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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी वातावरण दूषित, व्यबस्था मन को कसौटती है आपाधापी मची है जीवन मे खुराक मिलावटी और जहरीली मिलती है खिले है व्यसन के द्वार इनकी लतो से जीडीपी सरकारों की बढ़ती है डिप्रेशन और निराशा के अधीन जीवन जो रोगो को आमंत्रण देती है स्वस्थ रहना अब दूर की कौड़ी हो गया बीमारियों से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
#Health बीमारियो से कई देशों की अर्थव्यवस्था चलती है
read moreParasram Arora
Unsplash विराट से सारे संबंध उखड़ चुके है आदमी. के वो प्रकृति से टूटा परमामा से भी टूट चुका है अब तों उसकी अपने से भी टूटने क़ी तैयारी है ©Parasram Arora अपने से टूटने की तैयारी
अपने से टूटने की तैयारी
read moreRameshkumar Mehra Mehra
खुद से बात करो................ खुद को पहचानों....! दुनियां से पहले...!! खुद की अहमियत जानों.... ©Rameshkumar Mehra Mehra # खुद से बात करो,खुद को पहचानों,दुनिया से पहले,खुद की अहमियत जानो....
# खुद से बात करो,खुद को पहचानों,दुनिया से पहले,खुद की अहमियत जानो....
read moreDr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
मेरा देश मेरा दायित्व सेवा कुटीर। वृद्धजनों की सेवा पर्यावरण सुरक्षा। #SatyendraUrmilaSharma Varanasi #oldagediary #mdmdt #mdmdt #NBT NavBh
read moreIG @kavi_neetesh
White एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों देश तोडना चाहते है?। --- सत्ता किसी की स्थायी नहीं होती, समय की धार में बहती रहती, फिर क्यों उसे अपनी निजी सम्पत्ति समझते हों? क्यों सत्ता के लिये धर्म जाति के, तुष्टिकरण की राजनीति करते हों ?। ---- क्यों देश को अगड़े पिछड़े और भी कई टुकड़ों में में बाँट रहें हों? क्यों देश के अपराधियों, आतंकियों की ढाल बन रहें हों ?। ---- आखिर क्यों नहीं सोचते, ज़ब देश रहेगा,तभी हम आप रहेंगे, आज जिन्हें सत्ता के लिये पनाह दें रहें, वही कल हमें विकट संताप देंगे, हमारी धर्म संस्कृति को निगल जायेगे, हमारे निशान भी सिर्फ इतिहास में नजर आयेंगे। ---- जिन जातियों की राजनीति कर रहें, उन जातियों के निशान भी न रहेंगे, हमारे धर्म संस्कृति संस्कार सब नष्ट होंगे। ---- अभी वक़्त हैं, संभल जाओ, महा विनाश को न बुलाओ आतंकी दस्तक आज,हर तरफ सुनाई दें रहीं हैं, चेतावनियो के स्वरों की अग्नि प्रज्जवलित हों रहीं हैं, अराजकता की आग फैलने के पहले ही बुझाओ, तुष्टिकरण की राजनीति छोड़ राष्ट्र रक्षा में जुट जाओ। ©IG @kavi_neetesh #love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
#love_shayari एक सवाल --------- एक सवाल देश से, देश से नहीं,देश के नेताओं से, आमजन को, क्यों जाति, धर्म में बांटना चाहते है? आखिर क्यों दे
read moreVinod Mishra
harshit tyagi
छठ पूजा की हर तैयारी में बसते हैं आस्था और भक्ति के रंग जय हो छठ मैया 🙏 ©harshit tyagi हमारे भारत देश की यही खूबसूरत बात है कि हम सभी मिलकर सारे त्योहार बड़े हर्ष के साथ मनाते हैं ।
हमारे भारत देश की यही खूबसूरत बात है कि हम सभी मिलकर सारे त्योहार बड़े हर्ष के साथ मनाते हैं ।
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