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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat वक़्त ने कुछ पत्थर हमें भी बनाया होता औरत के दिल में मां का एहसास ज़रा कम बसाया होता वक़्त ने पत्थर से वचनों को सुनने का दिल ना बनाया होता ख़ुद की नज़रों में उठाने का एहसास भी ज़रा करवाया होता #realityoflife #reality #deepfeelings #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat वक़्त ने कुछ पत्थर हमें भी बनाया होता औरत के दिल म
Insprational Qoute
बांध बहन यह पवित्र रेशम की डोर, भाई बहन के रिश्ते का कहीं नही हैं कोई छोर, बहना प्रभात तो भाई हैं भोर, इनके पावन रिश्ते में, कही नोकझोंक तो कहीं तक़रार हैं, सबसे अनमोल रक्षाबंधन का त्योहार हैं, इस दिन भाई बहन को उसकी रक्षा का देता उपहार हैं। वो पर्व जो रक्षा करने का, वचनों को बांध कर लाता है। रेशम की डोर से बंध कर वही, रक्षाबंधन कहलाता है।। 👉आइए आज लिखते हैं कुछ, आने वाले रक्षाबं
DR. SANJU TRIPATHI
रेशम की डोर से ही बंधा भाई बहन का प्यार है। भाई बहन के प्यार का बंधन ही राखी का त्यौहार है। रेशम की डोर बांधकर बहन भाई से रक्षा का वचन लेती है। एक राखी के बदले बहन सब कुछ न्योछावर कर देती है। ना मांगती धन दौलत ना मांगती कोई उपहार है। राखी के बंधन के बदले बस मांगती है। रक्षा का वचन और थोड़ा सा प्यार है। वो पर्व जो रक्षा करने का, वचनों को बांध कर लाता है। रेशम की डोर से बंध कर वही, रक्षाबंधन कहलाता है।। 👉आइए आज लिखते हैं कुछ, आने वाले रक्षाबं
अनामिका
Hasanand Chhatwani
*सतगुरु पर भरोसा अटल रख्खें* *जब हम स्टेशन पर पहुँच कर गाड़ी में बैठ जाते है तो गाड़ी भले ही लेट हो जाये पर हमे यह विश्वास रहता है कि यह हमें अपने मुकाम पर जरूर पहुँचाऐगी...।* *इसी प्रकार जब हम ब्रमज्ञान लेकर गुरू के वचनों को मानते हुऐ बुरे कर्मों को त्याग कर सिमरन करने लगते हैं तो चाहे ब्रह्माण्ड ही क्यो ना पलट जाये पर संतों का वाक्य नही पलटता...।* *सिमरन का बीज कभी नष्ट नही होता वह जरुर उगेगा और पेड़ बनकर फल भी जरूर देगा...।।* *धन निरंकार जी* *सतगुरु पर भरोसा अटल रख्खें* *जब हम स्टेशन पर पहुँच कर गाड़ी में बैठ जाते है तो गाड़ी भले ही लेट हो जाये पर हमे यह विश्वास रहता है क
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एक वचनबद्ध फौजी एक फौजी हो जाता है वचनबद्ध उस वक्त अपनी सरहद ए जमीं से जब वो फौज की वर्दी पहन लेता है, देता है एक वचन उस धरती माँ को और लेता है जिम्मेदारी कि मन कर्म वचन से कि रक्षा हेतु और तिरंगे पर कभी आंच न आने देगा और धरती माँ की आन बान शान की ख़ातिर अपनी जननी माँ से भी वचनबद्ध होता है कि माँ तूने मुझे जन्म दिया तुझे शत शत प्रणाम, काबिल किया इतना कि अपना जीवन देशसेवा में लगा सकूँ,तेरी हर एक दुआ मेरा आत्मविश्वास बढ़ाती है,तेरी दी गई दुआओं का सिलसिला यूँ ही कायम रखना,तेरा ये लाल कभी कमजोर न होगा चट्टान सा दिल ये अपना कर्त्तव्य निभाता रहेगा,एक सच्चा फौजी निडरता सशक्ता की पहचान बनकर अपने सरहद ए जमीं के लिए जीता रहेगा, — % & कोरा-कागज़ जश्न_ए_इश्क़ ************************ पाँचवी रचना-एक वचनबद्ध फौजी **************************** ये एक फौजी की कर्त्तव्यनिष्ठता और
Divya Joshi
कौन है जग में इतना सरल माँ पितु के वचनों को प्राणों से प्रिय जो मान चले सदा पाई जिस कैकयी माँ से ममता कटु वचन भी सुन उनके जो चेहरे पर मुस्कान धरे कल तक थे जो भावी राजा सब कुछ खोता देख भी जो हर आज्ञा शिरोधार्य करे प्राण जाए पर न जाए पितु वचन सिय लक्ष्मण का हाथ धर सहर्ष वन गमन स्वीकार्य कहे सीखो प्रभु की सीख माँ पिता का क्या स्थान देव भी हों नतमस्तक जिनके समक्ष हम भी उनका यूँ हरदम सम्मान करें ©Divya Joshi श्रीराम वनवास प्रसंग कौन है जग में इतना सरल माँ पितु के वचनों को प्राणों से प्रिय जो मान चले सदा पाई जिस कैकयी माँ से ममता कटु वचन भी सुन उ
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat सवाल कीजिए ? कीजिए सवाल? जवाबदारी का ऐलान कीजिए फ़क्त इल्म हुआ पुराने पोस्टर से निकलता लई हुआ, खोकली रिवायतों मज़हब से फिर सवाल किया गया,बर्खे में औरत का बहिष्कार हुआ, वजूंद को फिर तार तार किया गया। मज़हब के नाम पर , अब तलाक़ के नाम पर कारोबार हुआ,रिश्तों के सात वचनों को ब्रह्म अग्नि में झोंका गया। औरत की प्रतिष्ठा को फिर अग्नि परीक्षा देने के लिए रोंदा गया। कभी एसिड डाल कर,कभी जिंदा जलाकर, कभी अपनी हवसं का शिकार बनाकर, कभी घरेलू हिंसा का विरोध दिखा कर, सवाल कीजिए? जवाब दीजिए? आखिर क्यों? सुप्रभात। सवाल नहीं करेंगे तो जवाब कैसे मिलेंगे! इसलिए #सवालकीजिए #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi Written by Ha
Jhallii girl
#OpenPoetry और कसके गले लगा लेना . . . 👇 (FULL PIECE IN THE CAPTION) होते नहीं कुछ रिश्ते खत्म, इतने भी आसानी से बात-बात पे कभी उसे जिक्र मेरी कर जानी है मीटेगी मेरी, याद उस दिल से हर लम्हा खुबसुरत बना लेना औ
N S Yadav GoldMine
कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम जी} कैकेयी द्वारा वचन मुक्त :- 🌄 भगवान श्रीराम को माता कैकेयी ने मंथरा की चालों में फंसकर उनके राज्याभिषेक से एक दिन पहले उन्हें 14 वर्षों का वनवाद दिलवा दिया था। इसी कारण भगवान श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता सहित वन में चले गए थे। अपने पुत्र के वन जाने के दुःख में राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए थे। इसके बाद जब भरत कैकेय से अयोध्या वापस आये तब उन्हें सब षड़यंत्र का ज्ञात हुआ। जय श्री राधे कृष्ण जी..... भरत गये चित्रकूट :- 🌄 भगवान राम के चित्रकूट में होने का समाचार सुनकर भरत अपनी तीनों माताओं, अन्य राज परिवार के सदस्यों समेत वहां पहुँच गए व प्रभु श्रीराम से अपनी माता के किये कर्मों के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने अयोध्या का राज सिंहासन पुनः भगवान श्रीराम को सौंप दिया व अयोध्या वापस चलने को कहा। इस पर श्रीराम ने स्वयं के पिता के वचन से बंधे होने के कारण वापस अयोध्या लौटने को मना कर दिया। कैकेयी ने वापस लिए दोनों वचन :- 🌄 उस सभा में कैकेयी भी उपस्थित थी व प्रभु श्रीराम के वचनों से बंधे होने की बात सुनकर उन्होंने उसी समय राजा दशरथ से मांगे अपने दोनों वचन वापस ले लिए। उन्होंने राम से अपने किये के लिए क्षमा मांगी व कहा कि वे राजा दशरथ से मांगें अपने दोनों वचनों को अभी वापस लेती हैं ताकि राम पुनः अयोध्या लौट सके। केवल राजा दशरथ को था अधिकार :- 🌄 जब माता कैकेयी ने अपने दोनों वचन वापस ले लिए तब श्रीराम ने उन्हें कहा कि वचन वापस लेने का अधिकार केवल उसी का होता है जिसने वचन दिया हो। चूँकि महाराज दशरथ ने रानी कैकेयी को दो वचन दिए थे जिसमे कैकेयी ने राम को 14 वर्षों का वनवास व भरत का राज्याभिषेक माँगा था। चूँकि रानी कैकेयी ने अपने वचन दशरथ की मृत्यु के बाद वापस लिए थे इसलिये उन्हें माना नही जा सकता था। राजा दशरथ की मृत्यु के पश्चात उनके वचन को पूरा करना श्रीराम का कर्तव्य था। यदि वे जीवित होते और उस समय रानी कैकेयी अपने वचन वापस लेती तब श्रीराम वन में जाने के लिए बाध्य नही होते। इसलिये प्रभु श्रीराम ने माता कैकेयी के द्वारा अपने दोनों वचनों को वापस लिए जाने के पश्चात भी वन में जाने का निर्णय लिया था। ©N S Yadav GoldMine #Pattiyan कैकेयी के द्वारा राम को वचन मुक्त करने के पश्चात भी वे वन में क्यों गए जरूर पढ़िए !! 📜📜 {Bolo Ji Radhey Radhey} {जय श्री सीताराम ज