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अदनासा-
अब ना पूछों कहां और कब दोनों के लब पर कैसे एतराज़ आया वैसे कुछ भी राज़ नही अब ना तुम बाज़ आयी ना मैं बाज़ आया ©अदनासा- #हिंदी #एतराज़ #लब #बाज़ #तुम #मै #तुम_और_मैं #brokenbond #Instagram #अदनासा
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read moreMď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ."
White ["अहद-ए-वफ़ा"] इन आँसूओं की क़ीमत तो बता# अहद-ए-वफ़ा#मैं अपना हक आदा करूँ? जा अपनी मोहब्बत को फिर से गले लगा#मैं ख़ुद को तुझसे ज़ुदा करूँ? ©Mď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ." #goodnightimages #अहद-ए-वफ़ा
#goodnightimages #अहद-ए-वफ़ा
read moreMď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ."
White ["अहद-ए-वफ़ा"] मेरी उदासी का सबब तुम क्या जानो अहद-ए-वफ़ा तुम्हें तो ये भी मालूम नहीं मोहब्बत किसे कहते हैं ©Mď Âĺfaž" "Šयरी Ķ. दिवाŇ." #flowers #अहद-ए-वफ़ा
Ajay Chaurasiya
White दिन दिन करते करते ये उम्र गुज़र रही है, बीतते दिनों की यादे मन की गुल्लक में सिमट रही है, कभी कभी कोई पुरानी याद जब, झाक लेती है गुल्लक से बाहर तब, विस्मृत से कुछ चहरे, धुंधले कुछ पल, छूटी हुई राहें, गुजरे हुए वक्त, ले आते है फिर उम्र के बीते पड़ाव पर, जो हम छोड़ आए थे पीछे, बढ़ते उम्र की जिम्मेदारियों के संग, अंतर्मन जैसे गुम जाता है उन यादों में, तभी मस्तिष्क फिर खट-खट्टाता है द्वार मन के, और ले आता है भूत से वर्तमान में, मैं भी एक दिन याद बनाना चाहूंगा, और रहना चाहूंगा यादों के साथ, तब तक लड़ता रहूंगा, मन और मस्तिष्क की लड़ाई स्मृतियों के संग.... ©Ajay Chaurasiya #मै और याद...
#मै और याद... #मराठीकविता
read morePankaj K Mahto
White मैं सोचु तो क्या यह रात हैं तो रात ढल जायेगी, सबेरा हैं तो यह सबेरा फिर निकल जायेगी, राह चले है हम कुछ इस कदर , जैसे की कुछ तकलीफे है हमारी दिन - प्रतिदीन मै सोच मे डूबा हर बात अपनी सारी, क्या कहूँ मैं खुद से बात हमारी! Pankaj mahato 27/05/24 ©Pankaj K Mahto क्या मै सोचु#
क्या मै सोचु# #विचार
read moreAjay More
White जिस चीज को आप चाहते हैं, उसमें असफल होना, जिस चीज को आप नहीं चाहते उसमें सफल होने से बेहतर है। ©Ajay More #motivatation #हिंदी
#motivatation #हिंदी #मराठीविचार
read morePANKAJ KUMAR SINHA
White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं
मै मां हूं #कविता
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