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Ravendra
20 लीटर कच्ची दारू के साथ पुलिस ने एक को किया गिरफ्तार ©Ravendra 20 लीटर अपमिश्रित देशी कच्ची शराब के साथ एक को पुलिस ने भेजा जेल बाबागंज। रूपईडीहा थाना क्षेत्र में नकली शराब बना रहे थे अभियुक्त को पुलिस
Ravendra
Naushad Sadar Khan
नाम वर सारे ज़माने में चंद होते है शान उनकी बुलंद होती है काम जिनके बुलंद होते हैं वो ही उड़ते हैं बेख़ौफ़ आसमा में सदा यक़ीन जिनके पुख़्ता और रूह से पतंग होते है, - नौशाद सदर ख़ान नाम वर सारे ज़माने में चंद होते है शान उनकी बुलंद होती है काम जिनके बुलंद होते हैं वो ही उड़ते हैं बेख़ौफ़ आसमा में सदा यक़ीन जिनके पुख
Naushad Sadar Khan
शब्द रूपी पुष्पों से सज्जित , आज तथा कल रखता हूँ लेखक हूँ मैं , शब्दों का विस्तृत गुणन फल रखता हूँ , मर्म मेरा शब्दों में ढलकर बन पलकों से धार बहे झरने सा निर्मल हृदय , ना द्वेष कलह छल रखता हूँ , लेखक हूँ मैं , शब्दों का विस्तृत गुणन फल रखता हूँ , - नौशाद सदर ख़ान शब्द रूपी पुष्पों से सज्जित , आज तथा कल रखता हूँ लेखक हूँ मैं , शब्दों का विस्तृत गुणन फल रखता हूँ , कभी तृप्त हूँ , मैं तृष्णा में कभी
Naushad Sadar Khan
मैं समंदर नहीं तो क्या शिकवा महज़ एक बूँद भी प्यासे को सुकुँ देती है, मैं समंदर नहीं तो क्या शिकवा महज़ एक बूँद भी प्यासे को सुकुँ देती है, - नौशाद सदर ख़ान
Naushad Sadar Khan
मेरा दिल तपता रेगिस्तान और सारा जहां ख़ाली था ग़रज़मंद , ख़ुदा के दर पर सवाली था फिर मेरे आँगन में एक रात सलेटी आयी दुआएँ सुन लीं ख़ुदा ने मेरी मेरे घर बेटी आयी ! -नौशाद सदर ख़ान मेरा दिल तपता रेगिस्तान और सारा जहां ख़ाली था ग़रज़मंद , ख़ुदा के दर पर सवाली था फिर मेरे आँगन में एक रात सलेटी आयी दुआएँ सुन लीं ख़ुदा न
Naushad Sadar Khan
खूबसूरत चेहरों पर जो नक़ाब हैं महंगे महंगे उतर गए तो कई झूट बेनक़ाब हो जाएँगे , जो पूछते हैं हमसे हर रोज़ एक नया सवाल आइना देखकर खुद लाजवाब हो जाएँगे , बंद करो ये नफ़रतों का कारोबार ज़ालिमों वरना बहुत जल्द,तुम पर नाज़िल अज़ाब हो जाएँगे , नयी पीढ़ी को तालीम की सख़्त ज़रूरत है कैसे चलेंगी मशीने,जब पुर्ज़े ख़राब हो जाएँगे , जो सफ़ेद पोश बैठे हैं कुर्सियों को सीने से लगाए वक़्त आ गया है अब सबके हिसाब हो जाएँगे , ना जाने कितने समा गए काग़ज़ के पन्नो में देखना ये ज़ालिम लोग भी पुरानी किताब हो जाएँगे , कैसे सलामत रह सकेगा फिर घर कोई ग़र जलाने पर आमादा घर के चराग़ हो जाएँगे , जो साँसे थम गयी हक़ की लड़ाई में मेरे यारों शहादत पर तुम्हारी ज़िंदा इंक़लाब हो जाएँगे , -नौशाद सदर ख़ान खूबसूरत चेहरों पर जो नक़ाब हैं महंगे महंगे उतर गए तो कई झूट बेनक़ाब हो जाएँगे , जो पूछते हैं हमसे हर रोज़ एक नया सवाल आइना देखकर खुद लाजव
Naushad Sadar Khan
आँखो में तेरी साज़िशें होटो पे दग़ा है सीने में तेरे दिल नहीं शैतान बसा है , लाशों के ढेर पर तू मनाता है दिवाली फ़ितरत फ़रेब है ना तू इंसान बचा है, सीने में तेरे दिल नहीं शैतान बसा है , आँखो में तेरी साज़िशें होटो पे दग़ा है सीने में तेरे दिल नहीं शैतान बसा है लाशों के ढेर पर तू मनाता है दिवाली फ़ितरत फ़रेब है ना तू इंसान