते हैं।

©Ichu shekhawat #जैसा का तैसा

ÑARPAT RAZ VANAL

जैसे को तैसा #प्रेरक

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*⚜️ आज का प्रेरक प्रसंग ⚜️*

           *!! जैसा बोओगे वैसा काटोगे !!*
~~~~~~~

एक गांव में तीन चोर रहते थे। एक रात उन्होंने एक धनी आदमी के यहां चोरी की। उन्होंने सारा धन एक थैले में भरा और उसे लेकर जंगल की ओर भाग निकले। जंगल में पहुंचने पर उन्हें जोर की भूख लगी। वहां खाने को तो कुछ था नहीं, इसलिए उनमें से एक चोर पास के एक गांव से खाना लेने गया। बाकी के दोनों चोर जंगल में चोरी के माल की रखवाली कर रहे थे।
 
जो चोर खाना लेने गया था, उसकी नीयत खराब थी। पहले उसने होटल में खुद भोजन किया। फिर उसने अपने साथियों के लिए खाना खरीद कर उसमें तेज जहर मिला दिया। उसने सोचा कि जहरीला खाना खाकर उसके दोनों साथी मर जाएंगे तो सारा धन उसका हो जाएगा। 

जंगल में दोनों चोरों ने खाना लेने गए अपने साथी चोर की हत्या करने की योजना बना ली थी। वे उसे अपने रास्ते से हटाकर सारा धन आपस में बांट लेना चाहते थे। 

तीनों चोरों ने अपनी-अपनी योजनाओं के अनुसार कार्य किया। पहला चोर जैसे ही जहरीला भोजन लेकर जंगल में पहुंचा। उसके दोनों साथी उस पर टूट पड़े। उन्होंने उसका काम तमाम कर दिया फिर वे निश्चिंत होकर भोजन करने बैठ गए। मगर जहरीला भोजन खाते ही वे दोनों भी तड़प-तड़प कर मर गए। इस प्रकार तीनों का अंत भी बुरा ही हुआ। 

*शिक्षा:-*
बुराई का अंत बुरा ही होता है।

*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*
*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️

©ÑARPAT RAZ VANAL  जैसे को तैसा

Nemaram gadi

जैसे को तैसा #विचार

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JVS RAWAT

।। जैसे को तैसा।।

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[16/06, 08:06] 
    *🙏🏻🙌🏻❤ हरि ऊँ ❤🙌🏻🙏🏻*

*जीवन में जब तक हमारे पास औरों को समझने हेतु खूब सारे अनुभव नहीं हो जाते, तब तक मानवीय अग्यानताओं, धारणाओं व भ्रान्तियों से दूर रहना चाहिए, इसी कमी के चलते हम जीवन का बड़ा हिस्सा यूं ही गवां देते हैं, व समय रहते हुए, अपनी योग्यता व क्षमता के विपरीत, बहुत कुछ जानने व सीखने से वंचित रह जाते हैं।। 
    

*🙏🏻🙌🏻 ❤❤ जै माँ 🙌🏻❤❤🙏🏻*
jvs9366@gmail.com ।। जैसे को तैसा।।

Suman Simi

# जैसा को तैसा #विचार

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Vishnu

# जैसे को तैसा #विचार

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एक जमींदार के लिए उसके कुछ किसान एक भुना हुआ मुर्गा और एक बोतल फल का रस ले आए। जमींदार ने अपने नौकर को बुलाकर चीजें उनके घर ले जाने को कहा। नौकर एक चालाक, शरीर लड़का था। यह जानते हुए जमींदार ने उससे कहा, “देखो, उस कपड़े में जिंदा चिड़िया है और बोतल में जहर है। खबरदार, जो रास्ते में उस कपड़े को हटाया, क्योंकि अगर उसने ऐसा किया तो चिड़िया उड़ जाएगी। और बोतल सूंघ भी ली तो तुम मर जाओगे। समझे?”

नौकर भी अपने मालिक को खूब पहचानता था। उसने एक आरामदेह कोना ढूंढा और बैठकर भुना मुर्गा खा गया। उसने बोतल में जो रस था वह भी सारा पी डाला। एक बूंद भी नहीं छोड़ा।

उधर जमींदार भोजन के समय घर पहुँचा और पत्नी से भोजन परोसने को कहा। उसकी पत्नी ने कहा, “जरा देर ठहरो। खाना अभी तैयार नहीं है।” जमींदार ने कहा, “मैंने जो मुर्गा और रस की बोतल नौकर के हाथ वही दे दो। वही काफी है।”

उसके गुस्से की सीमा न रही जब उसकी पत्नी ने बताया कि नौकर तो सुबह का गया अभी तक लौटा ही नहीं।

बिना कुछ बोले गुस्से से भरा जमींदार अपने काम की जगह वापस गया तो देखा नौकर तान कर सो रहा है। उसने उसे लात मारकर जगाया और किसान द्वारा लाई गई भेंट के बारे में पूछा।

लड़के ने कहा, “मालिक, मैं घर जा रहा था तो इतने जोर की हवा चली कि मुर्गे के ऊपर ढका कपड़ा उड़ गया और जैसा आपने कहा था, वह भी उड़ गया। मुझको बहुत डर लगा कि आप सज़ा देंगें और मैंने बचने के लिए बोतल में जो जहर था वह पी लिया। और अब यहाँ लेटा-लेटा मौत के आने का इंतजार कर रहा था।”

©Vishnu # जैसे को तैसा
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