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अनिल कसेर "उजाला"
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset *जिंदगी जीने की कला* ज़िंदगी जीने की आती जिसे भी कला है जीवन में उसका होता हरदम ही भला है वफ़ा जो करता यहाँ वो जाता नहीं कभी छला है दौलत के पीछे जो गया दिल में उसके नफरत पला है सबकी जो सोचे भला, जीवन कभी न उसको खला है अँधेरा दूर करने को 'उजाला' हमेशा ही तो जला है। ©अनिल कसेर "उजाला" जीने की कला
जीने की कला
read moreSumitGaurav2005
कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की प्लानिंग आपने बनाई है। खो देंगे सब कुछ अपडेट ना करने पर, शायद ऐप यूजर बनने की कीमत चुकाई है! ✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'😔 ©SumitGaurav2005 कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की
कितने ही दिन महीने कितने ख़्याल लगे हैं, 4400 स्टोरी पूरे करने में मुझे कई साल लगे हैं। इस ऐप पर हमने यही तो दौलत कमाई है। जिसे नष्ट करने की
read moregaTTubaba
White इतना भी बुरा नहीं हैं चेहरों पर दाग होना देखें हैं हमने कितनों के इमान पर ©gaTTubaba #Thinking इतना भी बुरा नहीं हैं चेहरों पर दाग होना देखें हैं हमने कितनों के इमान पर
#Thinking इतना भी बुरा नहीं हैं चेहरों पर दाग होना देखें हैं हमने कितनों के इमान पर
read moreShiv Narayan Saxena
वक़्त की रफ़्तार पर चेन की कसरत इतनी है ज़िन्दगी में जीने की हसरत ©Shiv Narayan Saxena #सुप्रभात जीने की हसरत hindi shayari
#सुप्रभात जीने की हसरत hindi shayari
read moreInternet Jockey
White हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं ©Internet Jockey #good_night हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं
#good_night हम कितना कुछ ढूंढते हैं पर पहचानते नहीं
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके इश्क़ की गहरी नींद में था, वो अब रातों को जगाने लगे हैं। खोल दिया है बहानों की किताबें, अब वो धीरे-धीरे दूर जाने लगे हैं। होती थी पूरी रात मोहब्बत की बातें, अब गैर की बाहों में सोने लगे हैं। भूल गए संजोए सपनों की कहानी, मेरा इश्क़ अब वो भुलाने लगे हैं। मशगूल है वो अब गैर इश्क़ में, ख़ुद को बेहतर अब बताने लगे हैं। तोड़ दिया मुझको बेहतर की चाह में अब अपना आशियाँ सजाने लगे हैं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Thinking कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके
#Thinking कभी चाह थी गले लगाने की, गैर मुझे अब ग़ैर जताने लगे हैं। राज़ इश्क़ का सबको बताने लगे हैं, अब मुझे कितना सताने लगे हैं। जिनके
read moreParasram Arora
Unsplash कैसे पता लगे कि कौनसी बात न्याय संगत है और कौनसी बात व्यर्थ कागज़ी फूलों पर तुमने कभी किसी भवरे को बैठते हुए देखा है क्या? ©Parasram Arora कैसे पता लगे?
कैसे पता लगे?
read moreHimanshu Prajapati
Unsplash उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! ©Himanshu Prajapati #camping उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! #36gyan #hpstrange
#camping उसका जवाब लाजवाब था, "मोहब्बत हमें जीने नहीं देगी" हम दोस्त ही अच्छे हैं..! #36gyan #hpstrange
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