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Prem Rana (P.R.)
RAJA RAVI VARMA - biography - VOICE ACTOR - PREM RANA चित्रकार - भारत के देवी-देवताओं का पहला चित्र बनाने वाले | कथावाचक: प्रेम राणा Raj #Trending #actor #kavita #viral #Bhakti #nojohindi #फ़िल्म #Reels #PremRana #Premrana_official
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} देवी लक्ष्मी के जन्म की कहानी को समझने के लिए आइए हम विष्णु पुराणों पर कुछ प्रकाश डालते हैं !! 🌠🌠 जय श्री राधे कृष्ण जी. देवी लक्ष्मी:- 🚤 प्रत्येक देवी और देवता का हिंदू धर्म में अपना ही एक अलग महत्व है, जो प्राचीन शास्त्रों में परिलक्षित है। वहीं हिंदुओं के लिए देवी लक्ष्मी धन, भाग्य, शक्ति, विलासिता, सौंदर्य, उर्वरता और शुभता की देवी हैं। लक्ष्मी शब्द संस्कृत के शब्द लक्ष्या से लिया गया है, और वह धन और सभी भौतिक सुखों को प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। लक्ष्मी को माँ दुर्गा की बेटी और विष्णु की पत्नी के रूप में जाना जाता है, जिनके साथ वह अपने प्रत्येक अवतार में अलग-अलग रूप धारण करती हैं। देवी लक्ष्मी के जन्म की कहानी को समझने के लिए आइए हम विष्णु पुराणों पर कुछ प्रकाश डालते हैं। देवी लक्ष्मी का जन्म कथा:-🚤 देवी लक्ष्मी के जन्म की कहानी कुछ इस प्रकार है। दरअसल एक बार ऋषि दुर्वासा और भगवान इंद्र बैठकर बात कर रहे होते हैं। ऋषि दुर्वासा इंद्र को सम्मानित करने के लिए उन्हें पुष्पों की माला भेंट करते हैं। इंद्र उसे माला को अपने हाथी ऐरावत को पहना देते हैं लेकिन ऐरावत उस माला को पृथ्वी पर फेंक देता है। यह देखकर ऋषि दुर्वासा क्रोधित हो जाते हैं, और देवराज को शाप देते हैं कि उनका राज्य बर्बाद हो जाएगा। ऋषि के श्राप की वजह से इंद्र की राजधानी अमरावती में लोग भूखे मरने लगते हैं, और वहां पेड़-पौधे भी उगना बंद हो जाते हैं। 🚤 जब अमरावती में अकाल पड़ जाता है, तब राक्षस देवताओं पर आक्रमण कर देते हैं, और उन्हें हरा देते हैं। पराजित होने के बाद देवता मदद के लिए भगवान हरि के जाते हैं, जो उन्हें समुद्र मंथन का सुझाव देते हैं, ताकि उससे निकले अमृत से देवता वापस से अपनी शक्तियों को पा सकें। इस तरह समुद्र मंथन शुरू होता है, और उससे ही देवी लक्ष्मी प्रकट होती हैं। वहीं कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महा लक्ष्मी सप्तर्षियों में से एक भृगु महर्षि की बेटी थीं। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के देवसखा, चिकलिता, आनंद, कर्दम, श्रीपदा, जटावेदा, अनुराग, संवत, विजया, वल्लभ, माडा, हर्ष, बाला, तेजा, दमका, सलिला, गुग्गुला, कुरुंतका नाम के 18 पुत्र हैं। देवी लक्ष्मी का स्वरूप:-🚤 देवी लक्ष्मी के चार हाथ जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले चार लक्ष्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं - धर्म, काम, अर्थ और मोक्ष। इसके अलावा देवी लक्ष्मी की कलाकृतियों और मूर्तियों में, सिक्कों का झरना धन का प्रतिनिधित्व करता है और हाथियों के झुंड को शाही शक्ति का प्रतिनिधित्व माना जाता है। साथ ही लाल रंग की साड़ी जो वह पहनती है वह निरंतर गतिविधि और सकारात्मक ऊर्जा के लिए है। 🚤 पौराणिक मान्यता है कि जब जब धरती पर भगवान विष्णु का अवतार हुआ तब तब मां लक्ष्मी ने उनकी सेवा करने के लिए धरती पर अवतार लिया। त्रेतायुग में सीता के रूप में और द्वापर युग में रुक्मिणी के रूप में अवतरित हुई थीं। 🚤 अष्टलक्ष्मी लक्ष्मी के आठ स्वरूप हैं, जो धन के आठ स्रोतों में रहते हैं और इस प्रकार महालक्ष्मी की शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दीपों के पर्व दीपावली पर हिंदू सबसे अधिक लक्ष्मी की पूजा करते हैं। कोलकाता में देवी काली की पूजा दिवाली के दौरान महालक्ष्मी के रूप में की जाती है। लक्ष्मी अवतार और स्वरूप:-🚤 आदि लक्ष्मी - माँ लक्ष्मी का पहला स्वरूप हैं, 🚤 धन लक्ष्मी - वह जो धन की वर्षा करती हैं:- 🚤 धान्य लक्ष्मी - वह जो अन्न / अनाज की प्रचुरता देती हैं. 🚤 गज लक्ष्मी - शक्ति और साहस देने वाली हैं:- 🚤 संतान लक्ष्मी - वह संतान के साथ आशीर्वाद देती हैं. 🚤 वीरा लक्ष्मी - जो वीरता और साहस देती हैं. 🚤 विजया लक्ष्मी - सभी प्रकार के शत्रुओं पर विजय देती हैं,. 🚤 ऐश्वर्या लक्ष्मी - व्यक्ति सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं देती हैं. 🚤 महा लक्ष्मी के 8 रूपों को सामूहिक रूप से अष्टलक्ष्मी के रूप में जाना जाता है। इन 8 रूपों के अलावा, देवी लक्ष्मी के भी स्वरुप में पूजा की जाती है। 🚤 विद्या लक्ष्मी - जो बुद्धि और ज्ञान देने वाली हैं. 🚤 सौभाग्य लक्ष्मी - वह जो सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं. 🚤 राज्य लक्ष्मी - राज्य और संपत्ति देने वाली हैं. {Bolo Ji Radhey Radhey} 🚤 वर लक्ष्मी - जो वरदान देती हैं. 🚤 धैर्य लक्ष्मी - वह जो धैर्य प्रदान करती हैं. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय:-🚤 शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने का सबसे अच्छा दिन है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा के लिए कमल के फूल, चंदन, सुपारी और मेवे, फल और गुड़, चावल और नारियल से बनी विभिन्न मीठी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए प्रत्येक शुक्रवार को ॐ महालक्ष्मी च विद्हे विष्णुपत्नींच धीमही । तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात ॥ मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। ©N S Yadav GoldMine #sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} देवी लक्ष्मी के जन्म की कहानी को समझने के लिए आइए हम विष्णु पुराणों पर कुछ प्रकाश डालते हैं !! 🌠🌠 जय श्
#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} देवी लक्ष्मी के जन्म की कहानी को समझने के लिए आइए हम विष्णु पुराणों पर कुछ प्रकाश डालते हैं !! 🌠🌠 जय श् #मोटिवेशनल
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पीपल महुआ नीम को , काट किया है दोख । ऐसे तपकर आज रवि , रहे नीर को सोख ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पीपल महुआ नीम को , काट किया है दोख । ऐसे तपकर आज रवि , रहे नीर को सोख ।। महेन्द्र सिंह प्रखर
पीपल महुआ नीम को , काट किया है दोख । ऐसे तपकर आज रवि , रहे नीर को सोख ।। महेन्द्र सिंह प्रखर #कविता
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चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंचन तन हमको भाया ।। नागिन बन रजनी है डसती । सखी सहेली हँसती तकती ।। कौन जगत में है अब अपना । यह जग तो है झूठा सपना ।। आस दिखाए राह न पाये । सच को बोल बहुत पछताये ।। यह जग है झूठों की नगरी । बहु तय चमके खाली गगरी ।। देख-देख हमहूँ ललचाये । भागे पीछे हाथ न आये ।। खाया वह मार उसूलो से । औ जग के बड़े रसूलों से ।। पाठ पढ़ाया उतना बोलो । पहले तोलो फिर मुँह खोलो ।। आज न कोई उनसे पूछे । जिनकी लम्बी काली मूछे । स्वेत रंग का पहने कुर्ता । बना रहे पब्लिक का भुर्ता ।। बन नीरज रवि रहा अकाशा । देता जग को नित्य दिलाशा । दो रोटी की मन को आशा । जीवन की इतनी परिभाषा ।। लोभ मोह सुख साधन ढूढ़े । खोजे पथ फिर टेढे़ मेंढ़े । बहुत तीव्र है मन की इच्छा । भरे नहीं यह पाकर भिच्छा ।। राधे-राधे रटते-रटते । कट जायेंगे ये भी रस्ते । अपनी करता राधे रानी । जिनकी है हर बात बखानी । प्रेम अटल है तेरा मेरा । क्या लेना अग्नी का फेरा । जब चाहूँ मैं कर लूँ दर्शन । कहता हर पल यह मेरा मन ।। २४/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच
चौपाई छन्द :- पीर पराई बनी बिवाई । हमको आज कहाँ ले आयी ।। मन के अपनी बात छुपाऊँ । मन ही मन अब रोता जाऊँ ।। चंचल नैनो की थी माया । जो कंच #कविता
read morenarendra bhakuni
"हे जननी हम बालक तेरे भक्ति - भाव से सुबह सवेरे। तेरे प्रेम के आँचल जैसे छट जाएंगे बादल - घनेरे।। " ©narendra bhakuni #navratri Sethi Ji Anuj Ray Self Made Shayar Kshitija Surendra Kumar Kahar विश्व Nath Sandeep Surela Bittu Roy vimlesh Gautam https://youtub
#navratri Sethi Ji Anuj Ray Self Made Shayar Kshitija Surendra Kumar Kahar विश्व Nath Sandeep Surela Bittu Roy vimlesh Gautam https://youtub
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