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Stories related to फिक्स मटका जोड़ी कल्याण

अनुज

सब कुछ पाकर भी क्यों खाली रहता है इंसान स्वप्न के सागर में क्यों डूबा रहता है संसार क्षण भर में छूटेगा तन से प्राण फिर किस चीज का है अभ

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neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

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White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Himanshu Prajapati

#sad_quotes मोहब्बत करके मुझसे हो गई दूर, मुझे छोड़ कर उसे पसंद किया, उसके साथ‌ उसकी जोड़ी लगती थी जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर..! 36gya

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White मोहब्बत करके मुझसे हो गई दूर, 
मुझे छोड़ कर उसे पसंद किया, 
उसके साथ‌ उसकी जोड़ी लगती थी 
 जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर..!

©Himanshu Prajapati #sad_quotes मोहब्बत करके मुझसे हो गई दूर, 
मुझे छोड़ कर उसे पसंद किया, 
उसके साथ‌ उसकी जोड़ी लगती थी 
 जैसे लंगूर के हाथ में अंगूर..!
#36gya

काव्य महारथी

आ. सत्यभामा सिंह कल्याण मुंबई हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता कविता कोश कविताएं हिंदी कविता

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gudiya

#sad_shayari nojotophoto #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव

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White ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

नवीन आंखों में जो नवीन सपने हैं
 वे ग़ालिब  के सपने हैं ।

गालिब ने खोली गांठ जटिल जीवन की, 
बात और वह बोली नपीतुली थी, हल्के पान का नाम नहीं था।

 सुख की आंखों ने दुख देखा और टिटौली की,
 यों जी भर बहलाया।

 बेशक दाम नहीं था उनकी अंटी में, दुनिया से काम नहीं था 
लेकिन उस को सांस सांस पर तौल रहे थे ।

अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था
 सत्य बोलता था जब मुंह खोल रहे थे ।

ग़ालिब होकर रहे जीत कर दुनिया छोड़ी
 कवि थे, अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ी।
-त्रिलोचन

©gudiya #sad_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi 
ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं,
बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है ।

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