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Ajita Bansal
New Year 2025 नया साल आया है, नई उम्मीदें लेकर, सपनों की दुनिया अब नये रंगों से सजे। हर दिन हो शुभ, हर रात हो रोशन, खुशियों से भरी हो ये नयी शुरुआत। पुरानी यादों को छोड़, चलें आगे हम, नई राहों पर, नए क़दम। सपने हों पूरे, दिलों में हो विश्वास, साल 2025 हो, सफलता से भरा खास। जो बीता, वह सीख है, जो आने वाला है, वो खुशियों का खजाना, जो हमें पाना है। समय की रेत पर लकीरें न छोड़ें, साथ चलें हम, बस यही है शेरों। नववर्ष की शुभकामनाएं, सबको मिले सुख-शांति, हर दिल में हो प्रेम, और जीवन में हो ध्वनि। साल 2025 हो, हम सब के लिए मंगलमय, नई उम्मीदें, नई शुरुआत, हो सभी के लिए सफलाय। ©Ajita Bansal #Newyear2025 poem of the day
#Newyear2025 poem of the day
read moreAbhi raj
______________________ ❤️🩹🥀क्या होगा....?? *********************** नाराजगी ख़त्म हो जायेगी, रूठ जाने से क्या होगा...!! याद तो फिर भी आएगी, भूल जाने से क्या होगा...!! रिश्ता तो फिर भी रहेगा, छूट जाने से क्या होगा...!! अगर साथ लिखा होगा, जिंदगी के सफर में...!! किस्मत फिर ढूंढ लाएगी, दूर जाने से क्या होगा...!! _______________________ 💗 writer_Abhi💗 *************************** ©Abhi raj #leaf
Fahad
Unsplash the wolf of india says hai ki hamen revival in a ©Fahad #leaf#r#5book
Ubaida khatoon Siddiqui
@ubaidakhatoon ©Ubaida khatoon Siddiqui #leaf #Ubaidakhatoon
Akash Ferozpur
Unsplash hi how are you doing today is the day and I will be with each person in every year walea r you free e to send the aap y to call 🤙🏻 with r n m s a r n a no ©Akash Ferozpur #leaf
kavi abhiraj
कलयुग का है बैर धैर्य से सतयुग सा अब ध्यान कहा हर मन लाखों रावण बैठे न सीता न अब राम यहां ©kavi abhiraj #leaf
Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
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