Find the Latest Status about शोखियों में घोला जाए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, शोखियों में घोला जाए.
Sankalp Sharma
White वो कुछ शब्दों में उलझे थे। फिर एक जाम नें काम कर दिया। -@the_irresponsible_maverick ©Sankalp Sharma कविता की क्या ज़रूरत, जब दो शब्दों में खेल बन जाए। #couplet
꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂
कहो तो जाम का इंतजाम हो जाए महफिल में गजलों की शाम हो जाए आज अगर पीएं पानी तो वो भी शराब हो जाए चलो आज थोड़ा गैरों की नजरों में बदनाम हो जाएं सिगरेट के धुएं आज हवा में लहराते नजर आएं जाम से जाम छलके और लोग वाह वाह करते नजर आएं बेवफा के कुछ ख्याल आज लड़खड़ाते लफ्जों से पढ़ दिए जाएं आज उनके हिज्र में खुद को थोड़ा आंसुओं से भिगोया जाए कहो तो महफिल में आज जाम का इंतजाम किया जाए ©꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂ #alone कहो तो महफिल में आज जाम का इंतजाम किया जाए.. ✍️✍️
Anuj Ray
White लगा के आग दिल में , छोड़ दी है सर्दी रातों को, बेखुदी का हाल बताने, तुम बिन जाए तो जाए कहां। ©Anuj Ray ₹ तुम बिन जाए तो जाए कहां"
Shashi Bhushan Mishra
Meri Mati Mera Desh आईना सच बताने लग जाए तो, गलतियों को दिखाने लग जाए तो, पैरहन के अलावा भी है और कुछ, भेद घर का बताने लग जाए तो, मर्ज़ का नुस्खा बताए ख़ुद मरीज, चाराग़र को सिखाने लग जाए तो, पहुँचकर थाने में सारे चोर ख़ुद ही, रपट बरबस लिखाने लग जाए तो, झूठ की देकर दलीलें कोर्ट में, फैसला ख़ुद सुनाने लग जाए तो, सेंकने वाले सियासी रोटियों को, आग दिल में जलाने लग जाए तो, सोचता हूँ संकटों के जनक गुंजन, समस्या को भगाने लग जाए तो, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #लग जाए तो#
Himaani
जब मोहब्बत धोखा दे जाए तो वह मरे के समान हो जाती है उसे याद तो किया जाता है पर उससे कभी बात नहीं होती है ©Himaani मोहब्बत में जब धोखा हो जाए
Internet Jockey
तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता ©Internet Jockey तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता
pramod malakar
# जनता जाए भाड़ में # पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था। जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है, उसका कुर्सी से चिपके रहना भी जरूरी है। जनता जाए भाड़ में, दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में। हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है, कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है। घर - घर में आज उछल रहा है सवाल, केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। चलो जो भी हुआ बहुत अच्छा हुआ, भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं। केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है, आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है। मित्रों याद रखना कमल फूल को, सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को। मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का, मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का। कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था, 2014 में हर हिन्दू तिरंगा और भगवा लहराया था। केजरी के पिछवाड़े में फेविकोल किसने लगाया था, उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।। ########################### कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर ©pramod malakar #जनता जाए भाड़ में
Mukesh Poonia
अपनी ऊर्जा को चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है, इसका उपयोग समाधान ढूंढने में किया जाए। . ©Mukesh Poonia #Holi अपनी #ऊर्जा को #चिंता करने में #खत्म करने से #बेहतर है, इसका उपयोग #समाधान #ढूंढने में किया जाए