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... मोलिका
ये प्रकृति व्याप्त,श्याम वर्ण मेघ, उद्दीयमान हैं इनके प्रेमपुष्प से उत्पन्न दामिनी की कांति से... मेरे ललाट पर तेरे कोमल होठों की कांति मेरी आत्मा को अनंत तक तेरे प्रेम से उद्दीयमान करेगी..!! जाना ये तेरा स्पर्श मेरे केशो पे होगा चूड़ामणि सा सुशोभित अनन्त के लिए..!! Moli जानाँ...!!ये चुम्बन तुम्हारी आत्मा तक को मेरा कर देगा अनन
PARBHASH KMUAR
रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।। भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्। रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।। सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं। आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।। इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्। मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।। मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों। करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।। एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली। तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।। जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।। Prabhash Kumar ©parbhashrajbcnegmailcomm रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्पीत मानहु
vikram ruDr🙄(smile)
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्। नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्प
Anil Ray
सीताहरण को तत्पर है जो रावण उन दुष्टों का अविलंब से वध हो। लक्ष्मण सा भ्रातृत्व प्रकाशित रहे घर-परिवार नही कोई कलह हो। हर बच्चे पर आशीष, ममता का न कोई बच्चा जग में अनाथ हो। पति-पत्नि रहे साथी बनकर सदा न ही सीता की अग्निपरीक्षा हो। रहे चाहे अकेले इस संसार मे हम परन्तु विभीषण सा भाई नही हो। आंगन खुशियों के दीप जगमगाते मुबारक यें आपको पवित्र पर्व हो। 🙏🏻🪔 जय श्रीराम 🪔🙏🏻 ©Anil Ray राम का वास :- संस्कृत में 'रा' का अर्थ है "जो प्रकाशमान है" वह है राम। सत्ता के कण-कण में जो प्रकाशमान है वह राम है। राम दशरथ और कौशल्या के
Suchita Pandey
अभिव्यक्ति 7 (उपन्यास सार कविता) // रामायण - "सुन्दरकाण्ड" - सार // हनुमंत लंका प्रस्थान किये, तब सुरसा ने लिया परीक्षा। तब योग्य, सामर्थ्यवान पाकर उनको आशीर्वाद दिया। मार्ग में हनुमानजी ने राक्षसी छाया का वध किया। किया प्रहार लंकिनी पर तब लंका प्रवेश किया । हनुमान अशोकवाटिका जब पहुँचे, माता सीता से भेंट किया। कर प्रणाम माता सीता को राम की मुद्रिका उन्हें दिया । कर विध्वंश अशोकवाटिका का, रावण पुत्र अक्षय कुमार का वध किया । "कृपया पूरी कविता सार अनुशीर्षक में पढ़े" 🙏 #अभिव्यक्ति_7 #उपन्यास_सार _कविता #रामायण_सुन्दरकाण्ड_सार #pnpabhivyakti7 #pnphindi #pnp071020 #pnpabhivyakti अभिव्यक्ति 7 (उपन्यास सार क
Vikas Sharma Shivaaya'
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा का स्वरूप:मां कात्यायिनी नवरात्रि में छठ पर्व के दौरान भी माता कात्यायिनी की पूजा का विधान है- कात्यायिनी को माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है..., -मां दुर्गा की छठी विभूति हैं मां कात्यायनी-शास्त्रों के मुताबिक जो भक्त दुर्गा मां की छठी विभूति कात्यायनी की आराधना करते हैं मां की कृपा उन पर सदैव बनी रहती है- शास्त्रों में माता षष्ठी देवी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना गया है- इन्हें ही मां कात्यायनी भी कहा गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि के दिन होती है। षष्ठी देवी मां को ही पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहते हैं, छठी माता की पूजा का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी मिलता है..., -उत्तरप्रदेश के मथुरा के निकट वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे- इसकी शक्ति है उमा और भैरव को भूतेश कहते हैं, यहीं पर आद्या कात्यायिनी मंदिर, शक्तिपीठ भी है जहां के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता के केश गिरे थे। वृन्दावन स्थित श्री कात्यायनी पीठ ज्ञात 51 पीठों में से एक अत्यन्त प्राचीन सिद्धपीठ है..., -विजयादशमी का पर्व माता कात्यायिनी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता है जो कि श्रीराम के काल के पूर्व से ही प्रचलन में रहा है, इस दिन अस्त्र-शस्त्र और वाहन की पूजा की जाती है..., मंत्र:ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥ -ऋषि कात्यायन की पुत्री ही कात्यायनी थीं-कात्यायन ऋषि को विश्वामित्रवंशीय कहा गया है- स्कंद पुराण के नागर खंड में कात्यायन को याज्ञवल्क्य का पुत्र बतलाया गया है- उन्होंने 'श्रौतसूत्र', 'गृह्यसूत्र' आदि की रचना की थी..., श्लोक: चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ॥ ॐ ह्रीं नम:।।' -कहते हैं कि सिद्ध संत श्रीश्यामाचरण लाहिड़ीजी महाराज के शिष्य योगी 1008 श्रीयुत स्वामी केशवानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने अपनी कठोर साधना द्वारा भगवती के प्रत्यक्ष आदेशानुसार इस लुप्त स्थान पर स्थिति इस श्रीकात्यायनी शक्तिपीठ जो राधाबाग, वृन्दावन नामक पावनतम पवित्र स्थान पर स्थित है का पुर्ननिर्माण कराया था...! Affirmations: 76.इस साल मै परिवर्तन के लिए मानसिक कार्य करूँगा ..., 77.मै सारी जीवित वस्तुओं से जुड़ा हुआ हूं..., 78.मै जीवन में नए द्वारा खोलता हूं..., 79.मेरे सब अनुभव मेरे लिए सही है..., 80.मै दूसरे लोगों को उन्ही की तरह रहने देता हूँ.. , बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️ 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱हमेशा हमारा आपका मार्गदर्शन करती रहे..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी म