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Ranjit Singh 8742
White "ज़िंदगी एक सफर है सुहाना, कभी हंसाए, कभी रुलाए ये जमाना।" ©Ranjit Singh 8742 #sad_quotes #शायरी #हिंदी #शायरी #हिंदी में #जिंदगी #पर #शायरी
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White "तेरी यादों में दिन गुज़र जाता है, तेरी बातों में दिल बहल जाता है, सोचता हूँ तुझसे रूठ जाऊँ कभी, पर हर बार तेरा चेहरा सामने आ जाता है ©Veeru Kumar #Thinking #मोहब्बत #पर #शायरी 'दर्द #भरी #शायरी'
Thinking मोहब्बत पर शायरी 'दर्द भरी शायरी'
read moreAkash
❤️❤️❤️❤️❤️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 ©Akash '15 अगस्त पर शायरी' दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी दोस्त शायरी
'15 अगस्त पर शायरी' दोस्ती शायरी दोस्ती शायरी दोस्त शायरी
read moreTAHIR CHAUHAN
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ऊंची लहरों से क्या, डराते हो हमे। तुम जैसे समंदर तो हम अपनी आंखों में लिए फिरते है। ताहिर।।। ©TAHIR CHAUHAN #SunSet#समंदर
विष्णु कांत
White मैं निकल चला हूं समंदर की सैर पर, नंगे पांव मेरे खुरेदार पत्थरों से नहीं टकराते, अब छाले भी नहीं पड़ते पांव पर। ©विष्णु कांत #समंदर
copyrightshayar
White खामोशी में छुपा है दर्द का समंदर, आंसुओं से भीग रहा है हर इक मंज़र। चाहे कितनी भी कोशिशें कर लो, कुछ ज़ख्म कभी भरते नहीं अंदर। ©copyrightshayar खामोशी का समंदर #sad_shayari #SAD 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी शायरी दर्द शायरी हिंदी में शायरी हिंदी
खामोशी का समंदर #sad_shayari #SAD 'दर्द भरी शायरी' हिंदी शायरी शायरी दर्द शायरी हिंदी में शायरी हिंदी
read moreF M POETRY
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ऐ समंदर तू मेरे दिल में लगी आग बुझा दे.. अगर आग न बुझे तो तू मुझे ही मिटा दे.. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #ऐ समंदर...
#ऐ समंदर...
read morelovely boy
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset निगाह 👀 उठे ☝ #तो सुबह 🌅 हो #झुके 😌 तो शाम 🏙 #हो_जाये 😉 वो 👉👩 एक #बार 😊 मुस्कुरा 😋 #भी🙄 दे तो💘 #कत्ले_आम 🔪हो #जाये😘 ©lovely boy #SunSet '15 अगस्त पर शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव
#SunSet '15 अगस्त पर शायरी' हिंदी शायरी शायरी लव
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White मन्नते मांगते मांगते मुकाम भी मिला तो दरिया के किनारे। जहां ज्वार भाटा तो आम बात,पीने को मिलता है खारा पानी और सोते हैं रेत के सहारे। ना हरियाली ना खुशहाली फिर भी शीतलता मिलती है,जल कण के सहारे। कोई हमें पुकारे या ना पुकारे लेकिन, हर पल हमें पुकारती हैं समंदर से उठती ज्वारें। हमें हर रात लोरी गा गा कर सुलाती हैं,आकाश की टिमटिमाती तारें। कितने खुश नसीब हैं हम कि, हर सुबह हम जगते हैं सूरज के किरणों के सहारे। हम भूल भी जाएं अपनी चारों दिशाएं,तो हमें दिशाओं की याद दिलाती हैं,समंदर से उठती हवाएं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र समंदर
समंदर
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