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संजय जालिम " आज़मगढी"
White अफ़साना दिल का कहूँ कैसे दीवाना दिल को रखू कैसे माना मैं मुफ़्लिस् ,काफिर हु ज़माने का उनके सिवा "जालिम" उल्फ़त में जियु कैसे ©संजय जालिम " आज़मगढी" # जीयु कैसे#
# जीयु कैसे#
read moreIndian Kanoon In Hindi
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :- * किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचनाओं वगैरह का इस्तेमाल करना। मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वगैरह कर लेते हैं। जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते हैं या बेजा फायदा उठाते हैं, तो वह आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) के दायरे में आता है। * आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 के तहत कार्रवाई की जाती हैं अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है। ©Indian Kanoon In Hindi पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :-
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :-
read moreGhumnam Gautam
White हाँ, मुझे प्यार है और तुम से ही है पर बताओ मैं इज़हार कैसे करूँ ©Ghumnam Gautam #कैसे #इज़हार #ghumnamgautam
Parasram Arora
White ये बात कित्नी अजीब है कि सांसे मेरी धीमी और मंद होती जा रहीं जबकि मेरी नब्ज़ ने फड़कना बन्द कर दिया है अब ये कैसे तय हो कि मै कितनी देर या कितने दिन और जीता रहूगा ? और मानलो मरना ही पढ़ा तो मेरा अंतिम क्षण कौनसा होगा ©Parasram Arora कैसे तय हो?
कैसे तय हो?
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पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून :- * किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचनाओं वगैरह का इस्तेमाल करना। मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वगैरह कर लेते हैं। जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते हैं या बेजा फायदा उठाते हैं, तो वह आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) के दायरे में आता है। * आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 के तहत कार्रवाई की जाती हैं अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाता है। ©Indian Kanoon In Hindi पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून
पहचान से जुड़े डेटा व गुप्त सूचना की चोरी पर कानून
read moreचेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज
New Year 2024-25 कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024 _______________________ हे दिसंबर ! कैसे कहूँ अलविदा --2024 जाते जाते कितनों के आंँखें कर गए नम माना कि मेरे हिस्से में आई हैं खुशियांँ, खुशियांँ भी मना न पाऊंँ जाने कितने को दे गए हो गम हे दिसंबर ! तुम्हें कैसे कहूंँ अलविदा-- 2024 भूल से भी ना भूलेगा मिटे से भी ना मिटेगा ज़ख्म है कितना गहरा , बेखबर हो गए हो तुम क्या जानो ! जाने कितनों की सांँसे थम गईं हे दिसंबर ! कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024 कपकपाती काया के रूह से पूछो- जाते जाते कितने को दर्द दे गए सिलते सिलते जाने कितने की उंगलियांँ जम गईं हे दिसंबर! कैसे कहूंँ अलविदा - 2024 (मौलिक रचना) चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज , उत्तर प्रदेश ३१/१२/२०२४ , ११:०८ पूर्वाह्न ©चेतना सिंह 'चितेरी ', प्रयागराज # कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024
# कैसे कहूंँ अलविदा -- 2024
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
read moreaditi the writer
Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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Unsplash न हो सिद्धि, साधन तो है बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है यही बहुत जो इसे सँजोऊ अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ सखा, सूत वा दूत न होऊँ पर यह जन प्रभु-जन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! माना मुक्त नहीं हो पाया, खींच मुझे यह बंधन लाया तब भी मेरी ममता-माया मिला मुझे नर-तन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! बाहर भी क्या आज खड़ा मैं काले कोसों दूर पड़ा मैं देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं तेरा खुला भवन तो है न हो सिद्धि, साधन तो है! ©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight
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