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mani naman
Unsplash रद्दी अख़बार की मर चुकी ख़बरों के बीच बची-खुची ज़िद्दी और स्वाभिमानी टैग लाइन से बस किसी तरह दो शब्द झाड़ लाया हूँ; तुम हेडलाइन देखकर कन्फ्यूज़ न होना, क्योंकि, अतीत से लाए गए शब्द अपना वजूद खोकर धुंधला ही जाते हैं; बस किसी तरह अपने वाक्यों के बीच मेरे शब्द सहेजकर उन्हें ज़िंदा रख लेना। ©mani naman मेरे शब्द
मेरे शब्द
read moreSatish Kumar Meena
mujhe chod do mere haal pe मैं निराश हूं, कृंदनों से। मुक्त हो जाऊं,, बंधनों से। मुझे समझाने में, बरसों लगेंगे। ज़ख्म गहरे हैं,, जी भर सहेंगे। फंस गए अब, किसी की चाल पे, मुझे छोड़ दो,, मेरे हाल पे।। ©Satish Kumar Meena मेरे हाल पे
मेरे हाल पे
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मेरे दर्द को पढ़ने की कोशिश करते हैं लोग अख़बार की ख़बर नहीं किताबों की बात करते हैं लोग ©हिमांशु Kulshreshtha मेरे दर्द को..
मेरे दर्द को..
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read moreVivek Gautam
परिस्थितियां पक्ष में हों, या विपक्ष में। योद्धा मैदान नहीं छोड़ते।। ©Vivek Gautam मेरे एहसास...
मेरे एहसास...
read moreRakesh frnds4ever
White जब जब भी या जब कभी भी जरूरत थी मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए जरूरी समझा नहीं!!!!:::: अब जब की कुछ भी जरूरी नहीं रहा मेरे लिए ,,तो,,फिर किसी की भी या कुछ भी जरूरी क्या है मेरे लिए!!???!!! _________ ©Rakesh frnds4ever #जब जब भी या जब #कभी भी #जरूरत थी #मुझे ,, तब तो किसी ने कुछ भी मेरे लिए #जरूरी समझा नहीं!!!!:::::: अब जब की #कुछ_भी जरूरी नहीं रहा #मे