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Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
Life Like कभी कभी लगता है की सब कुछ छोड़ छाड़ कर कहीं दूर चली जाऊं, क्योंकि जो भीं मिले हैं बस खाना पूर्ति हेतु मिले हैं। लोग कहते थे की यह दुनियां व्यापार का मेला है। यहां सब बिकता है बस बिकने वाला चाहिए। आपको इस बाजार में अपनी कीमत बताने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपकी कीमत अपने स्वार्थ के हिसाब से लगा देंगे। क्योंकि लोगों को कोड़ी के भाव खरीदने की आदत है। लोगों ने कोड़ी को मामूली समझा हैं। कोड़ी तो वो हैं जब साथ दे तो राजा बना दे और साथ न दे तो रंक बना दे। किसी भीं चीज़ को कम आंकना नही चाहिए। क्योंकि अर्श से फर्श पर आते देर नही लगती हैं। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #Lifelike जीवन की जंग में हारे हुए खिलाड़ी हैं। पर अनुभव से सीखा है। लोगों ने अपने मतलब के लिए ही लूटा है। Satyajeet Roy Pushpvritiya Pravee
Jashvant
White एक वा'दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं वर्ना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं जी में आता है उलट दें उन के चेहरे से नक़ाब हौसला करते हैं लेकिन हौसला होता नहीं शम्अ जिस की आबरू पर जान दे दे झूम कर वो पतिंगा जल तो जाता है फ़ना होता नहीं अब तो मुद्दत से रह-ओ-रस्म-ए-नज़ारा बंद है अब तो उन का तूर पर भी सामना होता नहीं हर शनावर को नहीं मिलता तलातुम से ख़िराज हर सफ़ीने का मुहाफ़िज़ नाख़ुदा होता नहीं हर भिकारी पा नहीं सकता मक़ाम-ए-ख़्वाजगी हर कस-ओ-ना-कस को तेरा ग़म अता होता नहीं हाए ये बेगानगी अपनी नहीं मुझ को ख़बर हाए ये आलम कि तू दिल से जुदा होता नहीं बारहा देखा है 'साग़र' रहगुज़ार-ए-इश्क़ में कारवाँ के साथ अक्सर रहनुमा होता नहीं ©Jashvant एक वायदा Ek Alfaaz Shayri ज़हर Lalit Saxena Arun Raina Niranthara Publication
Jashvant
सब के लिए ना-पसंदीदा उड़ती मक्खी कितनी आज़ादी से मेरे मुँह और मेरे हाथों पर बैठती है और इस रोज़-मर्रा से आज़ाद है जिस में मैं क़ैद हूँ मैं तो सुब्ह को घर भर की ख़ाक समेटती जाती हूँ और मेरा चेहरा ख़ाक पहनता जाता है दोपहर को धूप और चूल्हे की आग ये दोनों मिल कर वार करती हैं गर्दन पे छुरी और अँगारा आँखें ये मेरा शाम का रोज़-मर्रा है रात भर शौहर की ख़्वाहिश की मशक़्क़त मेरी नींद है मेरा अंदर तुम्हारा ज़हर हर तीन महीने ब'अद निकाल फेंकता है तुम बाप नहीं बन सके मेरा भी जी नहीं करता कि तुम मेरे बच्चे के बाप बनो मिरा बदन मेरी ख़्वाहिश का एहतिराम करता है मैं अपने नीलो नील बदन से प्यार करती हूँ मगर मुझे मक्खी जितनी आज़ादी भी तुम कहाँ दे सकोगे तुम ने औरत को मक्खी बना कर बोतल में बंद करना सीखा है ©Jashvant कैद में रक्स Ravina jpr. Anjali Sharma Arun Raina –Varsha Shukla Nandani patel
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
Jashvant
Life Like हुबाब-आसा में दम भरता हूँ तेरी आश्नाई का निहायत ग़म है इस क़तरे को दरिया की जुदाई का असीर ऐ दोस्त तेरे आशिक़ ओ माशूक़ दोनों हैं गिरफ़्तार आहनी ज़ंजीर का ये वो तिलाई का त'अल्लुक़ रूह से मुझ को जसद का ना-गवारा है ज़माने में चलन है चार दिन की आश्नाई का फ़िराक़-ए-यार में मर मर के आख़िर ज़िंदगानी के रहा सदमा हमेशा रूह ओ क़ालिब की जुदाई का हुई मंज़ूर मुहताजी न तुझ को अपनी साइल की बनाया कासा-ए-सर वाज़गूँ कासा गदाई का नज़र आती हैं हर-सू सूरतें ही सूरतें मुझ को कोई आईना-ख़ाना कार-ख़ाना है जुदाई का विसाल-ए-यार का वा'दा है फ़र्दा-ए-क़यामत पर यक़ीं मुझ को नहीं है गोर तक अपनी रसाई का भरोसा आह पर हरगिज़ नहीं ऐ यार आशिक़ को शिकार अब तक कहीं देखा नहीं तीर-ए-हवाई का दिखाया हुस्न से एजाज़-ए-मूसी किल्क-ए-क़ुदरत ने यद-ए-बैज़ा बनाया चूर अंगुश्त-ए-हिनाई का नहीं मिटती है पत्थर की लकीर अहबाब कहते हैं रहेगा पा-ए-बुत पर नक़्श अपनी जब्हा-साई का शिकस्त-ए-ख़ातिर-ए-अहबाब होती है दुरुस्त इस से तवज्जोह में तिरी ऐ यार असर है मोम्याई का दिल अपना आईना सा साफ़ इश्क़-ए-पाक रखता है तमाशा देखता है हुस्न इस में ख़ुद-नुमाई का कफ़-ए-अफ़्सोस मलवाती है तेरी पाक-दामानी पिन्हा कर शाहिद-ए-इस्मत को जामा पारसाई का नहीं देखा है लेकिन तुझ को पहचाना है 'आतिश' ने बजा है ऐ सनम जो तुझ को दावा है ख़ुदाई का ©Jashvant Gazal Raj Guru Arun Raina ADV.काव्या मझधार Jaimal Singh Rajput Mahira Khan. shayri lover
गौरव आनन्द श्रीवास्तव
इक और दिन गुज़र गया कारगुज़ारी में हमने ख़ुद को ख़ुद ढूढा अय्यारी में भीड़ भरे बागों में डर तो लगता है कुछ पौधे रोपे हैं दिल की क्यारी में ©गौरव आनन्द श्रीवास्तव #retro #poem #urdu #Hindi #shayri जनकवि शंकर पाल( बुन्देली) Sircastic Saurabh Monika sahni.... Haal E Dil naaz *...shree...* pramodini moh
Alpha_Infinity
बहुत खास होते है ना वो रिश्ते जो सच की बुनियाद पर ढलते हैं। पर आज कल झूठ का ऐसा संसार है। आप किसी की मदद भी नही कर सकते। पता नहीं कौन सा खंजर वो आपकी पीठ में चुभो दे। काश हम लोगो का मन पढ़ पाते। काश ये दुनिया इतनी बुरी नही होती। दर्द बहुत है मन में, धोखा मिलने का। इस दर्द को होलिका दहन में जला भी नहीं सकते। रंग में घोल कर इसको उड़ा भी नही सकते। ©0 दर्दे दिल।। होली मुबारक आप सभी को। #holikadahan #प्यार #एहसास #Nojoto #Satya #Jiwan #Holi Bhawna Sagar Batra Anil Ray Sharma_N narendra bha
Dr.Mahira khan
usne dekha hi nahi kabhi apne hathon ki laqeero ko wrna thori c laqeer usme meri bhi thi ©Dr.Mahira khan laqeere muhbbt ki🥀💔 Sachin Swami mohd Ali Nikhil saini Rajdeep s..m Jashvant moderatorNJT01 Anish Mishra Babin is back Ankit Upadhyay....
Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma
अगर आप प्रेम की ख़ोज में हों क्योंकि आप को प्रेम के बदले तिरस्कार ही मिला है। तो भटकना बंद कीजिए क्योंकि जब अपनो से प्यार नही पा सके तो दुनियां वाले से क्या मिलेगा। क्योंकि वो भीं तो बेगाने हैं। और वो भीं तो इसी तलाश में हैं क्योंकि वो भीं निराश हों कर ही तो आपके सामने है। वो भी प्रेम मिला है वो दिखावा करते हैं। बल्कि अंदर से तो ख़ुद भीं टूटे हुए हैं। वो बात अलग है की कोई दिखा देते है तो कोई छुपा देते है। तो सब छोड़ प्रभु भक्ति की ओर प्रस्थान करे क्योंकि वो सबसे प्रेम करते हैं। चाहें बासी फूल हों या ताज़ा सबको स्वीकार करते हैं। और हम उन्हीं को छोड़ सांसारिक बंधनों से प्रेम करते हैं और और उसी मे प्रेम ढूंढते हैं। ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma #RoadTrip Sudha Tripathi Miss Poonam.PP Vivek . vineetapanchal बादल सिंह 'कलमगार' Rakesh Srivastava Sethi Ji R K Mishra " सूर्य " Prajwal