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Manmohan Dheer

जुगाली

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क़ायदे पेट भर के आराम से बैठ गए
चौराहे देर तक फिर जुगाली करते रहे जुगाली

Divyanshu Pathak

"भादवे का घी" भाद्रपद मास आते आते घास पक जाती है। जिसे हम घास कहते हैं। वह वास्तव में अत्यंत दुर्लभ #औषधियाँ हैं। इनमें धामन जो कि गायों को

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मैं भारतीय जीवनशैली के वैभवशाली इतिहास में यहाँ की मिट्टी और पर्यावरण का विशेष योगदान मानता हूँ।आज हम प्रकृति के सामीप्य का ढोंग तो करते हैं लेकिन हमें ये पता नहीं होता कि ऋतुओं के अनुरूप पथ्य और अपथ्य क्या है?पहला सुख निरोगी काया तो सब जानते हैं। फिर भी भक्ष्य और अभक्ष्य का भेद भुलाकर "स्वाद" के ग़ुलाम हो नए रोगों को निमंत्रण देते हैं।

घी- संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं आपको।
माननीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उनको सादर नमन। "भादवे का घी"
भाद्रपद मास आते आते घास पक जाती है।
जिसे हम घास कहते हैं। वह वास्तव में अत्यंत दुर्लभ #औषधियाँ हैं।
इनमें धामन जो कि गायों को

Sumit Hansarian

गाय जुगाली क्यों करती है ?? जानिए #ज़िन्दगी

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Parasram Arora

मानवीय इतिहास....... और जुगाली भैस की

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ये  भैंस  भी  जानती  थी 
क़ि   इतिहास  तुम्हारा  वीभत्स रहा हैँ 
और  ये  आने  वाली  पीड़ी  को  भृमित कर सकता हैँ.......... तभी  तो  वो भैंस  उस  इतिहास क़े  
पन्ने  चबा गई   और अभी तक   जुगाली करती हुईं 
उन पन्नो क़े  ऱस  का  पूरा  आनंद  ले रही हैँ 
और देखो  वो कितनी  खुश   भी  दिखाई  दे रही   हैँ 
इसप्रकार उस भैंस  ने  मानव क़े  इतिहास को  चबा चबा कर  अपने  विशाल  पेट  मे समाधिस्थ  कर  लिया हैँ मानवीय इतिहास....... और जुगाली भैस की

Rakesh Agarwal

।।बचपन की मौज।। यादों की जुगाली में, मशगूल दिल-औ-दिमाग। ढूंढ रहे बीते उम्र, के वो पल बेहिसाब। तब ना, कमाने के लीये दिन की दौड़, ना,रुतबे के ल

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।।बचपन की मौज।।
यादों की जुगाली में, मशगूल दिल-औ-दिमाग।
ढूंढ रहे बीते उम्र, के वो पल बेहिसाब।
तब ना, कमाने के लीये दिन की दौड़,
ना,रुतबे के लीये, खर्च की होड़।
बस दिन उगे, चिड़िया संग चहके,
नदियाँ नहाये, गलियों की धूल उड़ाये।
शाम को सूरज दबाये, घर को आये।
ना वक़्त की, परवाह कोई।
ना किसी दूर सोच, का बोझ।
रह-रह कर याद आती,
जिन्दगी का अहसास कराती।
यादों की जुगाली,
में वो बचपन की मौज । ।।बचपन की मौज।।
यादों की जुगाली में, मशगूल दिल-औ-दिमाग।
ढूंढ रहे बीते उम्र, के वो पल बेहिसाब।
तब ना, कमाने के लीये दिन की दौड़,
ना,रुतबे के ल
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