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कौशल ~
White कभी जो कोई पुरुष रोये तुम्हारे आगे तो भर लेना बांहो में और संभाल लेना उन्हें। क्योंकि... ये रोये है तो केवल माँ के आगे... दुसरा उस स्त्री के आगे जिस पर ये भरोसा था की वो समझेगी। बिना कुछ सवाल किये उन्हें थपकाते रहना... और आंचल से पूंछना उनके अश्रु ये जो बह रहा है वो लाचारी नही... ये तो दर्द है सफलता असफलता का, तानों का, अकेलेपन का, जोर से रोने का, कई बार...बिखरने का और अंततः वो रोना चाहते है दर्द को कहना चाहते है कि दर्द हुआ है सीने में। जो छुपाए रखा फिजूल में समाज के भय से कोई ये न कहे की मर्द को दर्द नही होता । शायद! ये परिभाषा उसे कभी ठीक नहीं लगी क्योंकि वो पत्थर नहीं है जो महसूस न हो उसे दर्द की बेहद!!! कौशल्या मौसलपुरी जोधपुर ©कौशल ~ #Sad_Status रोता हुआ पुरुष
#Sad_Status रोता हुआ पुरुष
read morevksrivastav
Unsplash सलीका कितना भी अच्छा हो बात करने का गलत जगह पे अगर हो तो वो बेकार ही है ©Vk srivastav सलीका कितना भी अच्छा हो #Shayari #poem #Quotes #viral #vksrivastav
सलीका कितना भी अच्छा हो Shayari poem Quotes viral vksrivastav
read moreSANIR SINGNORI
कितना, खूबसूरत लगता था मुस्कुराता हुआ ये चेहरा.. आसमां से उतर आई हो 'सानिर', जैसे कोई अप्सरा... 🥀🥰 . ©SANIR SINGNORI कितना, खूबसूरत लगता था मुस्कुराता हुआ ये चेहरा.. आसमां से उतर आई हो, जैसे कोई अप्सरा...
कितना, खूबसूरत लगता था मुस्कुराता हुआ ये चेहरा.. आसमां से उतर आई हो, जैसे कोई अप्सरा...
read moreShiv Narayan Saxena
White ख़ुश हो जाते नेता सब जब, वक़्त वोट का आता है। छुपे हितों को पूरा करने, वादे लेकर आता है।। जनता देश ठगे जाते हैं, नेता ख़ूब कमाता है। सत्ता का उद्योग जहॉं पर, फलीभूत हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #election2024 जब वक़्त वोट का आता है..... hindi poetry
#election2024 जब वक़्त वोट का आता है..... hindi poetry
read morekevat pk
White उनसे दूर जाने पर दिल उदास है ,पर फिर सोचता हूं मैं वापस उनसे मिलने की खुशी से कम और सारी उदासी दूर।। ©kevat pk # उनसे दूर हुआ
# उनसे दूर हुआ
read moreनवनीत ठाकुर
White क्या कहें, ये दौर कितना बदल गया, हर इंसान अपने ही साए से जल गया। इज्जत अब बस नामों तक रह गई है, असलियत झूठ की चादर में ढह गई है। जो सपने कभी जमीर ने सजाए थे, अब दौलत की ठोकर से मिटाए गए हैं। हर ख्वाब जो आँखों में पलता था, उसकी कीमत सिक्कों में लिखी गई है। मगर ये सिलसिला ज्यादा नहीं चलेगा, हर झूठ का नकाब एक दिन गिरेगा। ईमान की चिंगारी फिर शोला बनेगी, और सच्चाई हर अंधेरे को जलेगी। ©नवनीत ठाकुर #ये दौर कितना बदल गया है
#ये दौर कितना बदल गया है
read moreF M POETRY
White ग़मगीन है ये क़ल्ब बेशुमार क्या हुआ.. है क़ल्ब बहुत ज्यादा बेकरार क्या हुआ.. घर बार है हयात है दुनियाँ में सब तो है.. पाया न मैंने सिर्फ तेरा प्यार क्या हुआ.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #क्या हुआ...
#क्या हुआ...
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