Find the Latest Status about दुक्की पे दुक्की हो from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दुक्की पे दुक्की हो.
vksrivastav
Unsplash ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए और नमक भी डाल गए फिर भी हम इंतज़ार करते रहे और कई साल गए ©Vk srivastav ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए #Love #SAD #Poetry #viral #Shaayari #vksrivastav
ज़ख़्म पे ज़ख़्म दिए #Love #SAD Poetry #viral #Shaayari #vksrivastav
read moreनवनीत ठाकुर
ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, कुछ नहीं बचता कोई अंज़ाम हो जाने के बा'द। रूह में जलती रहीं यादों की परछाइयाँ, और ख़ाली हो गया पैग़ाम हो जाने के बा'द। एक मंज़र है अधूरे चाँद सा दिल में कहीं, और गहरा हो गया अंधेरा तमाम हो जाने के बा'द। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क
#नवनीतठाकुर ज़ख़्म भरते ही नहीं इस दिल के हालातों के, और बढ़ जाता है दर्द, आराम हो जाने के बा'द। ख़्वाब टूटे हैं कई पलकों के दरवाज़े पे, क
read moreSwaTripathi
White एक रोज किसी मोड़ पे मिलेंगे में हम उस वक्त हम अनजान होंगे एक दूसरे से।। ©SwaTripathi #love_shayari किसी मोड़ पे मिलेंगे 🥺
#love_shayari किसी मोड़ पे मिलेंगे 🥺
read morerahulyadav_0ah
White लोग हमेशा यकीन तब तोड़ते हैं जब हम उनके वफादारी के मिसाल दे रहे होते हैं। ©rahulyadav_0ah #भरोसा सस्ते लोग पे मत करो
#भरोसा सस्ते लोग पे मत करो
read moreSatish Kumar Meena
mujhe chod do mere haal pe मैं निराश हूं, कृंदनों से। मुक्त हो जाऊं,, बंधनों से। मुझे समझाने में, बरसों लगेंगे। ज़ख्म गहरे हैं,, जी भर सहेंगे। फंस गए अब, किसी की चाल पे, मुझे छोड़ दो,, मेरे हाल पे।। ©Satish Kumar Meena मेरे हाल पे
मेरे हाल पे
read moreAnuj Ray
White धरती पे स्वर्ग की कल्पना को, अपनी आंखों से साकार होते देखने का मन करे, शिशिर ऋतु के शुरुआती दौर में, पहाड़ पर्वत की बर्फीली वादियों का भ्रमण करें। ©Anuj Ray # धरती पे स्वर्ग"
# धरती पे स्वर्ग"
read moreनवनीत ठाकुर
पहाड़ों से निकली एक धारा खास, सपनों से भरी, एक नई तलाश। पत्थरों से टकराई, राह बनाई, हर दर्द को हँसी में समेट लाई।। हर ठोकर को उसने गले लगाया, रुकना उसकी किस्मत में नहीं था। दर्द से उसने अपना राग बनाया, सच में, वो कभी थमा नहीं था।। जब सागर से मिली, वो हर्षित हुई, उसकी लहरों में हर पीड़ा समा गई।। सागर ने उसे अपनी बाहों में समेटा, उसकी हर बूंद में जीवन का सन्देश देखा। नदी ने कहा, "मैं खुद को समर्पित करती हूँ, पर हर बूंद से तुझे अमर कर देती हूँ।। फ़ना होकर भी, वो अमर हो गई, सागर के आँचल में हर याद बस गई। ©नवनीत ठाकुर फना हो कर भी अमर हो गए
फना हो कर भी अमर हो गए
read moreDalip Kumar 'Deep'
'दर्द भरी शायरी' शायरी लव शायरी✍🏿🍂 ज़िंदगी न जाने किस मोड़ पे ग़ैर हो जाये😔🥀🥀
read more