Find the Latest Status about अजीब दास्ताँ है ये from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अजीब दास्ताँ है ये.
Mamta Thapliyal
अजीब दास्तां है ये दास्ताँ भी कुछ अजीब सी है, खुली पलकों पे क्यों नींद सी है, हज़ारों ख्वाब तो रह गए दिल में दफन और एक राज़ जो सरेआम हो गया। अजीब दास्ताँ है ये
Poet Shivam Singh Sisodiya
अजीब दास्ताँ है ये, जिन पर हम अपना हक जताते हैं, अक्सर वे ही लोग साथ छोड़ जाते हैं | अजीब दास्ताँ है ये कि साथ तो छूटता है, पर साथ छोड़कर भी वे साथ जोड़ जाते हैं || जिनको हम अपने दिल में बसाते हैं, अक्सर वे ही लोग दिल तोड़ जाते हैं || अजीब दास्ताँ है ये कि दिल तो टूटता है, पर दिल तोड़कर भी वे दिल में रह जाते हैं || शिवम् सिंह सिसौदिया अजीब दास्ताँ है ये
Gourav Chachra आ-काश
जोड़ कर कुछ पहलू ज़िन्दगी के तूने फिर तोड़ दिए , ज़िन्दगी के मजाक भी ऐसे है , हमने हस कर कुछ लम्हे जिये , ओर कुछ तेरे लिए ही छोड़ दिये #NojotoQuote अजीब दास्ताँ है ये
Ashok kanaujiya
अजीब दास्तां है ये अच्छा भला-ऐ- ज़िन्दगी खोजने की राह में यूँ ही कोई हार गया तो कोई हारी हुई बाजी भी जीत गया किसी को मिल गया बिना मेहनत के शोहरतें कोई तो ताउम्र पत्थर तोड़ते रह गया अजीब दास्ताँ है ये सफर में कोई हमसफ़र भी मिलता है तो कोई यारों की यारी भी तोड़ देता है मन की नगरी में यूँ जो कोई आ बसा कोई मिला जो जिंदगी का साथ वरना बीच राह में ही साथ छोड़ देता है अजीब दास्ताँ है ये... ~~अशोकराज!!! अजीब दास्ताँ है ये...
Nilesh kushwaha
अजीब दास्तां है ये छुप-छुप है, ईंसान जिए, सैतान खुलेआम खून घुंटे शरीफ खून के घूंट पिये। #NojotoQuote #अजीब दास्ताँ है ये छुप-छुप है, ईंसान जिए,
Anjali Singhal
💞Seema Yadav💞
अजीब सा नसीब है यहाँ किसी का अच्छा तो किसी का बुरा किसी को मिली प्यार में मंजिलें किसी को मिली सिर्फ ठोकरें अजीब सा नसीब है यहाँ.....! Good Morning Inscriptors 🙏 अजीब दास्ताँ है ये कहाँ शुरू कहाँ ख़तम ये मंज़िलें है कौन सी न वो समझ सके न हम Movie/Album: दिल अपना और प्रीत पराई
khushboo subraj tiwari
अजीब दास्तां है ये हो रहा विकास बढ़ रही है समृद्धि, फिर भी हो रही क्यों भेद भाव में वृद्धि, लड़को को विदेश भेजा जा रहा, लड़कियों को बाहरी वातावरणसे भी परिचय ना हो पा रहा है कैसी अजीब ये दास्ताँ..... लड़को पे ना कोई नजरें गंदी डाल रहा, देवी को ही क्यों कुंटा नाम क्यों मिल रहा, जिसे ज्ञान भी नहीं है लड़की होने का उन मासूमों के साथ ही क्यों असलीलता का व्यवहार हो रहा, ये कैसा विकास समाज का हो रहा है कैसी अजीब ये दास्ताँ....... है कैसी अजीब ये दास्ताँ.......