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मिहिर
White झूठ है हार जाना जीत जाना ईर्ष्या और घृणा करना पूंजीवादी और धार्मिक होना हिंसक और उग्र होना और सब से बड़ा झूठ बड़ा और सफल आदमी बनना तो सच है क्या !! प्रेम करना करुणा रखना प्रकृति को जानना प्रकृति जैसा होना अहिंसा को चुनना और सच है आदमी बनना आदमी बने रहने की कोशिश करना ©मिहिर #सच है क्या
Shishpal Chauhan
अ इंसान - रोता हुआ आया था रुलाते हुए जाएगा, क्या साथ लेकर आया था जो अब तू लेकर जाएगा। संपति घर बार सब यहीं छूट जाएगा, कोई न तेरा साथ निभाएगा । माना कि जवानी के दम पर कुछ दिन खुशी मनाएगा, परंतु एक दिन चेहरा मुरझा जाएगा। कर स्वयं से वादा दिल न किसी का दुखाएगा, गहराते हुए दुखों में भी चेहरे पर मुस्कान दिखाएगा। मत बोलिए कड़वे बोल जिससे दूसरा आहत हो जाएगा, पल भर की जिंदगी आज यहां है पता नहीं कल देख पाएगा। कर ले ईश्वर से बंदगी बस आखिर वही काम आएगा, कर ले अच्छे कर्म एक दिन मिट्टी में मिल जाएगा। कहे चौहान सब धरा यहीं रह जाएगा, राम नाम है सुखदाई जीवन संवर जाएगा। ©Shishpal Chauhan # जीवन क्या है
# जीवन क्या है #कविता
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। #शायरी
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ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। #शायरी
read moreSelf Made Shayar
कुछ दर्द उधार है अभी,इसे उतारना होगा अभी कमियां हैं बहुत सी मुझमें , खुद को संवारना होगा।💯 ©Self Made Shayar #कमी