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Ghumnam Gautam
green-leaves आज का दिन बिताऊँ तो कैसे कल की रैना उधार है मुझ पर! एक वादा ख़िलाफ़ लड़की है बाक़ी दुनिया निसार है मुझ पर ©Ghumnam Gautam #GreenLeaves #लड़की #ghumnamgautam #रैना #कैसे
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read moreचेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज
New Year 2024-25 कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024 _______________________ हे दिसंबर ! कैसे कहूँ अलविदा --2024 जाते जाते कितनों के आंँखें कर गए नम माना कि मेरे हिस्से में आई हैं खुशियांँ, खुशियांँ भी मना न पाऊंँ जाने कितने को दे गए हो गम हे दिसंबर ! तुम्हें कैसे कहूंँ अलविदा-- 2024 भूल से भी ना भूलेगा मिटे से भी ना मिटेगा ज़ख्म है कितना गहरा , बेखबर हो गए हो तुम क्या जानो ! जाने कितनों की सांँसे थम गईं हे दिसंबर ! कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024 कपकपाती काया के रूह से पूछो- जाते जाते कितने को दर्द दे गए सिलते सिलते जाने कितने की उंगलियांँ जम गईं हे दिसंबर! कैसे कहूंँ अलविदा - 2024 (मौलिक रचना) चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज , उत्तर प्रदेश ३१/१२/२०२४ , ११:०८ पूर्वाह्न ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज # कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024
# कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी आत्मनिर्भय कैसे बनते झूठ का यहाँ कारोबार है आपदाओं को अवसर बनाने की होड़ सियासतों के रोज लगते दाँव है आत्मसम्मान सब का खो रहा किस्मत आजमाने का नही मार्ग है फरेबों और झूठो ने गठ जोड़ बना लिया समस्याओं का खड़ा पहाड़ है सच्चाई की फजीहत हो गयी गुमराह सारा जहान है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #motivate आत्म निर्भर कैसे बनते
#motivate आत्म निर्भर कैसे बनते
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
read moreaditi the writer
Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
read moreDr.Priyanka Chandra
तुम ख़फ़ा ख़फ़ा से लगते हो तुम्हे मनाऊ कैसे...? तुम्हारी इस चुप्पी को अपनी बातों मे उल्झाऊ कैसे..?? ©Dr.Priyanka Chandra #lovequotes तुम ख़फ़ा ख़फ़ा से लगते हो तुम्हे मनाऊ कैसे...? तुम्हारी इस चुप्पी को अपनी बातों मे उल्झाऊ कैसे..?? love
#lovequotes तुम ख़फ़ा ख़फ़ा से लगते हो तुम्हे मनाऊ कैसे...? तुम्हारी इस चुप्पी को अपनी बातों मे उल्झाऊ कैसे..?? love
read moreBhanu Priya
कैसे रोकू खुद को, इस नजाकत ने मुझे मजबूर कर ही दिया, कि कैसे उस नक्काशी वाले ने खूबसूरती को खूबसूरती में पिरोया। ©Bhanu Priya कैसे रोकू खुद को, इस नजाकत ने मुझे मजबूर कर ही दिया, कि कैसे उस नक्काशी वाले ने खूबसूरती को खूबसूरती में पिरोया। love shayari
कैसे रोकू खुद को, इस नजाकत ने मुझे मजबूर कर ही दिया, कि कैसे उस नक्काशी वाले ने खूबसूरती को खूबसूरती में पिरोया। love shayari
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