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dilkibaatwithamit
White दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हालात पे हँसता हूँ मैं पहले रोता हूँ मेरे यार तेरी फुर्क़त में बाद में वक्त ए मुलाक़ात पे हँसता हूँ मैं मेरी आदत तुझे मालूम नही है शायद हँसने वाले तेरी हर बात पे हँसता हूँ मैं कल मुझे तेरे जवाबों पे हँसी आती थी और अब खुद के सवालात पे हँसता हूँ मैं कर दिए जिसने यहाँ मशअले मसाईल कितने यार आरिज़ तेरी उस ज़ात पे हँसता हूँ मैं ... ©dilkibaatwithamit दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
दिन पे हँसता हूँ कभी रात पे हँसता हूँ मैं अब तो खुद खुद के ख़यालात पे हँसता हूँ मैं पहले पहले तो ज़माने पे हँसी आती थी और अब यार के हा
read morePrem Kashyap
White खुद पे भरोसा हो तो आप हर मुसीबत से निकल सकते है..🔥 ©Prem Kashyap खुद पे भरोसा हो तो #viral #Trending #motivate
Anand Paras
White फुर्सत मिले तो उन का हाल भी पूछ लिया करो, जिन के सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो !! ©Anand Paras #Sad_Status कभी फुर्सत मिले तो ❤️#mahakalanand
#Sad_Status कभी फुर्सत मिले तो ❤️mahakalanand
read moreलेखक 01Chauhan1
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है ©लेखक 01Chauhan1 कभी कभी
कभी कभी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली .... कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते... कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं.. कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं.. लाला... ©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..
सहेली... कभी-कभी..लाला..
read moreVEER NIRVEL
सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता... #Veer_Ki_Shayari
सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता... #Veer_ki_Shayari
read moreVEER NIRVEL
सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता... #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता...!! 🥀
सबंध अगर हृदय से हो तो मन कभी नहीं भरता...!! 🥀
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White कभी कभी तलब में इज़ाफ़ा भी कर देती हैं महरूमियाँ एहसास प्यास का बढ़ जाता है सहरा देख कर ©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...
कभी कभी...
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