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Prashant Maurya
White शांत तो हवाओं की तरह रहना चाहते हैं पर गर्जन तो बादल की तरह हैं। ©Prashant Maurya #खुद_की_तलाश #sad_quotes Nîkîtã Guptā कुंवर Ankita Maurya Raj Guru kanchan Yadav
#खुद_की_तलाश #sad_quotes Nîkîtã Guptā कुंवर Ankita Maurya Raj Guru kanchan Yadav #Motivational
read moreभारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन
White ये जिंदगी भी क्या खूब है । कहीं छाया तो कहीं धूप है । मायुसी पीछा नहीं छोड़ती । ये भी एक ततैया का ग्रुप है । ©भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन #SAD Raj Guru Dayal "दीप, Goswami.. munish writer Anshu writer sana naaz
Jashvant
रोज़-ए-अज़ल से एक तमाशे में गुम थे हम नाराज़ हो गए हैं अब इक दूसरे से हम बे-नाम ख़्वाहिशों की रियाज़त से थक गए हम लोग तेरी वक़्ती मोहब्बत से थक गए जो तुझ को जीना चाहते थे जल्दी मर गए जो बच गए वो तेरी मसाफ़त से थक गए अब तेरी सम्त मैं कभी पलटूँगा ही नहीं गर तू बुलाए भी तो मैं लौटूँगा ही नहीं हुज्जत तमाम हो गई और आ गई है शाम ऐ ज़िंदगी जवाँ का तुझे आख़िरी सलाम ©Jashvant नज्म Andy Mann narendra bhakuni Geet Sangeet Raj Guru Dr.Mahira khan
नज्म Andy Mann narendra bhakuni Geet Sangeet Raj Guru Dr.Mahira khan #Life
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जुनूँ तो है मगर आओ जुनूँ में खो जाएँ किसी को अपना बनाएँ किसी के हो जाएँ जिगर के दाग़ कोई कम हैं रौशनी के लिए मैं जागता हूँ सितारों से कह दो सो जाएँ तुलू-ए-सुब्ह ग़म-ए-ज़िंदगी को ज़िद ये है कि मेरे ख़्वाब के लम्हे ग़ुरूब हो जाएँ ये सोगवार सफ़ीना भी रह के क्या होगा उसे भी आ के मिरे नाख़ुदा डुबो जाएँ सदी सदी के उजालों से बात होती है तिरे ख़याल के माज़ी में क्यूँ न खो जाएँ हम अहल-ए-दर्द चमन में इसी लिए आए कि आँसुओं से ज़मीन-ए-चमन भिगो जाएँ किसी की याद में आँखें हैं डबडबाई हुई 'शमीम' भीग चली रात आओ सो जाएँ ©Jashvant Chand Alfaaz R. Ojha Raj Guru Andy Mann narendra bhakuni Geet Sangeet
Chand Alfaaz R. Ojha Raj Guru Andy Mann narendra bhakuni Geet Sangeet #Life
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पी ले जो लहू दिल का वो इश्क़ की मस्ती है क्या मस्त है ये नागन अपने ही को डसती है मय-ख़ाने के साए में रहने दे मुझे साक़ी मय-ख़ाने के बाहर तो इक आग बरसती है ऐ ज़ुल्फ़-ए-ग़म-ए-जानाँ तू छाँव घनी कर दे रह रह के जगाता है शायद ग़म-ए-हस्ती है ढलते हैं यहाँ शीशे चलते हैं यहाँ पत्थर दीवानो ठहर जाओ सहरा नहीं बस्ती है जिन फूलों के झुरमुट में रहते थे 'नक्श' इक दिन उन फूलों की ख़ुशबू को अब रूह तरसती है ©Jashvant #Hope#good Morning friends Ek Alfaaz Shayri vineetapanchal Raj Guru