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Devesh Dixit

#teachers_day गुरु (दोहे) गुरु मिलता जब शिष्य को, मिलती खुशी अपार। देते विद्या दान हैं, भरे ज्ञान भंडार।। गुरु की महिमा है बड़ी, शिक्षा द #Poetry #Sethi

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा  :- वसनविशाला छन्द १११     १११   १२२   २२२ पशु सम बन नही आत्याचारी । नर जस रह सदा आज्ञाकारी ।। चल शरण गुरु तू हो जा ज्ञानी । फिर बन ज #कविता

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White विधा  :- वसनविशाला छन्द
१११     १११   १२२   २२२


पशु सम बन नही आत्याचारी ।
नर जस रह सदा आज्ञाकारी ।।
चल शरण गुरु तू हो जा ज्ञानी ।
फिर बन जगत में तू सम्मानी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा  :- वसनविशाला छन्द
१११     १११   १२२   २२२


पशु सम बन नही आत्याचारी ।
नर जस रह सदा आज्ञाकारी ।।
चल शरण गुरु तू हो जा ज्ञानी ।
फिर बन ज

Anuradha T Gautam 6280

ज्ञानी के लिए एकांत स्वर्ग होता है और मूर्ख के लिए वो #कैदखाना..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ 🙏🙏🙏📖🙏🙏🙏 #शायरी

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N S Yadav GoldMine

#Paris_Olympics_2024 (गीता ४।१९) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'जिसके सम्पूर्ण शास्त्र सम्मत कर्म बिना कामना और संकल्प के होते हैं, तथा जिसके सम #मोटिवेशनल

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

उपमान छन्द  दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा । रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।। मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा । मिलता नही गरीब को , थ #कविता

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उपमान छन्द 
दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा ।
रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।।
मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा ।
मिलता नही गरीब को , थोड़ा भी चोखा ।।

खुला सुबह से आज है , ठेका सरकारी ।
जी भर पीकर देख लो , भूलो तरकारी ।।
निशिदिन जैसे आज भी , सोयेंगे बच्चे ।
बनो नही अब आप भी , कलयुग में सच्चे ।।

गाँव-गाँव यह रीति है , सब करते थैय्या ।
मेरे तो सरपंच जी , है बड़का भैय्या ।।
दिये न ढेला नोन का , बनते है दानी ।
देते भाषण मंच पर , बन जाते ज्ञानी ।।

करना आज विचार सब , पग धरना धीरे ।
बिछे राह में शूल है , हम सबके तीरे ।।
जाग गये तो भोर है , जीवन में तेरे ।
वरना राई नोन के , लेते रह फेरे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उपमान छन्द 
दिनभर करता काम है , वह तो मनरेगा ।
रहकर भूखे पेट भी , सुनता क्या लेगा ।।
मजे करे सरपंच जी , करके अब धोखा ।
मिलता नही गरीब को , थ
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