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theABHAYSINGH_BIPIN

#GoodNight इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जा

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White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा,
टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा।
सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों,
वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा।

ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है,
मुझे भी उस गली का पता बताएगा।
जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है,
जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा।

ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत,
डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा।
जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ,
उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा।

इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब,
साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा।
फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है,
इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा।

©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight 
इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा,
टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा।
सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों,
वहाँ तक मुझको कौन ले जा

Anjali Singhal

"तेरी यादों को चैन कहाँ! इश्क़ की चादर ओढ़े, चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ। सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।" #SAD #Dard whatsapp

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Unsplash "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

©Anjali Singhal "तेरी यादों को चैन कहाँ!
इश्क़ की चादर ओढ़े,
चली आईं शीत लहरों के संग यहाँ।
सुलगा रही हैं दिल में मेरे कोई दर्द नया।।"

#sad #dard #whatsapp

Bharat Bhushan pathak

poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल। फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद

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मकड़ जाल जीवन सखे, कितने इसमें जाल।
फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बदहाल।।
मनुज यहाँ बदहाल,ढूँढ रहा यहाँ रस्ता।
 मुश्किल ढोना हुआ,संघर्षी अभी बस्ता।।
शिक्षक जीवन वही,सब हल करता सवाल।
निकलें हम खुद यहाँ,गहरा भले मकड़ जाल।।

©Bharat Bhushan pathak  poetry lovers poetry in hindi hindi poetry on life hindi poetry poetry
मकड़ जाल जीवन सखे,इसमें कितने जाल।
फँस-फँस इसमें हो रहा,मनुज यहाँ बद

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया, ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।" "वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ, वक़्त आया त

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Unsplash "अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया,
ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।"

"वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ,
वक़्त आया तो वही दोस्त कई बार गिरे।"

"इश्क़ की राहों में सिखलाए न हमको सब्र,
जब संभलना था हमें, टूट के अशआर गिरे।"

"ख़ुद को देखा तो समझ आया हमें ये 'नवनीत',
पत्थरों से जो बचा था, वो मेरे यार गिरे।"

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
"अबके मौसम ने फिर उम्मीद से धोखा दिया,
ख़्वाब टूटे तो कई शाख से बीमार गिरे।"
"वो जो साए थे कभी छाँव की मानिंद यहाँ,
वक़्त आया त

Bharat Bhushan pathak

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#poetry_by_heart 

विधा-संयुक्ता छंद :-वार्णिक
गणावली--
सलगा जभान जभान गा
(१० वर्ण) प्रति चरण।
११२    १२१    १२१  २ 

बढ़ते रहो तुम राह में ।

कुछ प्राप्त हो इस चाह में।।

श्रम पे टिका हर मार्ग है।

यहाँ श्रेष्ठ कर्म सुमार्ग है।।१

सुन जीत है मिलती उसे।

मन जीत की रहती जिसे।।

नहि व्यर्थ हो सुन वक्त जी।

बन ले व्रती तुम शक्त जी।।२

मत हार मान कभी यहाँ।

बस बैठ रत्न मिले कहाँ।।

हम सीख लें कर साधना।

कर कर्म की हम नाधना।।३

कर ध्यान तू इस बात का।

बस आ रहे उस प्रात का।।

वरदान ये हमको मिले।

हर लें सभी शिकव गिले।।

©Bharat Bhushan pathak  love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry on life poetry quotes poetry

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नवनीत ठाकुर

अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान, भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान। जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ, अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

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कमियां मेरी, मेरी पहचान बन गई,
हर ठोकर से मेरी राह जान बन गई।
हर मोड़ पर मिला एक नया इम्तिहान,
उन्हीं सबकों से मेरी उड़ान बन गई।।
अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।।

©नवनीत ठाकुर अलग हूँ मैं, यही है मेरी पहचान,
भीड़ से जुदा, मेरी अपनी दास्तान।
जीवन का मंच है, मैं कलाकार यहाँ,
अपनी तकदीर का हूँ मैं खुद निगहबान।

Ashraf Fani

अदावत की अदालत है साहिब इंसाफ़ नहीं मिल पायेगा कानून यहॉं बेमानी है यहाँ न्याय तड़प मर जायेगा #ashraffani हिंदी शायरी Sushant Singh Rajput 'द

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अदावत की अदालत है साहिब
इंसाफ़ नहीं मिल पायेगा
कानून यहॉं बेमानी है
यहाँ न्याय तड़प मर जायेगा

©Ashraf Fani अदावत की अदालत है साहिब
इंसाफ़ नहीं मिल पायेगा
कानून यहॉं बेमानी है
यहाँ न्याय तड़प मर जायेगा
#ashraffani  हिंदी शायरी Sushant Singh Rajput 'द

RUPESH Kr SINHA

अकेला यहाँ हर कोई

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Ashraf Fani

हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए बनके आदम यहाँ हैं आये हुए जो दिल में दिया वही तो किया बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए हम तो जन्नत से हैं ठ

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हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए
बनके आदम यहाँ  हैं आये हुए
जो दिल में दिया वही तो किया
बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए
हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए

©Ashraf Fani हम तो जन्नत से हैं ठुकराये हुए
बनके आदम यहाँ  हैं आये हुए
जो दिल में दिया वही तो किया
बातों बातों में फिर भी फँसाये हुए
हम तो जन्नत से हैं ठ

Praveen Jain "पल्लव"

#Dosti उड़ानों के पंख सत्ता के यहाँ कटे पड़े है

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White पल्लव की डायरी
धरोहर राष्ट्र की गफलत में पड़ी है
अंधकार है भविष्य इनके
उड़ानों के पँख सत्ता के यहाँ
कटे पड़े है
कौन तराशे युवाओ के हुनर और योग्यता 
शिक्षा विज्ञान सब सियासतों के चंगुल में फँसे है
लतो का चल रहा अड्डा
आवारापन और नशो का शिकार हो रहा है
निखारे गये ना अगर इनके चरित्र
शासन प्रशासन पंगु मिलेगा
डूबेंगे नैतिकता के सब पैमाने
अराजकता का शिकार भारत होगा
                                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Dosti उड़ानों के पंख सत्ता के यहाँ कटे पड़े है
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