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Dead Priest
दहेज़ में fridge देदो इसको ☝🏻😂 ताकि जब इसका मुल्ला Boyfriend इसको मारकर fridge में डाल सके ! #Videos
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ख्वाव जमी पर उतरते नही चाँद और मंगल पर जीवन की दुहाई देते है कितने भटकाव पैदा, अवरुद्ध जिंदगी हुयी है राष्ट्रवाद जनता की भलाई और तरक्की का सौपान है मगर आज सियासत की आड़ में कौनसा राष्ट्रवाद पनप रहा है हक सबका मार कर भी कर्जदार देश हो रहा है नैतिकता के अभाव में ,सियासी झुंड लूट में बदल रहा है शक्ति पाकर सत्ता की गुमराह देश को कर रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #alone_quotes हक सबका मारकर भी देश कर्जदार हो रहा है #nojotohindi
#alone_quotes हक सबका मारकर भी देश कर्जदार हो रहा है #nojotohindi #कविता
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी एक मोटर कार लेने की अपना रुतबा देखा तो अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो ©Poet Kuldeep Singh Ruhela बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी एक मोटर कार लेने की अपना रुतबा देखा तो अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो
बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी एक मोटर कार लेने की अपना रुतबा देखा तो अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो #शायरी
read moreAJAY NAYAK
पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस रास्ते होते थे अलग अलग बस बहाने होते थे अलग अलग जाते थे तो एक बड़े से गेट से निकलते थे अलग अलग रास्तों से कहीं दिवाल फान कर तो कहीं कटीले तारों के बीच से कभी खुद का पेट दुख रहा है के बहाने से कभी दोस्त का दुख रहा है के बहाने से हद तो तब कर देते थे जब पापा मम्मी बीमार ही हो जाते थे उससे भी ज्यादा हद तब करके निकल जाते थे जब अपनी नाना नानी दादा दादी को ही मार देते थे आधे दिन की छुट्टी के लिए मार भी मिलती थी मास्टर से बहुत जब मौका मिलता था मौका फिर से कोई बहाना तरकीब निकाल निकल लेते थे वो दिन बड़े सुहाने थे न बोझ था न तनाव था जितनी हरियाली खेतो में थी उतनी हरियाली हमारे मनो में थी एक दूसरे के घर वालों को हर रोज मारकर हम सभी दोस्त एक ही रिक्शा में सवार हो घर जाते थे –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस
#पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस #कविता
read moreHimanshu Prajapati
White 👉🏻जिम्मेदारी👈🏻 छोटी हो या बड़ी किसी बात के लिए नहीं लड़ता, जैसा था वैसा ही हूं अब दिखावे की दुनिया में नहीं पड़ता, शांत हूं मुझे शांत रहने दो मैं घमंड के हवा में भी नहीं उड़ाता..! ©Himanshu Prajapati #sad_shayari 👉🏻जिम्मेदारी👈🏻 छोटी हो या बड़ी किसी बात के लिए नहीं लड़ता, जैसा था वैसा ही हूं अब दिखावे की दुनिया में नहीं पड़ता, शांत हूं
#sad_shayari 👉🏻जिम्मेदारी👈🏻 छोटी हो या बड़ी किसी बात के लिए नहीं लड़ता, जैसा था वैसा ही हूं अब दिखावे की दुनिया में नहीं पड़ता, शांत हूं #विचार
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता हूँ फिर वहाँ , घेरकर सब खड़ा ।। मारकर सब डुबकियां , पाप धोने चले । मातु गंगा सोचती , तनय कैसे पले ।। पीर इनकी सब मिटे, और आगे बढ़े । राह जीवन की सभी , स्वयं चलकर गढ़े ।। कष्ट सारे झेलकर , चक्षु जिनके खुले । राम-सिय जपते रहे , श्वास जब तक चले ।। लौट जायें वो सभी, सुगम पथ पर कहीं । विनय करता यह प्रखर , आप ठहरे वहीं ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता ह
उडियाना छन्द :- स्वाद में सब जन बहे , जीव हत्या करें । और देते ज्ञान हैं , पाप क्यों सिर धरे ।। जानते है सब यहीं , पाप है ये बड़ा । देखता ह #कविता
read moreAJAY NAYAK
कुछ अलग तरह का बंदा हूं अँख से अँख मिलेगी तभी समझ आएगा तेरा किससे पड़ा है पाला अँख फोड़कर नही ये आज का वो बंदा है सिर्फ अँख मारकर निकल जाएगा –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #sadak #Eyes कुछ अलग तरह का बंदा हूं अँख से अँख मिलेगी तभी समझ आएगा तेरा किससे पड़ा है पाला
INDIA CORE NEWS
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