Find the Latest Status about अटल बिहारी वाजपेयी की कविता संग्रह from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अटल बिहारी वाजपेयी की कविता संग्रह.
tcp
White जाने क्यूं है दरार इतना हम दोनों के बीच? जाने क्यूं है दरार इतना हम दोनों के बीच? भले ही मेरे दिल में तुम अब भी करीब हो, और हर पल रहोगे, लेकिन फिर भी, बस एक बार के लिए ही सही मुझे अपने नज़रों से अपने पास तो खींच. तुम्हारी हसी रात को मेरे कानों में गूंजती है, अक्सर तुम्हारी यादें मेरी नींद उड़ा देती है, ये क्या अजीब इम्तेहान है मेरा, मुझे तो नींद से बहुत प्यार था, नींद के आगे कोई नहीं था, लेकिन अब वो भी घबराती है मेरे पास आने से, शायद उसको तुम्हरी भनक लग गई है.... ©tcp कविता संग्रह
tcp
White दस महीने कोख में रख कर जन्म देने वाली माँ । शिशु का पहला आहार देने वाली माँ । शिशु के मुँह से निकलने वाला पहला शब्द माँ । चोट लगने पर पुकारे माँ । जिन्दगी का आखरी शब्द माँ । जिन्दगी भर का साथ है माँ । दूनिया ब साने वाली माँ । देना है तो माँ को सहारा दो। आश्रय दो , धक्का न दो। माँ को दादी माँ ,नानी माँ बनाओ। आय्याम्मा नहीं । माँ माँ माँ सिर्फ माँ हैं जननी है माँ । ©tcp कविता संग्रह
tcp
White श्रोता आपस में मरें कटें कवियों में फूट नहीं होगी, कवि सम्मेलन में कभी, किसी की कविता हूट नहीं होगी; कवि के प्रत्येक शब्द पर जो तालियाँ न खुलकर बजा सकें, ऐसे मनहूसों को, कविता सुनने की छूट नहीं होगी। कवि की हूटिंग करने वालों पर, हूटिंग टैक्स लगाने दो, बस एक बार, बस एक बार, मुझको सरकार बनाने दो। ठग और मुनाफाखोरों की घेराबंदी करवा दूँगा, सोना तुरंत गिर जाएगा चाँदी मंदी करवा दूँगा; ©tcp कविता संग्रह
tcp
White तू सोचता है कि दुनिया ने दिया क्या है ! किसी ने ताउम्र तेरे वास्ते, किया क्या है ! चाहत तो पाल रखी है हर चीज़ पाने की, मगर दुनिया के वास्ते तूने किया क्या है ! मुफ़्त में ही नाम और सौहरत तो चाहिए, आखिर कमाल ऐसा तुमने किया क्या है ! तेरी दौलत भी तो मिल्कियत है ख़ुदा की, फिर भी कहता है कि हमने लिया क्या है ! ज़रा सा चैन से भी जीना सीखलो "मिश्र", वर्ना तो खुदा पूछेगा कि तूने जिया क्या है ©tcp कविता संग्रह
tcp
Black संकल्प हमारी पहचान है फिसलन विषयों में अब-तक राग है उठना ही जिन्दगी है गिरना शोभा देता नहीं है ।।1।। ---------------------------------------- उठने में परम आनंद है विषयानुराग मौत-ही मौत है जिन्दगी द्वार खड़ी है, दरबाजा खोल, संकल्प तुम्हारी पहचान है ।।2।। ------------------------------------------ गिरेगा कैसे? जब हाथ पकड़े है राम तेरे प्रण टूटेगा नहीं तेरा जब खूद में तु व्यस्त है ।।3।। ------------------------------------ ©tcp कविता संग्रह
tcp
अमर वीर वे, सैनिक ! जो भारत माता की रक्षा को बर्फीली सरहद पर, डटे हुए दुश्मन को मारें या ख़ुद ही मरते रहते बलिदान ही अपना गर्व समझते वे गढ़ते नहीं शौर्य की कविता बल्कि,जी जाते हैं वे शौर्य की कविता, वे,जो पथरीली धरती का सीना, हल के फलों से,चीर चीर कर बीज अंकुरित करते हैं कविता कभी नहीं वे गढ़ते.... हर रोज़ परिश्रम की कविता वे जीते हैं, हाँ,कविता गढ़ना बहुत सहज पर काविता जी लेना, है मुश्किल ©tcp कविता संग्रह
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
Negi Girl Kammu
मृत्यु अटल सत्य है, यह बात जानते हुए भी , इंसान दुनिया की व्यर्थ मोह माया में उलझा रहता है । सत्य यही है ,कि इंसान कभी सत्य को स्वीकारना पसंद करता ही नहीं है। वह जानता है कि ,वह इस दुनिया में आया हुआ एक मेहमान है । समय समाप्त होने पर उसकी मेहमान नवाजी खत्म हो जाएगी । और उसे जाना होगा प्रभु के श्री चरणों में अपने परमधाम को । परन्तु उसके बावजूद भी इंसान ,व्यर्थ की मोह माया में उलझा रहता है। उसे कल की फिक्र है ,अपनों की चिंता है और दो पैसे का लालच हैं। वास्तव में मनुष्य का जीवन दुविधा में पड़ा हुआ है। समय से पहले इस सत्य को दिल से स्वीकार करें तो वह जी नहीं सकता। और अधिक समय तक इसे स्वीकार न करें तो वह दुखों से गिर जाता है। क्योंकि आने वाले कल की चिंता को लेकर , मनुष्य का आज भी बिगड़ जाता है। इसीलिए इस परम सत्य को बुलाकर जीना भी मानव के हित में। ©Negi Girl Kammu मृत्यु अटल सत्य।
"Vibharshi" Ranjesh Singh
Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh मैं भी एक बिहारी हूं