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NAVRANG
Unsplash बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो ©NAVRANG #traveling बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो
#traveling बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो हर हाल में चलना सीखो
read moreGhanshyam Ratre
गुजर रहे हैं दिन गुजर रहें हैं महिने अब आने वाले हैं नया साल। कभी खुशीयों में कभी गम से गुजर रहे जिंदगी के हाल- चाल।। ©Ghanshyam Ratre वक्त
वक्त
read moreआधुनिक कवयित्री
White वक्त अपना हैं, पर वक्त पर कोई अपना नहीं होता। तो फिर इसे क्यों बरबाद करते हैं, जिंदगी एक बार ही मिलती हैं। चलो इसे अपने नाम करते हैं। ©आधुनिक कवयित्री वक्त अपना......
वक्त अपना......
read moreKuldeep KumarAUE
White समय कुछ और कहता है वक्त कुछ और कहता है न जाने क्यों ऐसा हर वक्त होता है ©Kuldeep KumarAUE #sad_quotes समय कुछ और कहता है वक्त कुछ और कहता है न जाने क्यों ऐसा हर वक्त होता है #kuldeepkumaraue
#sad_quotes समय कुछ और कहता है वक्त कुछ और कहता है न जाने क्यों ऐसा हर वक्त होता है #kuldeepkumaraue
read moreRAVI PRAKASH
White वो दिन नहीं वो रात नहीं वो पहले जैसे जज़्बात नहीं होने को तो हो जाती है बातें उनसे मगर बातों में वो पहले जैसी बात नहीं ! ©RAVI PRAKASH #good_night वो दिन नहीं वो रात नहीं
#good_night वो दिन नहीं वो रात नहीं
read moreShiv Narayan Saxena
बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार। बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।। धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान। बीते दिन बरसात के, धुंध नयी मेहमान।। सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात। आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।। बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय। आया मौसम शौकिया, सब का मन हर्षाय।। मिलन अश्रु नहिं नयन मॉं, बीत गयी बरसात। अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।। ©Shiv Narayan Saxena #बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
#बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
read moreनवनीत ठाकुर
वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है, काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है। दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल, अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल। ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार, आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार। तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम, इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है, नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है। वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ, किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां? पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान, जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान। ©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
read moreMahesh Patel
White सहेली..... रात को तुम्हारी यादें सोने नहीं देती.. और दिन में हम भूल नहीं पाते.. लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... रात दिन... लाला...
सहेली... रात दिन... लाला...
read moreDr. H(s)uman , Homoeopath
White एक वक़्त था जब मैं उससे वक़्त मांगा करती थी अब वक़्त ये है कि वो मुझे वक़्त दे भी दे तो वो एहसास ही नहीं है # वक्त वक्त की बात है । ©Dr. H(s)uman , Homoeopath #वक्त