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    LatestPopularVideo

Urmeela Raikwar (parihar)

"बदल जाए " #मोटिवेशनल

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Sankalp Sharma

कविता की क्या ज़रूरत, जब दो शब्दों में खेल बन जाए। #couplet

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꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂

#alone कहो तो महफिल में आज जाम का इंतजाम किया जाए.. ✍️✍️

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Anuj Ray

₹ तुम बिन जाए तो जाए कहां" #शायरी

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Shashi Bhushan Mishra

#लग जाए तो# #शायरी

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Meri Mati Mera Desh आईना  सच  बताने  लग जाए तो, 
गलतियों को दिखाने लग जाए तो,

पैरहन के अलावा भी है और कुछ, 
भेद  घर  का  बताने  लग जाए तो,

मर्ज़ का नुस्खा  बताए ख़ुद मरीज, 
चाराग़र को  सिखाने लग जाए तो,

पहुँचकर थाने में सारे चोर ख़ुद ही, 
रपट बरबस लिखाने लग जाए तो,

झूठ   की   देकर  दलीलें   कोर्ट में, 
फैसला  ख़ुद  सुनाने  लग जाए तो,

सेंकने  वाले  सियासी  रोटियों को, 
आग  दिल में जलाने लग जाए तो,

सोचता हूँ संकटों के जनक गुंजन, 
समस्या  को  भगाने  लग जाए तो,
   ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #लग जाए तो#

Himaani

मोहब्बत में जब धोखा हो जाए #मोटिवेशनल

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Internet Jockey

तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर सागर कभी दरिया में नहीं गिरता #Quotes

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तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

©Internet Jockey तारा टूट भी जाए तो नीचे नहीं गिरता, 
गिरती हैं नदियाँ सागर में, पर
सागर कभी दरिया में नहीं गिरता

pramod malakar

जनता जाए भाड़ में

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# जनता जाए भाड़ में #
पिछवाड़े  में फेविकोल किसने  लगाया  था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।
जिसने कहा था कुर्सी में हीं कुछ गड़बड़ी है,
उसका कुर्सी से चिपके  रहना भी जरूरी है।
जनता जाए भाड़ में,
दिल्ली डुब जाए अषाढ़ में।
हर घर में शराब पिलाना ज़रुरी है,
कुर्सी लूटने के लिए नोटों कि लूट मजबूरी है।
घर - घर  में  आज  उछल   रहा  है   सवाल,
 केजरीवाल को ED ने क्यों बनाया सहवाल। 
चलो जो  भी हुआ  बहुत  अच्छा हुआ,
भ्रष्टाचारियों का निकल रहा धुआं।
केंद्र में सबका साथ सबका विकास वाली सरकार है,
आज देश को सिर्फ भाजपा कि दरकार है।
मित्रों याद रखना कमल फूल को,
सर पर लगा लो भारत माता कि पवित्र धूल को।
मैं मालाकार रक्षक हूं भारतीय संस्कृति का,
मैं शब्द हूं राष्ट्रीय गीत कि हर पंक्ति का।
 कल सुभाष,भगत सिंह और चंद्रशेखर ने जगाया था,
2014 में  हर हिन्दू  तिरंगा  और भगवा  लहराया था।
केजरी के पिछवाड़े में  फेविकोल  किसने लगाया था,
उसे कुर्सी पर किसने बैठाया था।।
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कवि ---- प्रमोद मालाकार... जमशेदपुर

©pramod malakar #जनता जाए भाड़ में

Mukesh Poonia

#Holi अपनी #ऊर्जा को #चिंता करने में #खत्म करने से #बेहतर है, इसका उपयोग #समाधान #ढूंढने में किया जाए #विचार

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RAVI PRAKASH

#Tulips जब सोच में ही बीमारी लग जाए तो #शायरी

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